Property Update : ग्रेटर नोएडा में प्रॉपर्टी खरीदते समय जरुर ध्यान रखें ये बातें वरना हो जाएगी मुसीबत
NEWS HINDI TV, DELHI: यदि आप नोएडा या ग्रेटर नोएडा में प्रॉपर्टी( Property in Greater Noida ) या फ्लैट खरीदना चाहते हैं तो बेहद सावधानी से कदम उठाने की जरूरत है। आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि डेवलपर्स ने यूपी सरकार की 2023 रियल्टी नीति( realty policy 2023 ) का पालन किया है या नहीं... बता दें कि अब जब कम से कम 30 रियल एस्टेट डेवलपर्स यूपी सरकार की 2023 रियल्टी नीति के तहत अपना बकाया चुकाने के लिए सहमत हो गए हैं।
इससे ग्रेटर नोएडा में 6500 से अधिक अपार्टमेंट जल्द ही रजिस्टर हो सकते हैं। ऐसे में यदि रियल एस्टेट निवेशक( real estate investment ) अपना पैसा नोएडा-ग्रेनो स्थित प्रॉपर्टी में लगाना चाहते हैं तो उन्हें मार्केट के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। 2023 रियल्टी नीति के तहत, ग्रेटर नोएडा में 30 रुकी हुई आवास परियोजनाओं( housing projects in greater noida ) के रीयलटर्स कुल 350 करोड़ रुपये का भुगतान करेंगे और अपनी परियोजनाओं में 6,500 अपार्टमेंट की रजिस्ट्रियां कराने की अनुमति प्राप्त करेंगे।
ग्रेटर नोएडा में 30 डेवलपर्स आए आगे-
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण( Greater Noida Authority ) के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौम्या श्रीवास्तव ने कहा कि हम सभी रीयलटर्स से इस योजना का लाभ उठाने और रजिस्ट्री की अनुमति प्राप्त करने के लिए संपर्क कर रहे हैं ताकि घर खरीदारों को परेशानी ना हो। इस पहल में कम से कम 30 ग्रेटर नोएडा डेवलपर्स ने अपनी सहमति दी है और समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। ये अटकी हुई आवास परियोजनाओं में तैयार इकाइयों की रजिस्ट्रियां( Greater Noida registry ) करने के लिए पात्र बनने के लिए बकाया राशि का 25 फीसदी भुगतान करेंगे। ग्रेटर नोएडा में जिन डेवलपर्स ने नोएडा में सरकारी सौदे को स्वीकार किया है, उनमें 13 रीयलटर्स शामिल हैं।
क्या है यूपी सरकार की नीति?
21 दिसंबर, 2023 की नीति के प्रावधानों के तहत, रियल एस्टेट डेवलपर्स( real estate developers ) दो साल के लिए दंडात्मक ब्याज पर छूट का लाभ उठा सकते हैं। इस अवधि में कोरोना काल और अदालत के आदेशों के कारण निर्माण बाधित होने वाला समय शामिल है। दंडात्मक ब्याज में कटौती के बाद, ये 30 डेवलपर्स अपार्टमेंट की रजिस्ट्री के लिए पात्र बनने के लिए कुल बकाया का 25 फीसदी भुगतान करने पर सहमत हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि आगे और 30 रीयलटर्स के द्वारा बकाया का भुगतान करने के लिए सहमत होने की संभावना है।
प्राधिकरणों की कितनी राशि बकाया?
नोएडा में 32,000 यूनिट वाली 57 आवासीय परियोजनाएं और ग्रेटर नोएडा में 75,000 इकाइयों वाली 96 परियोजनाएं हैं, जो इस नीति से लाभ पाने के लिए पात्र हैं। अनुमान के मुताबिक, नोएडा के रियलटर्स पर लगभग 8,000 करोड़ रुपये का बकाया है। यही नहीं ग्रेटर नोएडा के रियलटर्स ने रुकी हुई परियोजनाओं के लिए लगभग 5,500 करोड़ का भुगतान करने में चूक की है।
डिफॉल्टर डेवलपर्स का आवंटन हो सकता है रद्द-
नीति के तहत, प्राधिकरण के पास डिफॉल्टर रीयलटर्स के आवंटन को रद्द करने का अधिकार है। यानी प्राधिकरण बकाए का भुगतान नहीं करने वाले रीयलटर्स की अधूरी परियोजना को अपने कब्जे में ले सकता है। यह नीति प्राधिकरण को तीन औद्योगिक निकायों - नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे के अधिकार क्षेत्र में डिफॉल्टर डेवलपर को पांच साल की अवधि के लिए ब्लैकलिस्ट करने का अधिकार भी देती है। अधिकारियों ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में कम से कम 96 रुकी हुई परियोजनाएं हैं, जिनमें 75,000 यूनिट शामिल हैं, जो 2023 की नीति का लाभ प्राप्त करने की स्थिति में हैं।
एक-दो माह में प्रक्रिया पूरी होने की संभावना-
अधिकारियों ने कहा कि एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, प्राधिकरण जरूरी अनुमति जारी करेगा और प्रक्रिया एक या दो महीने में पूरी हो जाएगी। प्राधिकरण ने तीन समितियों का गठन किया है - प्रत्येक की अध्यक्षता एक उप महाप्रबंधक करेगा ताकि बाकी बचे रीयलटर्स से बकाया राशि का भुगतान कराया जा सके और रजिस्ट्री की अनुमति दी जा सके।
नोएडा रजिस्ट्रियां-
नोएडा में, रुकी हुई आवास परियोजनाओं के 57 रियल एस्टेट डेवलपर्स में से केवल 13 नई नीति के तहत ब्याज छूट का लाभ उठाने के बाद अपने बकाया का भुगतान करने के लिए आगे आए हैं। यही वजह है कि नोएडा प्राधिकरण ने रीयलटर्स को अल्टीमेटम जारी किया है कि या तो वे 21 दिसंबर, 2023 की नई रीयल्टी नीति के अनुसार भूमि बकाया का भुगतान करें या कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें। इन 13 में से सात ने पहले ही बकाया राशि का भुगतान कर दिया है। बाकियों ने सहमति दे दी है और ये रजिस्ट्री की अनुमति प्राप्त करने के लिए भुगतान करने की प्रक्रिया में हैं।
नोएडा के डेवलपर क्यों हैं पीछे?
ऐसा क्यों है कि ग्रेटर नोएडा के अधिक डेवलपर अपना बकाया चुकाने के लिए आगे आ रहे हैं लेकिन नोएडा में ऐसा नहीं है? ग्रेटर नोएडा के डेवलपर्स बड़ी संख्या में अपना बकाया चुकाने के लिए आ रहे हैं क्योंकि प्राधिकरण की जो राशि उन पर बकाया है वह छूट प्रदान करने वाली नीति के तहत बहुत कम है। नोएडा में सुपरटेक ग्रुप, एटीएस, प्रतीक ग्रुप, गार्डेनिया ग्लोरी सहित अन्य प्रमुख डेवलपर्स पर 100 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि ये डेवलपर्स बकाया भुगतान करने का मन बनाने से पहले अधिक छूट की भी मांग करते हैं। ग्रेटर नोएडा में ज्यादा डेवलपर्स बकाया चुकाने के लिए इसलिए आगे आ रहे हैं क्योंकि उनका बकाया 100 करोड़ रुपये से कम है।
क्या आप नोएडा या ग्रेटर नोएडा में निवेश करना चाहते हैं?
एनरॉक ग्रुप के क्षेत्रीय निदेशक एवं अनुसंधान प्रमुख, प्रशांत ठाकुर ने कहा- अधिक डेवलपर्स अपना बकाया चुकाने के लिए सहमत हुए हैं जो परियोजना के पूरा होने का संकेत देता है। फिर भी, निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए और निवेश करने से पहले डेवलपर की प्रतिष्ठा, परियोजना अनुमोदन, समय पर पूरा होने का ट्रैक रिकॉर्ड और वित्तीय स्थिरता पर गहन शोध करना चाहिए। यदि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रॉपर्टी(Property Rates in Greater Noida ) खरीदना चाहते हैं तो पूरी तरह से जांच परख कर लें। बेहतर होगा कि किसी योग्य रियल एस्टेट सलाहकार( Real Estate advisor ) से मार्गदर्शन लें। छोटे ब्रोकर के चक्कर में ना पड़ें क्योंकि ये भ्रामक जानकारी दे सकते हैं। परियोजना पूरी होगी या अधर में लटक जाएगी इसकी स्पष्ट जानकारी प्राप्त करने के लिए डेवलपर्स के ट्रैक रिकॉर्ड और नीति को लेकर उसका रुख भी जानना बेहद जरूरी है।