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RBI MPC : कम हो जाएगी आपकी EMI या बढ़ेगी, आज से शुरू होगी मौद्रिक परिषद की बैठक

RBI Monetary Policy Meeting :रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की आज (3 मार्च) यानी बुधवार से मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग शुरू होगी। यह मीटिंग 5 मार्च तक चलेगी। ये वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मीटिंग होगी।लोगों के मन में इस बार होने वाली मीटिंग को लेकर कई सवाल हैं... क्या आरबीआई (rbi) के फैसले से इस बार आपकी EMI कम होगा?
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RBI MPC : कम हो जाएगी आपकी EMI या बढ़ेगी, आज से शुरू होगी मौद्रिक परिषद की बैठक

NEWS HINDI TV, DELHI:  रिजर्व बैंक की मौद्रिक मंजूरी की बैठक  (rbi mpc meeting)आज से शुरू होगी। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए यह पहली बैठक है। यह बैठक आज से यानी 3 अप्रैल से शुरू होकर 5 अप्रैल तक शुरू होगी। इस मीटिंग के फैसलों का ऐलान 5 अप्रैल को किया जाएगा. लोगों के मन में इस बार होने वाली मीटिंग को लेकर कई सवाल हैं... क्या आरबीआई (rbi) के फैसले से इस बार आपकी EMI कम होगा? आइए आपको बताते हैं इस पर एक्सपर्ट का क्या मानना है... इस समय रेपो रेट्स की दर 6.5 फीसदी है. 


आपको बता दें लगातार 6 बार से रेपो रेट्स की दरों को स्थिर रखा जा रहा है और इस बार भी रेपो रेट्स की दरों में बदलाव (Changes in repo rates) की उम्मीद कम है. एक्सपर्ट का मानना है कि इस बार भी रेपो रेट्स की दरें स्थिर रह सकती हैं. 
 


 

 

 

क्या है SBI एक्सपर्ट का मानना?


SBI के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आरबीआई वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में रेपो रेट्स में कटौती कर सकता है. एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्या कांति घोष ने बताया था कि आरबीआई (rbi latest updates)  फिलहाल अभी अपना रुख नहीं बदलेगा. रेपो रेट्स के दर पर ही आरबीआई बैंकों को लोन देना है. 
 


कुछ देशों ने शुरू किया रेट कट


दुनिया के अगर दूसरे देशों की बात की जाए तो स्विट्जरलैंड पहली बड़ी इकोनॉमी है, जिसने नीतिगत दरों में कटौती (policy rate cut) की है. इसके बाद में जापान ने भी 8 साल बाद ब्याज दरों के निगेटिव रुख को बदल दिया है. 

Repo Rate क्या होता है ?


रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर भारत का केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) कमर्शियल बैंकों को लोन देता है. इसी के आधार पर लोन लेने वालों की ईएमआई तय की जाती है. रेपो रेट्स बढ़ने पर बैंक लोन की ब्याज दरों में इजाफा (Increase in loan interest rates) कर देते हैं. वहीं, रेपो रेट्स घटने पर बैंक लोन की ब्याज दरों में कटौती कर देते हैं. 

रेपो रेट में क्यों होता है बदलाव ?


बता दें कि रिजर्व बैंक महंगाई को नियंत्रण (control inflation) में करने के लिए ब्याज दरों में इजाफा और कटौती करता है. यह मुद्रास्फीति ही है, जिसे थामने के लिए सारी दुनिया के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी या कटौती करते रहते हैं.


इस वित्त वर्ष में कब-कब होगी मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग-

>> 3-5 अप्रैल, 2024
>> 5-7 जून, 2024
>> 6-8 अगस्त, 2024
>> 7-9 अक्टूबर, 2024
>> 4-6 दिसंबर, 2024
>> 5-7 फरवरी, 2025