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RBI Repo Rate : लोन लेने वालो के लिए जरूरी खबर, जानिए रेपो रेट में कितना होगा इजाफा

Interest Rate on Home Loan : अगर आप अपने लोन की बढ़ी हुई EMI से परेशान हैं, तो आपको जल्द राहत मिलने वाली नहीं है। दरअसल लोन लेने वाले को एक और झटका लगने वाला है। आइए नीचे खबर में जाने...

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RBI Repo Rate : लोन लेने वालो के लिए जरूरी खबर, जानिए रेपो रेट में कितना होगा इजाफा

NEWS TV HINDI, DELHI: अगर आप अपने लोन की बढ़ी हुई EMI से परेशान हैं, तो आपको जल्द राहत मिलने वाली नहीं है। बल्कि आने वाले दिनों में आपको अपनी लोन ईएमआई में ज्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं। आरबीआई फिर से रेपो रेट (RBI Repo Rate) में आक्रामक रूप से बढ़ोतरी कर सकता है। पिछले महीनों के दौरान आरबीआई प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट में 2.5 फीसदी का इजाफा कर चुका है। इससे यह रेट 6.50 फीसदी पर पहुंच चुकी है।


इस हफ्ते अमेरिका में रोजगार के आंकड़े (US Employment Data) जारी होने वाले हैं। इसके साथ ही महंगाई के आंकड़े भी आएंगे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये आंकड़े फेड को ब्याज दरों में आक्रामक बढ़ोतरी के लिए प्रेरित कर सकते हैं। ऐसा हुआ तो भारत में भी रेपो रेट में इजाफे की संभावना काफी बढ़ जाएगी।

आज फेड चेयरमैन का आएगा बयान-

दुनिया की दिग्गज फाइनेंस कंपनी यूबीएस (UBS) का कहना है कि भारतीय कंपनियां पहले से ही मुनाफे में कमी से जूझ रही हैं। ब्याज दरें उच्च बनी रहीं, तो इन्हें नुकसान होगा। साथ ही इक्विटी और बांड बाजार के लिए अगले दो हफ्ते महत्वपूर्ण रहने वाले हैं। आज अमेरिकी केंद्रीय बैक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल कैपिटल हिल पर अपनी छमाही मौद्रिक नीति के बारे में बताएंगे। इसके बाद 10 मार्च को अमेरिका में फरवरी महीने की जॉब्स रिपोर्ट जारी होगी। इसके बाद 14 मार्च को महंगाई के आंकड़े आएंगे।


22 मार्च को आएगा ब्याज दरों पर फैसला-

इसके बाद 22 मार्च को यूएस फेड अपने पॉलिसी डिसीजन और तिमाही ब्याज दर अनुमानों की घोषणा करेगा। कुछ विश्लेषक फेड द्वारा ब्याज दर में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी करने का पूर्वानुमान जता रहे हैं। इससे पहले ब्याज दर में 0.25 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान जताया जा रहा था।
 

कमजोर पड़ सकता है शेयर बाजार-

यूएसबी ने कहा, 'हम मानते हैं कि भारतीय इक्विटी में वैल्यूएशन पर गिरावट का और जोखिम है। ब्याज दरों में बढ़ोतरी या इसके उच्च बने रहने से घरेलू निवेश से मिलने वाला सपोर्ट कमजोर पड़ेगा। प्रमुख घरेलू महंगाई के 6 फीसदी पर बने रहने से भारतीय रिजर्व बैंक भी ब्याज दरों को लेकर आक्रामक रह सकता है।'

हाल के एक नोट में डीबीएस बैंक ने कहा था कि फेड की अनिश्चितता और उच्च अमेरिकी दरें एसेट इनफ्लो और भारत सहित स्थानीय एशियाई बाजारों की परफॉर्मेंस के लिए नकारात्मक हैं।' जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज में निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, 'अगर अमेरिकी बांड यील्ड विस्तारित अवधि के लिए 4 फीसदी के करीब रहती है, तो भारतीय शेयर बाजार विदेशी संस्थागत निवेशकों के बिकवाली दबाव से कमजोर हो सकता है। यह एफपीआई के लिए आकर्षक रिस्क फ्री इन्वेस्टमेंट है।