Reserve Bank of India : अब कार व बाइक खरीदना होगा महंगा, RBI ने किया ये बड़ा ऐलान
NEWS HINDI TV, DELHI : अगर भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) आने वाली एमपीसी बैठकों (MPC meetings) में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कटौती नहीं करता है, तो ऑटो लोन और महंगा होने की पूरी संभावना है। इसका सीधा असर यात्री वाहनों की बिक्री (sale of vehicles) पर पड़ेगा। मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (Marketing and Sales) शशांक श्रीवास्तव ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि इस साल इंडस्ट्री सिंगल डिजिट ग्रोथ (Industry single digit growth) के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि 2023 में रिकॉर्ड 41.08 लाख यूनिट्स के ऊंचे बेस के चलते पैसेंजर व्हीकल्स की सेल्स ग्रोथ सिंगल डिजिट में रह सकती है।
श्रीवास्तव ने कहा कि देश की कुल आर्थिक वृद्धि (total economic growth) एक सकारात्मक फैक्टर है। श्रीवास्तव ने कहा, ‘वाहन उद्योग की वृद्धि काफी हद तक कुल अर्थव्यवस्था की वृद्धि पर निर्भर करती है। प्रति व्यक्ति जीडीपी ग्रोथ रेट (per capita gdp growth rate) 6-6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। दोनों के बीच अधिक जुड़ाव होता है। इसलिए यह एक सकारात्मक पक्ष है।’
ऑटो लोन के महंगे होने की आशंका
श्रीवास्तव ने कहा है कि, ‘हम बहुत ऊंचे बेस पर पहुंच गए हैं। इस बेस पर लगातार ग्रोथ हासिल करना कुछ मुश्किल है। हमने देखा कि 2021 में ग्रोथ लगभग 27 प्रतिशत थी, 2022 में यह 23 प्रतिशत थी। 2023 में यह 8.3 प्रतिशत है। इसलिए मेरा अनुमान है कि इस साल ग्रोथ सिंगल डिजिट में रहेगी।’ श्रीवास्तव ने कहा कि ऑटो लोन की दरों (auto loan rates) में संभावित बढ़ोतरी भविष्य की मांग को प्रभावित कर सकती है। पिछले साल से रेपो दर (repo rate) में ढाई प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस बढ़ोतरी को अभी पूरी तरह खुदरा स्तर पर ट्रांसफर नहीं किया गया है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि होम लोन में फ्लोटिंग दरों की वजह से रेपो दर में वृद्धि तुरंत रिटेल लोन रेट्स में आती है। लेकिन ऑटो लोन (auto loan) के मामले में लगभग 98 प्रतिशत कर्ज निश्चित या फिक्स्ड दरों पर होता है।
काफी मॉडल्स में नहीं है वेटिंग पीरियड
ये कहा गया है कि अब तक रेपो रेट (repo rate) में 2.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी में से 1.3 प्रतिशत खुदरा ऑटो लोन (Retail Auto Loan) में आया है। यदि इस साल नीतिगत दर में कटौती नहीं होती है, तो ऑटो लोन 1.2 प्रतिशत और महंगा हो सकता है। उन्होंने कहा कि ब्याज दर में संभावित वृद्धि के अलावा जो अन्य कारक पैसेंजर व्हीकल की बिक्री को प्रभावित कर सकते हैं, उनमें दबी मांग का समाप्त होना और मैन्यूफैक्चरर्स द्वारा 2023 की समाप्ति से पहले स्टॉक में किया गया ‘करेक्शन’ शामिल है। उन्होंने कहा कि 2023 की शुरुआत में बड़े स्तर पर पेंडिंग बुकिंग थी। लेकिन साल के दौरान धीरे-धीरे यह कम हो गई है। ज्यादातर मॉडल के लिए अब वेटिंग पीरियड समाप्त हो चुका है।