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Rice Price : सरकार ने आम जनता को दी बड़ी राहत, अब बेहद सस्ता मिलेगा चावल, जारी हुए रेट

Rice Price : आपको बता दें कि सरकार ने आम जनता को महंगाई के इस दौर में बड़ी राहत प्रदान की है। आपको बता दें कि अब सरकार देश की जनता को बेहद सस्ते दामों पर चावल उपलब्ध कराएगी। बता दें कि इससे पहले सरकार लोगों को आटा और दाल भी बहुत कम दामों पर बेच रही है। तो ऐसे में अब लोगों को अब चावल भी सस्ता मिलेगा। सरकार ने चावल के सस्ते दाम जारी कर दिए है। आईए नीचे खबर में जानते हैं.
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Rice Price : सरकार ने आम जनता को दी बड़ी राहत, अब बेहद सस्ता मिलेगा चावल, जारी हुए रेट

NEWS HINDI TV, DELHI: भारत सरकार( Indian government ) ने महंगाई के मुंह पर तमाचा मारने की शुरुआत कर दी है। देश में फूड की कीमतों में जारी बढ़ोतरी को काबू करने के लिए भारत ब्रांड के तहत खाद्य सामग्री बेचने की योजना बनाई है। पिछले एक साल में चावल( Bharat Rice ) की खुदरा कीमतों में 15 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

इसके बीच सरकार उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए 29 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर भारत चावल( Bharat chawal ) बाजार में उतारेगी। सब्सिडी वाला चावल पांच किलो और 10 किलो के पैक में उपलब्ध होगा। बता दें कि इसकी शुरुआत सरकार आज यानी 6 फरवरी से करने जा रही है।

भारत ब्रांड के तहत होगी बिक्री-


एक सरकारी बयान में कहा गया है कि खाद्य मंत्री पीयूष गोयल राष्ट्रीय राजधानी के कर्तव्य पथ पर भारत चावल( bharat chawal price ) की पेशकश करेंगे। पहले चरण में भारतीय खाद्य निगम ( Food Corporation of India ) दो सहकारी समितियों, नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नाफेड) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (एनसीसीएफ) के साथ-साथ खुदरा श्रृंखला केंद्रीय भंडार को पांच लाख टन चावल प्रदान करेगा। ये एजेंसियां चावल( Bharat Rice Price ) को पांच किलो और 10 किलो में पैक करेंगी और भारत ब्रांड के तहत अपने बिक्री केन्द्रों के माध्यम से खुदरा बिक्री करेंगी। चावल को ई-कॉमर्स( Bharat rice online ) मंच के जरिये भी बेचा जाएगा।

अच्छी प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद-


ओपेन मार्केट सेल्स स्कीम ( Open Market Sales Scheme ) के माध्यम से समान दर पर थोक यूजर्स को चावल की बिक्री को मिली ठंडी प्रतिक्रिया के बाद सरकार ने एफसीआई चावल( FCI Rice ) की खुदरा बिक्री का रास्ता चुना है। सरकार को उम्मीद है कि भारत चावल के लिए भी अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी, जैसा कि उसे भारत आटा के मामले में मिल रहा है, जिसे समान एजेंसियों के माध्यम से 27।50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जा रहा है और भारत चना को 60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जा रहा है। निर्यात पर प्रतिबंध और वर्ष 2023-24 में बंपर उत्पादन के बावजूद खुदरा कीमतें अब भी नियंत्रण में नहीं आई हैं।


अभी भी है ये समस्या-


सरकार ने जमाखोरी रोकने के लिए रीटेल वेंडर्स, होल सेल वेंडर्स, प्रोडक्शन हाउस वाले और बड़े रीटेल चैन से अपने स्टॉक का खुलासा करने को कहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि ऐसे समय में जब सरकार 80 करोड़ गरीब राशन कार्ड धारकों को मुफ्त एफसीआई चावल प्रदान करती है, इसकी अधिक महंगाई एफसीआई चावल में नहीं हो सकती क्योंकि एफसीआई के पास भारी स्टॉक है और वह ओएमएसएस के माध्यम से अनाज बेचता है। इसलिए महंगाई संभवतः चावल की गैर-एफसीआई किस्मों से आ रही है, जिसका गरीबों द्वारा कम उपभोग किया जाता है और यह महंगाई के रुझान के बारे में सही तस्वीर नहीं देता है।