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Tenant And Land Lord Rights : अगर किराएदार करले आप के मकान पर कब्ज़ा तो अपनाइये ये कानूनी तरीका

मकान मालिक और किराएदार का झगड़ा तो हर दिन का ही खेल है। अगर आप भी इस चीज़ से परेशान यही और आपका किराएदार आप के मकान पर गैरकानूनी तरीके से कब्ज़ा कर बैठा है तो अब घबराइए मत यहाँ आप के अधिकारों के बारे में ही बात की जा रही है। आईये इस के बारे में विस्तार से जानते हैं।  

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Tenant And Land Lord Rights : अगर किराएदार करले आप के मकान पर कब्ज़ा तो अपनाइये ये कानूनी तरीका 

News Hindi TV  (नई दिल्ली)। कई बार लोग अपने घर के खाली कमरे को या फिर पूरे घर को ही किसी को किराए पर दे देते हैं. जब भी कोई मकान मालिक अपनी प्रोपर्टी किसी को किराए पर देता है तो उसे डर होता है कि कहीं किराएदार कुछ साल यहां रहने के बाद उसके घर पर कब्जा ना कर लें. ऐसा कहा जाता है कि अगर कोई किराएदार लंबे समय तक किसी भी प्रोपर्टी में रहता है तो वो उस पर अपना हक जता सकता है और कब्जा भी कर सकता है. कई बार इसी तरह के मसले शायद आपने अपने आस पास भी देखे होंगे.


ऐसे में सवाल यह बनता है कि क्या ये बाते सही हैं? क्या सही में ऐसा कोई नियम है कि कुछ साल बाद किराएदार संपत्ति पर हक जता सकता है या फिर ये बातें गलत हैं? आइए आज किराएदार और मकान मालिक से जुड़े इन जरूरी नियमों को ही जानते हैं. इन्हे जानने के बाद आप आसानी से अपना घर किराए पर दे सकते हैं. अगर आप एक किराएदार हैं तो आपको भी इन नियमों की जानकारी जरूर होनी चाहिए.

कानून के विचार 


कानून के जानकर बताते हैं कि अगर देखा जाए तो किराएदार किसी की संपत्ति पर हक नहीं जमा सकता है. किरायेदार का मालिक की संपत्ति पर कोई हक नहीं होता है. लेकिन, इसका ये मतलब भी नहीं है कि वो ऐसा नहीं कर सकता है. दरअसल, यह भी अलग-अलग परिस्थितियों पर निर्भर करता है. कई परिस्थितियां ऐसी भी होती हैं, जिनमें किराए पर रहने वाला व्यक्ति उस संपत्ति पर अपना हक जाहिर कर सकता है. ट्रांसफर ऑफ प्रोपर्टी एक्ट (Transfer of Property Act 1882) के हिसाब से एडवर्स पजेशन (Adverse possession) में ऐसा नहीं होता है. इसमें जिसके कब्जे में संपत्ति होती हैं, वह उसे बेचने का अधिकारी भी होता है.’ मतलब अगर कोई 12 साल तक किसी संपत्ति पर एडवर्स पजेशन रखता है तो वह संपत्ति पर अधिकार जता सकता है. 


 

एडवर्स पजेशन क्या होता है  


आइए एक उदाहरण से समझते हैं, मान लीजिए किसी व्यक्ति ने अपने जानकार को अपनी प्रोपर्टी रहने के लिए दे रखी है और उस व्यक्ति को वहां रहते हुए 11 साल से ज्यादा का समय ही गया है, तो वह व्यक्ति उस संपत्ति पर अपना अधिकार भी जमा कर सकता है. वहीं, अगर मकान मालिक समय-समय पर किरायेदार से Rent Agreement बनवा रहा है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी. इस स्थिति में कोई भी व्यक्ति मालिक की संपत्ति पर कब्जा नहीं कर पाएगा.


क्या करना चाहिए 


अपने घर को किराए पर देने वाले मकान मालिक को सलाह दी जाती है कि वो समय पर रेंट एग्रीमेंट बनवाते रहें, ऐसा करते हैं तो यह आपके पास एक सबूत के तौर पर रहेगा कि आपने अपनी संपत्ति किसी दूसरे व्यक्ति को किराए पर दे रखी है. इस स्थिति में कोई भी किरायेदार उस संपत्ति का मालिक नहीं हो सकता. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, Limitation Act 1963 के अंतर्गत निजी अचल संपत्ति पर लिमिटेशन की वैधानिक अवधि 12 साल है और सरकारी अचल संपत्ति के मामले में यह अवधि 30 साल की है. यह मियाद कब्जे के दिन से ही शुरू हो जाती है. बता दें कि अगर किसी व्यक्ति ने अचल संपत्ति पर 12 साल से अधिक समय से कब्जा कर रखा है तो कानून भी उसी व्यक्ति के साथ है. 

किरायेदार से ऐसे करवाए घर खाली 

  • अगर आपको लगता है कि किरायेदार आपके मकान या दुकान पर कब्जा कर सकता हैं तो ऐसी स्थिति में आप उससे मकान खाली कराने के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • अगर किरायेदार किराया न दे तो उसका बिजली और पानी का कनेक्शन बिल्कुल न काटे. ऐसे में वह व्यक्तिगत रूप से अपना कनेक्शन ले सकता है.
  • प्रॉपर्टी के कागज हमेशा अपने नाम से बनवाएं. अगर ऐसा नही होता है तो किरायेदार आपको परेशान कर सकता है
  • प्रॉपर्टी खाली कराने के लिए आप किरायेदार पर दबाव बनाएं. इसके लिए आप पुलिस की मदद भी ले सकते हैं.
  • किरायेदार को घर खाली करने का नोटिस भेजते रहें.
  • नोटिस मिलने के बाद भी अगर वह घर खाली नहीं करता हैं तो आप सिविल कोर्ट में एक याचिका दाखिल कराएं. जिसके बाद आपको कानूनी तौर पर घर खाली कराने का अधिकार मिल जायेगा.
  • भारतीय संविधान की धारा आईपीसी 103 के तहत अगर कोई किरायेदार आपके मकान पर कब्जा कर लेता है तो आप उसे बाहर निकलने के लिए बल का भी प्रयोग कर सकते हैं.