FD में निवेश करने के हैं ये 9 बड़े नुकसान, जरा-सा चूके तो उठाना पड़ेगा घाटा
NEWS HINDI TV, DELHI : भारत में जब निवेश की बात आती है, तो बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्प बना हुआ है. अधिकांश भारतीय नियमित रूप से एफडी में निवेश (investment in FD) करना पसंद करते हैं. मई 2022 से एफडी की बढ़ती ब्याज दरों ने भी इसे एक बेहतरीन निवेश विकल्प बना दिया है. न केवल वेतनभोगी वर्ग या वरिष्ठ नागरिक, यहां तक कि मिलेनियल्स भी टर्म डिपॉजिट (Term Deposits) में निवेश करने में रुचि दिखा रहे हैं.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि एक शानदार निवेश विकल्प होने के बावजूद, एफडी में भी कमियां हैं. इसलिए एक निवेशक को इसके बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है. एफडी में निवेश करने के कई फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं. आज हम आपको एफडी में निवेश के 9 नुकसान के बारे में बताने वाले हैं.
1. कम रिटर्न
फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने का नुकसान यह है कि फिक्स्ड डिपॉजिट ब्याज की एक निश्चित दर प्रदान करता है, जो आमतौर पर स्टॉक या म्यूचुअल फंड जैसे अन्य निवेश विकल्पों द्वारा दिए गए रिटर्न से कम होता है.
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2. निश्चित ब्याज दर
फिक्स्ड डिपॉजिट (investment in FD) का एक और दोष यह है कि आवेदन के समय ब्याज दर निर्धारित की जाती है. जब आप एक निश्चित ब्याज दर पर एफडी खोलते हैं, तो आपको अवधि के अंत तक उस दर पर ब्याज मिलता रहता है.
3. लॉक-इन-पीरियड
एक बार जब आप एफडी में निवेश (investment in FD) करते हैं, तो आपका पैसा डिपॉजिट की अवधि के लिए लॉक हो जाता है. इसका मतलब यह है कि आप अपने पैसे का उपयोग तब तक नहीं कर सकते जब तक कि अवधि समाप्त न हो जाए, भले ही आपके पास आपात स्थिति हो.
4. TDS
एफडी पर आप जो ब्याज अर्जित करते हैं वह टैक्सेबल इनकम है. इसका मतलब है कि आपको अर्जित ब्याज पर टैक्स चुकाना होगा. एफडी का ब्याज ‘Income from Other Sources’ की श्रेणी में आता है.
5. महंगाई
टैक्स को ध्यान में रखे जाने के बाद भी निवेश पर रिटर्न आदर्श रूप से महंगाई की दर से अधिक होनी चाहिए. एफडी पर ब्याज दर ज्यादातर महंगाई की दर से कम होती है. ऐसे में अगर एफडी से महंगाई (inflation from FD) को मात देने वाला रिटर्न नहीं मिलता है तो उसमें निवेश करना अच्छा विचार नहीं है. अगर महंगाई दर आपके एफडी पर ब्याज दर से अधिक है, तो समय के साथ आपके पैसे का मूल्य कम हो जाएगा.
6. लिक्विडिटी
एफडी में आपको लिक्विडिटी की दिक्कत होती है. अगर आप जरुरत पड़ने पर एफडी को तोड़ते हैं तो आपको इस पर प्री-मैच्योर पेनल्टी देनी होती है.
7. कोई कैपिटल गेन्स नहीं
आप एफडी पर कोई कैपिटल गेन्स नहीं कमाते हैं.
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8. बैंक दिवालिया हो सकता है
एफडी को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, लेकिन बैंक के दिवालिया होने का खतरा हमेशा बना रहता है. अगर ऐसा होता है, तो आप अपने निवेश का पूरा या कुछ हिस्सा खो सकते हैं.
9. प्रीमैच्योर विड्रॉल पर जुर्माना
बैंक जमाकर्ताओं को अपनी एफडी से प्रीमैच्योर विड्रॉल का विकल्प प्रदान करते हैं. हालांकि, उन्हें प्रीमैच्योर विड्रॉल के लिए शुल्क देना पड़ता है.