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ऐसे मिलता है Savings Account में ब्याज, जानिए पूरा गणित

Business news : कई बैंक सेविंग्स अकाउंट में भी अच्छा ब्याज देते हैं पर कुछ लोगों को इसके ब्याज को समझने में दिक्कत होती है और उसकी वजह से वो सही बैंक नहीं चुन पाते पर आज हम इससे जुडी सारी कंफ्यूशन दूर करने जा रहे हैं 
 
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ऐसे मिलता है Savings Account में ब्याज, जानिए पूरा गणित

NEWS HINDI TV, DELHI : बैंक में बचत खाता होना होना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह इमरजेंसी फंड के रूप में काम करता है. इसमें से जब जरूरत हो पैसे निकाले जा सकते हें. लेकिन यह पैसे अगर एफडी, एनएससी जैसी योजनाओं में डाल दें तो एक तय समय के लिए इन्हें नहीं निकाला जा सकता है. इसलिए बचत खाता होना जरूरी है. बैंक इन बचत खातों में पैसा रखने की एवज में ब्याज भी देते हैं. यह ब्याज 2.7 फीसदी से 4 फीसदी तक या कुछ बैंकों में इससे भी ज्यादा हो सकते हैं. आमतौर पर ज्यादातर प्रमुख बैंक 2.7 फीसदी से 4 फीसदी के बीच ब्याज दे रहे हैं. आईडीएफसी बैंक में यह ब्याज 7 फीसदी है.

लेकिन बहुत से लोगों को यह पता नहीं होता है कि उनके बचत खाते में रखे पैसों पर ब्याज कैसे जुड़ रहा है. बहुत से लोग इस पर ज्यादा ध्यान भी नहीं दे पाते कि उनके अकाउंट में कब और इतना कितना ब्याज जुड़ा है. असल में अब बैंक बचत खाते पर ब्याज डेली बेसिस पर कैलकुलेट करते हैं. कुद बेंक इसे तिमाही आधार पर तो कुछ बेंक इसे छमाही आधार पर आपके खाते में जोड़ देते हैं. जिसकी आपको जानकारी नेट बैंकिंग के जरिए बैलेंस देखने या पासबुक एंट्री देखने पर होती है. इसलिए आपके लिए यह जानना जरूरी है कि ब्याज कैसे जुउ़ता है.

कैसे जुड़ता है ब्याज


मान लीजिए कि महीने की पहली तारीख को आपके एक सेविंग अकाउंट में 1 लाख रुपये हैं. यह बैलेंस पहली से 5 तारीख तक रहता है. मान लीजि कि आपका बैंक या डाकघर आपको 4 फीसदी ब्याज दे रहा है.
1,00,000 (जमा रकम) X 4 %(ब्याज दर)/100 = 4000 रुपये

इस 4000 की रकम को 365 (साल के दिन) से भाग करें

यह 10.95 रुपये होगा, जो एक दिन का ब्याज है. ऐसे में 5 दिन का ब्याज 54.80 रुपये हुआ.

मान लीजिए कि 5 दिन बाद आपके खाते से 40 हजार रुपये निकल गए. अब खाते में 60 हजार रुपये बचेगा. यह रकम 15 तारीख तक पड़ी रही. तो 60 हजार रुपये पर इसी तरह से 15 दिन का ब्याज जोड़ लेंगे. 15 तारीख के बाद बची रकम पर महीने के बचे दिनों पर ब्याज जुड़ जाएगा. इस तरह से पूरे महीने का ब्याज कैलकुलेट हो जाएगा.
 

3 महीने या 6 महीने पर खाते में जुड़ जाता है ब्याज


उपर दिए गए कैलकुलेशन के जरिए कुछ बैंक 3 महीने तो कुछ 6 महीने का कुल ब्याज आपके खाते में डाल देते हैं. ब्याज खाते में जुड़ने के बाद जो रकम होती है, उस पूरी रकम पर आगे इसी तरह से रोज के हिसाब से ब्याज कैलकुलेट किया जाता है.
 

सेविंग्स अकाउंट पर कहां कितना ब्याज


एसबीआई: 2.7 फीसदी
एचडीएफसी बैंक: 3.5 फीसदी
आईसीआईसीआई बैंक: 3 फीसदी
डाकघर: 4 फीसदी
पीएनबी: 3.25 फीसदी
बैंक आफ बड़ौदा: 3.5 फीसदी
एक्सिस बैंक: 3 फीसदी

कितने तरह के सेविंग्स अकाउंट


रेगुलर सेविंग्स अकाउंट
सैलरी बेस्ड सेविंग्स अकाउंट
वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेविंग्स अकाउंट
जीरो बैलेंस्ड सेविंग्स अकाउंट
चिल्ड्रेन या माइनर सेविंग्स अकाउंट