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UP के बैंक मैनेजर का बड़ा करानामा, 60 लोगों के नाम ले लिया करोड़ों का लोन

मुद्रा लोन के नाम पर किसानों ने ठगी करने का मुख्य आरोरी सुरेश रावत है. इसन बैंक मैनेजर और बैंक में काम करने वाले एक अन्य कर्मचारी के साथ मिलकर ये फ्रॉड किया. किसानों की शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले की जांच कर इतने बड़े फ्रॉड का भंडाफोड़ किया.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.
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UP के बैंक मैनेजर का बड़ा करानामा, 60 लोगों के नाम ले लिया करोड़ों का लोन

NEWS HINDI TV, DELHI: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां किसानों के साथ मुद्रा लोन के नाम पर करोड़ों को फ्रॉड हुआ. हैरान करने वाली बात ये है कि इस घोटाले में बैंक के कर्मचारी और मैनेजर तक शामिल हैं. जिन किसानों ने बैंक से एक रुपये का लोन भी नहीं लिया, वो कर्ज में डूब गए.

किसानों के घर पर कुर्की और नीलामी का नोटिस भी पहुंच गया. इस नोटिस में किसानों को चेतावनी दी गई कि अगर निर्धारित समय में कर्ज अदा नहीं किया तो चल और अचल संपत्ति की कुर्की व नीलामी की जाएगी. बैंक से नोटिस देखकर किसान दंग रह गए, क्योंकि वे बैंक लोन लेने तो गए थे मगर उनको कोई बहाना बताकर लोन नहीं दिया गया था.

60 लोगों के नाम से लिए गए लोन:

यह पूरा मामला बाराबंकी के जैदपुर थाना क्षेत्र में स्थित बैंक ऑफ इंडिया की बरौली मलिक ब्रांच से जुड़ा हुआ है. यहां करीब 60 लोगों के नाम से फर्जीवाड़ा कर करीब ढाई करोड़ रुपये का मुद्रा लोन निकाले जाने का मामला सामने आया. जिसमें कुछ रेगुलर लोन हैं, जबकि कुछ टर्म लोन हैं. परेशान होकर पीड़ित लोगों ने पूरी बात पुलिस को बताई. पुलिस ने जब इस मामले में मुकदमा लिखकर पड़ताल शुरू की तो उसके हाथ कई अहम सुराग हाथ लगे.

बैंक मैनेजर भी फ्रॉड में शामिल:

बाराबंकी के अपर पुलिस अधीक्षक डा. अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि जैदपुर थाने में कुछ लोगों ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके नाम से बैंक में लोन शो हो रहा है. जबकि उन लोगों ने बैंक से कोई लोन लिया ही नहीं है. इसपर जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पाया कि इस पूरे मामले में एक बड़ा फ्रॉड किया गया है.

पुलिस की जांच में सामने आया कि जैदपुर के बरौली मालिक में बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच के पूर्व बैंक मैनेजर के रूप में कार्यरत रहे अमन वर्मा ने करीब 60 लोगों को मुद्रा लोन दिया है. जिसमें कुछ रेगुलर लोन हैं, जबकि कुछ टर्म लोन हैं. इसमें लखनऊ के गोसाईंगंज का रहने वाला सुरेश रावत नाम का शख्स भी शामिल है. जो यहां बैंक के एक अन्य कर्मचारी शैलेंद्र के साथ मिलकर ये खेल चला रहा था.


कैसे लगाते थे किसानों को चूना?

जिन किसानों को लोन की जरूरत होती थी, उन्हें यह लोग बरगला के बैंक लाते थे. यह लोग कम पढ़े लिखे लोगों को टारगेट करते थे. ऐसे लोगों को सारे तथ्य बताए बिना उनसे विड्राल फार्म समेत एक साथ सारे फार्म भरवाए जाते थे. इसके बाद किसान के लोन के पैसों को यह लोग मिलकर निकाल लेते थे.

इस काम में एक-दो लोगों के नाम और भी सामने आए हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है. पुलिस इस मामले में ये जानने की कोशिश की जा रही है कि इन लोगों के कनेक्शन कहां-कहां हैं और इन लोगों ने बैंक की और किस-किस ब्रांच में इस तरह का फ्रॉड किया है.