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Success Story : इस शख्स ने दूसरों का सामान बेचकर 12 महीने में कर डाली 500 अरब की कमाई

Success Story : हर कामयाब शख्स के साथ कोई न कोई ऐसी स्टोरी जुड़ी होती है जो उसे कामयाबी की ओर धकेलती है तो ऐसी ही कहानी इस शख्स की है जिसने दूसरों का सामान बेचकर भी 500 अरब की कमाई कर ली। आईए जानते है इस व्यक्ति की पूरी कहानी...
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Success Story : इस शख्स ने दूसरों का सामान बेचकर 12 महीने में कर डाली 500 अरब की कमाई

NEWS HINDI TV, DELHI : पेप्सी, 7अप, ड्यूक जैसी सॉफ्ट ड्रिंक( soft drink ) आपने जरूर पी होगी। अगर आपसे कोई पूछे कि ये सारे कोल्ड  ड्रिंक्स ब्रांड कौन बनाती है तो आप झट से जवाब देंगे, पेप्‍सीको ( PepsiCo )।  लेकिन अगर आपसे पूछा जाए कि ये कोल्ड ड्रिंक्‍स( cold drinks ) जिस बोतल में पैक होकर आप तक पहुंचती हैं, उसे कौन बनाता है ? शायद ही आप इसका जवाब जानते होंगे।

भारतीय कंपनी वरुण बेवरेजज:


अगर नहीं हो आपको बता दें कि पेप्‍सीको की इन बोलतों को भारतीय कंपनी वरुण बेवरेजज ( Varun Beverages ) पैक करती हैं। पेप्सीको के भारत में कारोबार में अहम रोल वरुण बेवरेजज का है। सिर्फ पेप्सीको ही नहीं बल्कि पिज्जा हट, केएफसी , कोस्टा कॉफी के आउटलेट्स का संचालन भी वरुण बेवरेजज ही करती है। ये कंपनी कितनी खास है, ये तो आप इस बात से समझ ही गए होंगे। अब इस कंपनी के पीछे किसका दिमाग है उनसे भी मिलते हैं।


कोला किंग रविकांत जयपुरिया :

वरुण बेवरेजज( Varun Beverages ) के मालिक हैं अरबपति रवि कांत जयपुरिया ( Ravi Kant Jaipuria )। इन्हें देश में 'कोला किंग' ( Cola King )के नाम से जाना जाता है।  साल 2023 में वो काफी चर्चा में रहे। चर्चा होनी भी चाहिए क्योंकि  साल 2023 में यानी एक साल में रविकांत जयपुरिया की कमाई 6 अरब डॉलर यानी करीब 499.17 अरब रुपये बढ़ गई। एक साल में रविकांत ने 500 अरब की कमाई कर ली।  

ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स( Bloomberg Billionaires Index ) के मुताबिक रविकांत जयपुरिया का नेटवर्थ 14.8 अरब डॉलर यानी 1231.29 अरब डॉलर पर पहुंच चुकी है। कमाई और अमीरी के मामले में उन्होंने कोटक महिंद्रा बैंक( Kotak Mahindra Bank ) के उदय कोटक को पीछे छोड़ दिया है। वरुण बेवरेजेस का मार्केट कैप इस दौरान 163418.38 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। 


ऐसे की शुरूआत :

रविकांत जयपुरिया( Ravi Kant Jaipuria ) मारवाड़ी परिवार से आते हैं। उनका परिवार शुरुआत से ही कारोबार से जुड़ा था। उन्होंने अमेरिका में बिजनेस मैनेजमेंट( business management ) की पढ़ाई की । पढ़ाई पूरी कर साल 1985 में वो भारत लौट आए और परिवार के बॉटलिंग कारोबार को संभाल लिया। साल 1987 में परिवार का बंटवारा हो गया। रविकांत के हिस्से में  बॉटलिंग प्लांट( bottling plant ) आया । उन्होंने अपने कारोबार को बढ़ाने का काम शुरू कर दिया। 

वरुण बेवरेजज़ है पेप्‍सी की दूसरी सबसे बड़ी बॉटलिंग पार्टनर:


उनकी कंपनी आरजे कॉर्प ने कुछ ही सालों में पेप्सीको( PepsiCo ) के साथ डील कर ली। उन्होंने कंपनी को दो हिस्से में बांटा और दोनों का नाम अपने बेटे और बेटी के नाम पर रखा।  वरुण बेवरेजज़ और देवयानी इंटरनेशनल दोनों का प्रबंधन आरजे कॉर्प के पास है, जिसके चेयरमैन खुद रविकांत हैं। वो कारोबार को बड़ा कर ही रहे थे कि एक हवाई जहाज दुर्घटना उनकी पत्नी का निधन हो गया। रविकांत को उनके दोनों बच्चों से संभाला और कारोबार में उनके साथ शामिल हो गए। आज अमेरिका के बाहर वरुण बेवरेजज़ पेप्‍सी की दूसरी सबसे बड़ी बॉटलिंग पार्टनर है। 

कोला किंग के कंधों पर भारत में  इन कंपनियों का कारोबार :

रविकांत जयपुरिया( Ravi Kant Jaipuria ) की कंपनी पेप्‍सीको की बॉटलिंग के अलावा उनके प्रोडक्ट का डिस्ट्रिब्‍यूट भी देखती हैृ। वहीं उनकी दूसरी कंपनी देवयानी इंटरनेशनल( Devyani International ) भारत में केएफसी, पिज्जा हट, कोस्टा कॉफी और टीडब्ल्यूजी टी आउटलेट्स( outlets ) का संचालन देखती है। उसके अलावा उन्होंने हेल्थकेयर फर्म मेदांता( Healthcare firm Medanta ) और होटल चेन लेमन ट्री में भी हिस्सेदारी खरीदी है।