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Shaniwar Ke Upay: शनिवार को करने होगें ये कार्य अगर शनि के कष्टों से चाहिए मुक्ति!

Shaniwar Remedies:शनि देव के क्षोभ से हर कोई कांपता है. कहते हैं कि शनि की  दृष्टि शक्ति बेहद कष्टकारी होती है. इससे बचने के लिए शास्त्रों में कई कार्य के बारे में बताया गया है. इनमें एक उपाय खुद भगवान ब्रह्मा ने मुनि पिपलाद को बताया था. 
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शनि देव के प्रकोप  की विधि
  Saturday Remedies: हिंदू धर्म में शनि की कुदृष्टि से इंसान ही नहीं, बल्कि देवता लोग भी थर-थर कांपते हैं.शनि की पीड़ा से बचने और उसे कम करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपायों के बारे में बताया गया है. इन्हीं में से एक उपाय भगवान ब्रह्मा देव ने मुनि पिप्पलाद को बताया था. भविष्यपुराण में इस किस्से का जिक्र मिलता है. मुनि पिप्पलाद को जब अपने बचपन की पीड़ा के बीचे शनि ग्रह के होने का पता लगा था, तो उन्होंने शनि को गुस्से में आकाश से गिरा दिया था. 

उस समय ब्रह्मा जी ने मुनि को ग्रहों को गुस्से और अनादर से शांत करने की जगह पूजन और उपाय से शांत करने की सलाह दी थी. इस समय उन्होंने शनि ग्रह की पीड़ा को शांत करने के उपायों के बारे में भी बताया था. आइए जानते हैं ब्रह्मा जी के इन उपायों के बारे में.  

शनि की पीड़ा से बचने के लिए करें ये काम

भविष्यपुराण में जिक्र मिलता है कि ब्रह्माजी ने मुनि पिप्पलाद को ग्रहों की पीड़ा से छुटकारा पाने के लिए व्रत, भोग, हवन, नमस्कार आदि की सलाह दी थी. ब्रह्मा जी ने बताया कि ग्रहों की पीड़ा को इन तरीकों से शांत किया जा सकता है. शनि की पीड़ा दूर करने के लिए उन्होंने शनिवार को खुद के शरीर पर तेल लगाकर ब्राह्मणों को भी तेल दान करने की सलाह दी. 

इसके अलावा, लोहे के पात्र में तेल भरकर शनि की लोहे की प्रतिमा बनाकर नियमित रूप से उनका पूजन करें. ये उपाय एक साल तक करना है. इसके बाद काले फूल, काले कपड़े,काले तिल, कसार, भात आदि से उनका पूजन करें. इसके बाद काली गाय, काला कंबल, तिल का तेल और दक्षिणा आदि किसी ब्रह्माण को दान में दें. 

शनिवार को करें ये मंत्र और स्तुति


भविष्यपुराण में भगवान ब्रह्मा जी ने बताया है कि शनिवार के दिन शनि का पूजन करें.  इस दिन यजुर्वेद के मंत्र का जाप करें.  

‘शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये.शं योरभि स्त्रवन्तु न:।।’