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Son-in-law's Property Rights : क्या दामाद का ससुर की संपत्ति में होता है अधिकार, कोर्ट ने कर दिया क्लियर

Son-in-law's Property Rights : आपको बता दें कि अक्सर संपत्ति में अधिकार को लेकर वाद-विवाद चलते रहते है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ससुर की संपत्ति में दामाद का कितना अधिकार होता हैं। दरअसल, इसी को लेकर हाईकोर्ट (High Court) ने अपने एक अहम फैसले में यह साफ कर दिया हैं कि दामाद का ससुर की संपत्ति में हिस्सा होता हैं या नहीं, जानिए हाई कोर्ट (High Court) के इस फैसले से जुड़ी पूरी जानकारी...
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Son-in-law's Property Rights : क्या दामाद का ससुर की संपत्ति में होता है अधिकार, कोर्ट ने कर दिया क्लियर

NEWS HINDI TV, DELHI: हाईकोर्ट (High Court) ने दामाद और ससुर के प्रोपर्टी विवाद (Property dispute) में अहम आदेश देते हुए कहा कि दामाद अपने ससुर की संपत्ति और भवन में किसी भी कानूनी अधिकार का दावा (claim legal rights) नहीं कर सकता है। न्यायमूर्ति एन अनिल कुमार ने कन्नूर के तलीपरंबा के डेविस राफेल द्वारा दायर अपील को खारिज करते हुए ये आदेश जारी किया। दरअसल दामाद डेविस राफेल ने सेंशन कोर्ट के (उप-न्यायालय) के उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें अपने ससुर की संपत्ति पर उनके दावे को खारिज कर दिया गया था।


ट्रायल कोर्ट के समक्ष ससुर ने एक मुकदमा दायर किया जिसमें डेविस को उसकी संपत्ति में अतिक्रमण करने या संपत्ति और घर के शांतिपूर्ण कब्जे और खुशहाली में हस्तक्षेप करने से स्थायी निषेधाज्ञा का दावा किया गया था। हेंड्री ने थ्रीचंबरम स्थित सेंट पॉल चर्च के लिए और उसकी ओर से फादर जेम्स नसरथ द्वारा उपहार के आधार पर संपत्ति प्राप्त करने का दावा किया है उनके अनुसार उन्होंने अपने पैसे से पक्का मकान बनाया है और वो अपने परिवार के साथ उसमें रह रहे हैं। उन्होंने तर्क दिया कि उनके दामाद का प्रोपर्टी पर कोई अधिकार।(Son-in-law has no right on property) नहीं है। 


कोर्ट ने दामाद को लगाई फटकार:

दामाद डेविस ने तर्क दिया कि संपत्ति ही संदिग्ध है क्योंकि कथित उपहार चर्च के अधिकारियों की आरे से परिवार के लिए दिया गया था। उन्होंने हेंड्री की इकलौती बेटी से शादी की थी और शादी के बाद उन्हें व्यावहारिक रूप से परिवार के सदस्य के रूप में अपनाया गया था। इस कारण उन्होंने कहा कि अधिकार के रूप में उन्हें घर में रहने का हक है।  निचली अदालत ने माना था कि दामाद का ससुर की प्रोपर्टी (father-in-law's property) पर कोई अधिकार नहीं है।  


हाईकोर्ट (High Court) ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कहा कि दामाद को परिवार का सदस्य मानना ​​मुश्किल है। अदालत ने ये भी कहा कि , “दामाद के लिए यह दलील देना शर्मनाक है कि हेंड्री की बेटी के साथ शादी के बाद उसे परिवार के सदस्य के रूप में गोद लिया गया था।   

ससुराल की संपत्ति में बहू का कितना अधिकार:

वो व्यक्ति जिससे महिला का विवाह हुआ हो। अगर उसके पास खुद की कोई संपत्ति (property) है, तो इसके लिए नियम स्पष्ट हैं एक व्यक्ति प्रॉपर्टी का मालिक (property owner) होता है। चाहे वो जमीन, घर, गहने या कुछ भी हो। इन सब पर सिर्फ उसी का अधिकार है। वो अपनी संपत्ति बेच सकता है, गिरवी रख सकता है या दान दे सकता है। इस संबंध में सभी अधिकार उसके पास सुरक्षित हैं।


वहीं सास-ससुर की प्रॉपर्टी पर बहू (Daughter-in-law's property rights) का कोई अधिकार नहीं है। न ही उनके जीवित रहते और न ही उनके देहांत के बाद महिला प्रोपर्टी पर क्लेम कर सकती है। सास-ससुर की मृत्यु होने पर संपत्ति का अधिकार उसके पति के पास चला जाता है। 


हालांकि पहले पति और उसके बाद सास-ससुर की मौत हो गई। ऐसी परिस्थिति में महिला को संपत्ति का अधिकार (property rights) मिलता है। इसके लिए ये जरूरी है कि सास-ससुर ने वसीयत किसी और के नाम ट्रांसफर न की हो। इतना ही नहीं माता-पिता की परमिशन के बिना बेटा भी उनके घर में नहीं रह सकता है। बेटा कानून का सहारा लेकर भी माता पिता के घर में रहने का दावा नहीं कर सकता।

पति के मौत पर पत्नी का संपत्ति में अधिकार:

प्रोपर्टी की वसीयत (bequest of property) लिखे बिना जब किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है। उसकी प्रॉपर्टी पर अधिकार (Property Rights) को लेकर कानून स्पष्ट है। इस स्थिति में व्यक्ति की संपत्ति मां और विधवा पत्नी की हो जाती है। हालांकि ये जरूरी है कि व्यक्ति ने वसीयत में किसी दूसरे को अधिकार न दिया हो।