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Cheque Payment : चेक से पेमेंट करते समय ध्यान रखें ये 8 बातें

Payment through Bank Cheque - आज डिजिटल भुगतान तेजी से हो रहा है। पेमेंट घर बैठे आसानी से मिनटों में होता है। लेकिन कई बार देखा गया है कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने वाले लोग ठगी करते हैं। ऐसे में, अधिकांश लोगों का मानना है कि चेक करना सबसे सुरक्षित है। बैंक चेक से लेन देन करते समय आपको कुछ बातों के बारे में पता होना चाहिए। चलिए चैक से जुड़ी आठ महत्वपूर्ण जानकारी जानें.
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Cheque Payment : चेक से पेमेंट करते समय ध्यान रखें ये 8 बातें

NEWS HINDI TV, DELHI: डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) को मिले प्रोत्साहन के चलते अब लोग कैश के अलावा पेमेंट के अन्य ऑप्शंस का भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहे हैं। इन ऑप्शंस में बैंक चेक (Bank cheque)  से लेन-देन भी शामिल है। चेक से लेन-देन करना हो तो कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। जल्‍दबाजी में चेक के साथ की गई लापरवाही नुकसान की वजह बन सकती है। इसलिए जरूरी है कि सावधानी से काम लिया जाए। आइए बताते हैं कि चेक (cheque sign) को भरते वक्त किन गलतियों से बचना चाहिए-

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अमाउंट भरने के बाद ‘/-' साइन न डालना-

चेक में शब्‍दों और अंकों में धनराशि डालने के बाद उसके पीछे '/-' का साइन बनाना बेहद जरूरी है। शब्‍दों में धनराशि डालते वक्त यह साइन लगाने से पहले ‘ओनली’ लिख देना भी बेहतर रहता है। उदाहरण के तौर पर- Twenty Thousand only/- और 20000/- । यह साइन इस बात को दर्शाता है कि आपने जो अमाउंट भरा, वह इतने तक ही सीमित है। अगर ‘/-'साइन नहीं लगाते हैं तो जालसाजों के लिए अमांउट बढ़ा लेने का अवसर पैदा हो जाता है।


​MICR कोड को नुकसान-

Bank चेक पर सबसे नीचे सफेद पट्टी पर एक MICR (मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकग्निशन) कोड रहता है। जब भी चेक का इस्‍तेमाल करें तो ध्यान रखें कि इस MICR कोड को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। चेक साइन (Signature) करते वक्त या किसी अन्य वजह से इस डिटेल को नुकसान नहीं होना चाहिए। MICR कोड चेक्स की जल्दी प्रोसेसिंग और सेटलमेंट में मदद करता है।


​चेक की डेट की अनदेखी-


बैंक चेक उस पर डाली गई डेट यानी तारीख के बाद 3 महीने तक ही वैलिड रहता है। यानी इसे इसी अवधि में डिपॉजिट या विदड्रॉ करना होता है। इस अवधि के बाद चेक का इस्तेमाल करने पर चेक आपके काम नहीं आएगा और आपको नुकसान झेलना पड़ेगा। इसके अलावा आप भी जब किसी को आगे की डेट में चेक से पेमेंट करें तो इस बात का ध्‍यान रखें। चेक पर तारीख डालते वक्त अगर कोई गलती हो जाए तो उसे ओवरराइट करने की बजाय दूसरा चेक इस्‍तेमाल करना बेहतर रहेगा। तारीख के साथ अन्य डिटेल्स में गलती होने पर भी नया चेक जारी करना ही ठीक रहता है।


​अकाउंट पेई और बीयरर चेक-

अगर आप सीधे किसी के बैंक अकाउंट में पेमेंट करना चाहते हैं तो चेक पर अकाउंट पेई जरूर डालें। यह साइन चेक के लेफ्ट (बायीं) टॉप कॉर्नर पर डबल क्रॉस लाइन के बीच A/C Payee लिखकर बनाया जाता है। इस साइन से चेक का पेमेंट सीधा बैंक अकाउंट में होता है और इसे तुरंत भुनाया नहीं जा सकता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि चेक खोने की स्थिति में कोई जालसाज खुद को टार्गेट पर्सन बताकर उसके बदले कैश नहीं ले सकता है। अकाउंट पेई करते वक्‍त चेक पर राइट (सीधी) साइड में लिखे बीयरर को काट दें। वहीं अगर चेक कैश करने के लिए दे रहे हैं तो लेफ्ट टॉप कॉर्नर पर अकाउंट पेई साइन न बनाएं।


​शब्‍दों और फिगर्स के बीच ज्‍यादा स्‍पेस-

जब भी किसी को चेक से पेमेंट करें तो नाम और धनराशि को लेकर शब्‍दों व फिगर्स के बीच ज्‍यादा स्‍पेस देने से बचें। ज्‍यादा स्‍पेस नाम और अमांउट में छेड़छाड़ होने की गुंजाइश पैदा कर देता है। इसके अलावा चेक कर लें कि जो अमाउंट शब्‍दों में भरा है, वहीं अमाउंट फिगर्स यानी अंकों में भी हो। बैंक, चेक को तभी स्‍वीकार करेंगे जब दोनों तरह से अमाउंट मैच होगा वर्ना चेक रिजेक्‍ट हो जाएगा।

​बैलेंस से ज्‍यादा अमाउंट भर देना-


Bank चेक से पेमेंट करते वक्‍त पहले अपने बैंक अकाउंट (Bank Account) के बैलेंस को चेक कर लें। इसके बाद ही चेक को भरें। अगर बैलेंस से ज्‍यादा अमाउंट भर गया तो चेक बाउंस (Cheque Bounce) हो जाएगा और पेनल्‍टी लगेगी। चेक बाउंस पर पेनल्‍टी (Cheque Bounce Penalty) विभिन्न बैंकों में 500 रुपये प्‍लस GST तक है। इसलिए इस बात का जरूर ध्यान रखें।

​हस्‍ताक्षर पर ध्‍यान न देना-

जब भी बैंक चेक पर हस्ताक्षर यानी सिग्नेचर (Signature) करें तो याद रखें कि आपको वैसे ही साइन करने हैं, जैसे संबंधित बैंक ब्रांच के रिकॉर्ड में पहले से दर्ज हैं। कई लोग अलग-अलग बैंकों के लिए अलग-अलग सिग्नेचर रखते हैं। अगर आपने भी ऐसा किया हुआ है तो बैंक चेक (Bank Cheque) को साइन करते वक्‍त सावधानी जरूर बरतें वर्ना आपका चेक रिजेक्‍ट भी हो सकता है।

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चेक की डिटेल्‍स अपने पास न रखना-


जब भी किसी को बैंक चेक से पेमेंट करें तो उस चेक की डिटेल्‍स जैसे चेक नंबर, अकाउंट का नाम, अमाउंट और डेट जरूर नोट कर लें। यह इनफॉर्मेशन चेक कैंसिल करने की जरूरत पड़ने पर आपके काम आ सकती है। इसके अलावा आपको यह भी पता चलता रहता है कि कहीं कोई चेक इधर-उधर तो नहीं हो गया या आपकी जानकारी के बिना किसी ने चेकबुक में से चेक तो नहीं लिया।