Toll Free: निजी वाहन चालकों के लिए खुशखबरी! नहीं लगेगा टोल टैक्स, इस सरकार ने लिया बड़ा फैसला
(डिजिटल डेस्क): आजकल जब भी हम कार या गाड़ी से कहीं जाते हैं तो हमें काफी ज्यादा टोल टैक्स देना पड़ता है. इससे आमजन की जेब पर अच्छा खासा असर पड़ता है. इसको देखते हुए हाल में सरकार ने निजी वाहनों के टोल को बड़ी राहत देने का फैसला लिया है. सरकार ने निजी वाहनों के टोल टैक्स को फ्री कर दिया है.
लंबी लाइन में अगर आपका वाहन फंस गया तो फिर हो गई छुट्टी. लंबे ट्रैफिक को समाप्त होने में काफी कमी समय लग जाता है और लोगों का समय नष्ट होता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. लंबी लाइनों के समाधान के लिए राज्य सरकार ने प्राइवेट वाहन मालिकों के लिए नया नियम लागू करने की बात कही है. बताते चलें कि टोल टैक्सी से नियमों में प्रावधान से समस्या से छुटकारा मिलेगी ही और निजी वाहन मालिकों के चेहरे भी खिल उठेंगे.
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क्या होगा नियम?
कहा गया है कि अब निजी वाहन मालिकों से टोल टैक्स नहीं वसूला जाएगा. मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकार के द्वारा लिए गए इस फैसले से निजी वाहन मालिकों को काफी राहत मिलेगी.
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कौन से रोड को किया गया है शामिल?
State Road Development Corporation के अंदर आने वाले सभी नए और पुरानी सड़कों को इस नियम के अंतर्गत रखा जायेगा. यानी कि इन सड़कों पर अब निजी वाहन मालिकों की टोल टैक्स नहीं देना होगा.
राज्य के राज्य परिवहन प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने नई योजना ने पुष्टि की है कि इस इस नए नियम के प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेज दिया गया है.
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बता दें कि सरकार के द्वारा यह फैसला सर्वे के आधार पर लिया गया है. लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) की ओर से राज्य के करीब 200 सड़कों का सर्वे किया गया था. इस सर्वे में यह बात सामने आई कि 80 फीसदी टोल टैक्स कमर्शियल वाहनों और बाकी 20% निजी वाहनों से एकत्रित की जाती है.
बड़ी संख्या में निजी वाहन ट्रैफिक जाम का कारण बनती है. इसलिए इनसे अब टोल टैक्स(Toll Tax) नहीं वसूला जाएगा. मध्य प्रदेश में अब से केवल कमर्शियल वाहनों को ही टोल टैक्स देना होगा. इसके अलावा यह भी जान लें कि जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम पर भी काम किया जा रहा है.
लोक निर्माण विभाग द्वारा सर्वेक्षण के तहत ली गई सभी 200 सड़कों का निर्माण राज्य सड़क विकास निगम द्वारा बिल्ड ऑपरेट एंड ट्रांसफर (बीओटी) पद्धति से किया गया था. इस पद्धति के तहत, एक निजी कंपनी को राज्य सरकार द्वारा तय की गई एक निश्चित अवधि के लिए रखरखाव और विकास कार्य सौंपा जाता है. अब से मध्य प्रदेश में केवल वाणिज्यिक वाहनों को ही टोल टैक्स देना होगा. निजी वाहन मालिकों के अलावा राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रियों और संसद सदस्यों सहित वीआईपी के वाहनों को पहले ही इस नियम से छूट दी गई है.