Privatization: अब नहीं बिकेगी ये बड़ी सरकारी कंपनी, केंद्र सरकार का फेला, क्या है वजह?
Privatization: सरकार की तरफ से निजीकरण को लेकर लगातार काम किए जा रहे हैं. लेकिन इस बीच सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (CEL) की नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग को बिक्री का फैसला रद्द करने का फैसला किया है. एक अधिकारी ने बताया कि इसका कारण चयनित बोलीदाता द्वारा राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के समक्ष चल रहे मामले का खुलासा नहीं करना है.
1 September से टोल-टैक्स, बैंकिंग और गैस सिलेंडर समेत बदल जाएंगे ये सभी नियम! लगेगा बड़ा झटका!
सरकार ने लिया बड़ा फैसला
इतना ही नहीं, सरकार ने अलमास ग्लोबल अपॉर्च्यूनिटी फंड एसपीसी के खिलाफ एनसीएलएटी में लंबित मामले पर अगले महीने स्पष्टता आने के बाद पवन हंस की रणनीतिक बिक्री पर निर्णय का भी फैसला किया है. अलमास सफल बोली लगाने वाले समूह का प्रमुख सदस्य है. सरकार के इस फैसले के बाद पवन हंस की बिक्री पर भी अपडेट का इंतजार है.
7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों का डीए बढ़ेगा या नहीं? जानिए पूरा प्लान
पिछले साल मिली थी मंजूरी
गौरतलब है कि सरकार ने पिछले साल नवंबर में दिल्ली की नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग को सीईएल की बिक्री 210 करोड़ रुपये में करने को मंजूरी दी थी. लेकिन इसके बाद इस साल जनवरी में सरकार ने बोलीदाता के खिलाफ कुछ आरोप सामने आने के बाद बिक्री प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई. एक अधिकारी ने बताया, ‘आरोपों पर गौर करने और जांच-पड़ताल के बाद सीईएल की रणनीतिक बिक्री चयनित बोलीदाता को करने का निर्णय रद्द करने का फैसला किया गया है. बोलीदाता के खिलाफ एनसीएलटी में मामला लंबित है. इसके बारे में नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग ने सीईएल के लिये बोली के समय खुलासा नहीं किया था और यह विनिवेश दिशानिर्देश का उल्लंघन है.'
Post Office Scheme: शादी के बाद जीरो रिस्क पर खुलवाएं यह खाता! हर महीने मिलेंगे इतने रुपये
क्या करती है कंपनी?
आपको बता दें कि सीईएल सौर फोटोवोल्टिक (एसपीवी) सेल बनाती है और उसने प्रौद्योगिकी विकसित की है, इसका गठन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत 1974 में हुआ था. इतना ही नहीं, इसने एक्सल काउंटर सिस्टम भी विकसित किए हैं जिनका उपयोग ट्रेन के सुरक्षित संचालन को लेकर रेलवे की सिग्नल प्रणाली में किया जा रहा है.
सीईएल के रणनीतिक विनिवेश के लिए नंदल फाइनेंस की बोली आरक्षित मूल्य से अधिक थी. सरकार ने 194 करोड़ रुपये का ‘आरक्षित मूल्य’ तय किया था. इसका निर्धारण सौदा सलाहकार और परिसंपत्ति मूल्यांकनकर्ता के मूल्यांकन के आधार पर किया गया था.
निपटा लें बैंक के अपने जरूरी काम, सितंबर में 13 दिन बंद रहेंगे बैंक? यहां देखें पूरी लिस्ट
पवन हंस पर क्या है अपडेट?
सरकार ने पवन हंस की बिक्री स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लि. को बेचने के मामले में राष्ट्रीय कंपनी अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश का इंतजार करने का निर्णय किया है. स्टार9 मोबिलिटी, बिग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड, महाराजा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड और अलमास ग्लोबल अपॉर्च्यूनिटी फंड एपीसी का समूह है. फ़िलहाल अलमास ग्लोबल ने अपीलीय न्यायाधिकरण में एक अपील दायर की है और सितंबर में फैसला आने की संभावना है. अधिकारी ने कहा, ‘‘सरकार ने पवन हंस की बिक्री पर अंतिम फैसला लेने से पहले एनसीएलएटी में अपील के निपटारे तक इंतजार करने का निर्णय किया है.’’