Noida में बसाए जाएंगे 2 नए शहर, जल्द शुरू होगा जमीन अधिग्रहण का काम

Noida : मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के नोएडा में इस जगह दो नए शहर बसाए जाएंगे। इसके लिए जमीन का चयन कर लिया गया है और जल्द ही अधिग्रहण का कार्य चालू होने वाला है। मिली रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रोजेक्ट पर 2,544 करोड़ रुपये का खर्च आने वाला है। आईए जान लेते हैं इस अपडेट के बारे में पूरी जानकारी.
 

News Hindi TV, Delhi : उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ( YEIDA ) ने 'जापानी' और 'कोरियाई' इंडस्ट्रियल सिटीज बसाने की कवायद शुरू कर दी है। जेवर एयरपोर्ट( Jewar Airport ) के पास दोनों सिटीज बसाई जाएंगी। इससे दोनों देशों से आने वाले कारोबारियों के लिए कनेक्टिविटी आसान रहेगी।


जेवर एयरपोर्ट के पास सेक्टर 4-ए और 5-ए में ये दोनों सिटीज बसाई जाएंगी, जहां कोरियन और जापानी लोगों( Korean and Japanese people ) के लिए आवासीय क्षेत्र( residential area ) भी स्थापित किए जाएंगे। इन सबके लिए भूमि चिह्नित कर ली गई है और अधिग्रहण का काम जल्द शुरू होने वाला है।

395 हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण-


नोएडा में बसाई जा रही इन जापानी और कोरियन सिटीज( Japanese and Korean Cities in UP ) में दोनों देशों की कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण इकाइयां स्थापित करेंगी। 'जापानी सिटी' सेक्टर 5ए में बनेगी, जहां 395 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। वहीं, 'कोरियन सिटी' सेक्टर 4-ए में 365 हेक्टेयर भूमि पर स्थापित की जाएगी।

इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 10 किलोमिटर की दूरी-


इन सिटीज से जेवर का अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट ( international airport )मुश्किल से 10 किमी की दूरी पर है। इससे इन दोनों परियोजनाओं को कनेक्टिविटी के मामले में बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने कहा कि इन दो इलेक्ट्रॉनिक हब में चिप्स, सेमीकंडक्टर, एआई उपकरण और कैमरे बनाने वाली कंपनियां होंगी।

दोनों सिटीज में जापान और कोरिया के कंपनी कर्मचारियों के लिए आवासीय यूनिट्स भी होंगी। सिंह ने बताया कि वहां रहने वाले जापानी और कोरियाई नागरिकों के लिए आवास, स्कूल, अस्पताल और अन्य आवश्यक सुविधाओं के प्रावधान के साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की योजना बनाई जा रही है। दोनों सिटीज की स्थापना का फैसला पिछले साल यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट( UP Global Investors Summit ) से पहले जापान और कोरिया के निवेशकों के साथ बैठक के दौरान लिया गया था। अगले कुछ महीनों में परियोजनाओं पर चर्चा करने के लिए कई प्रतिनिधिमंडल आए थे।


अधिकारियों ने कहा कि कुछ जापानी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने पिछले साल प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्रों( industrial areas ) का दौरा किया था। स्थान की जांच करने और मिट्टी परीक्षण करने के बाद, कंपनियों ने इस क्षेत्र में निवेश करने में रुचि जाहिर की। अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार की एफडीआई नीति, जिसमें भूमि की लागत और स्टांप शुल्क में छूट के साथ-साथ अन्य रियायतें भी शामिल हैं, ने पिछले साल अक्टूबर में नई औद्योगिक टाउनशिप की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया था।

70 फीसदी भूमि में होगा औद्योगिक क्षेत्र-

प्राधिकरण के ओएसडी शैलेन्द्र भाटिया ने कहा कि भूमि उपयोग में 70% मुख्य उद्योग के लिए और 13% कारोबारी उपयोग के लिए अलग रखा जाएगा। इसके अलावा कुल भूमि का 10% आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए और 5% अस्पतालों, स्कूलों और कॉलेजों जैसे संस्थागत उद्देश्यों के लिए आवंटित किया जाएगा। शेष 2% का उपयोग अन्य सुविधाओं के विकास के लिए किया जाएगा।

दोनों शहरों का विकास 2,544 करोड़ रुपये में होने की उम्मीद है। प्राधिकरण ने अब राज्य सरकार को पत्र लिखकर परियोजना लागत का 50% ब्याज मुक्त ऋण देने का अनुरोध किया है। राज्य सरकार अब तक दो किस्तों में प्राधिकरण को लगभग 3,300 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान कर चुकी है। प्राधिकरण भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अगले कुछ सालों में अर्जित मुनाफे, प्लॉट योजनाओं से उत्पन्न राजस्व और बैंकों के ऋण से अपना हिस्सा देने की योजना बना रहा है।