Property के मामले में महिलाओं को दिए गए 9 अधिकार, आप भी जान लें

Property rights In Hindi : दरअसल, आज हम आपको अपनी इस खबर के माध्यम से यह बताने जा रहे हैं कि प्रोपर्टी के मामले में महिलाओं को कितने अधिकार मिले हैं। तो आपको बता दें कि अगर आप भी प्रॉपर्टी खरीद या बेच रहे है तो एक बार महिलाओं को मिले ये 9 अधिकार जरूर जान लें... 
 

NEWS HINDI TV, DELHI: प्रॉपर्टी के ट्रांसफर से जुड़े मसले (Issues related to transfer of property) कई बार बड़े टेढे़ हो जाते हैं. इसमें कुछ बार आपसी मनमुटाव भी हो सकता है. यह बात खासतौर से महिलाओं के लिए सच है. यही कारण है कि महिलाओं के लिए अपने अधिकारों को जानना बेहद जरूरी है. यहां हम प्रॉपर्टी से जुड़े ऐसे 9 अधिकारों के बारे में बता रहे हैं जिन्‍हें महिलाओं को जरूर पता होना चाहिए.
 


1. माता-पिता की वसीयत की कॉपी पाने का अधिकार:


अगर आपके माता-पिता ने वसीयत की है तो शादी के बाद उसकी कॉपी जरूर हासिल कर लें. 5नेंस डॉट कॉम के संस्‍थापक दिनेश रोहिरा कहते हैं, ''भाई-बहनों के साथ विवाद से बचने के लिए ऐसा करना महत्‍वपूर्ण है.'' यहां तक अगर कोई वसीयत नहीं है तो भी प्रॉपर्टी के दस्‍तावेज हासिल कर लें. इसमें आपके अधिकारों के बारे में स्‍पष्‍ट लिखा होना चाहिए.

2. पुश्‍तैनी प्रॉपर्टी पर हक:

पुश्‍तैनी प्रॉपर्टी (ancestral property) के दस्‍तावेज आपके पास हों या नहीं. लेकिन, जन्‍म से आपका इस पर हक हो जाता है. लिहाजा, इसे लेकर कोई कानूनी संदेह नहीं होना चाहिए. इसे आप जब चाहें क्‍लेम कर सकती हैं. फिर माता-पिता जीवित हों या नहीं या आपकी शादी हो गई हो या नहीं हुई हो.
 

3. आपकी खरीदी प्रॉपर्टी आपकी है:

शादी के पहले अगर आपने अपने पैसों से कोई प्रॉपर्टी खरीदी है तो वह आपकी है. इसे आप जब चाहें बेच या किसी को गिफ्ट कर सकती हैं.

4. प्रॉपर्टी में पैसों से योगदान किया है तो है पूरा अधिकार:

अगर कोई प्रॉपर्टी आपके पैसों से खरीदी गई है. लेकिन, वह पति या बच्चों के नाम है. तो, इस प्रॉपर्टी को खरीदने के लिए आपने जो पैसा दिया है, उसका प्रूफ कोर्ट में दिखाकर आप इस पर दावा कर सकती हैं.


5. आपके नाम पर प्रॉपर्टी आपकी है:

दिल्‍ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में एडवोकेट बीनाशॉ एन सोनी कहती हैं कि कोई प्रॉपर्टी पति अगर पत्‍नी के नाम पर लेता है तो हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 14 के तहत उस पर महिला का हक होता है. फिर भले उसे खरीदने में दोनों के पैसों का इस्‍तेमाल हुआ हो.


6. पति के घर में रहने का अधिकार:

अगर शादी किसी कारण से नहीं चल पाती है और पति चाहता है कि पत्‍नी घर छोड़कर चली जाए तो याद रखें कि उनके पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है. फिर चाहे घर उनका हो, उनके माता-पिता का हो या रिश्‍तेदार का. महिला का उस घर में रहने का पूरा हक है. चाहे वह पति ने बनाया हो या उनके माता-पिता ने.
 

7. पति की प्रॉपर्टी पर हक:

सोनी के कहती हैं कि शादीशुदा महिला होने के नाते पत्‍नी उस प्रॉपर्टी में हिस्‍सेदारी है जो पति ने बनाई है. फिर चाहे वह चल हो या अचल. पति की मौत के बाद कानूनी वार‍िसों के साथ पत्‍नी का भी उस पर हक होगा.


8. मैरीड वुमेंस प्रॉपर्टी एक्‍ट 1874

इस एक्‍ट को पति से महिला की प्रॉपर्टी को बचाने के लिए लाया गया था. इस एक्‍ट के तहत पति पर कोई देनदारी या टैक्‍स होने पर महिला की प्रॉपर्टी जब्‍त नहीं की जा सकती है.


9. एमडब्‍लूपी एक्‍ट के दायरे में लाइफ इंश्‍योरेंस:

मैरीड वुमेंस प्रॉपर्टी एक्‍ट 1874 के सेक्‍शन 6 के तहत किसी लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी (life insurance policy) की रकम पति के न रहने पर पत्‍नी और बच्‍चों को मिलती है.