Liquor : 1 पैग पीने के बाद शरीर में होते हैं ये बदलाव, डेली पीने वालों को भी नहीं हैं जानकारी
NEWS HINDI TV, DELHI : जो लोग शराब पीते हैं वो जानते होंगे कि शराब पीने के बाद कुछ समय तक तो कुछ नहीं होता है लेकिन कुछ समय बाद शराब पीने वाले व्यक्ति की आवाज बदलने लगती है। कुछ समय बाद चलना भी मुश्किल हो जाता है और धीरे-धीरे व्यक्ति शरीर पर नियंत्रण खोने लगता है। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? शराब कुछ समय बाद अपना असर क्यों दिखाना शुरू कर देती है? शराब पीने के बाद शरीर में ऐसा क्या होता है कि ये बदलाव देखने को मिलते हैं? आइए जानते हैं कि शराब आपके शरीर में कैसे काम करती है और शराब का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है।
शराब पीने के बाद शरीर में होते हैं ये बदलाव:
आपको बता दें कि जैसे ही आप शराब का एक घूंट पीते हैं तो इसका असर शरीर में जाते ही असर करना शुरू हो जाता है। यह तो सभी जानते हैं कि शराब में अल्कोहल होता है और यह पेट में जाते ही सबसे पहले गैस्ट्रिक एसिड पैदा करता है और पेट की म्यूकस लाइन में सूजन पैदा करता है।
इसके बाद आंतें एल्कोहल सोखना शुरू करती हैं और उसके बाद ये विंग के माध्यम से लीवर तक पहुंचता है. लिवर बहुत पास होता है, ऐसे में इसके पेट से सीधे लिवर में पहुंचने की संभावना काफी अधिक रहती है।
पीने के बाद कैसे कंट्रोल खो देता है व्यक्ति:
रिपोर्ट में कहा गया है कि लीवर बहुत सारी शराब को नष्ट कर देता है और शरीर पर इसके प्रभाव को कम कर देता है। इसके लिए लिवर को बहुत मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन, जिन तत्वों को लिवर तोड़ नहीं पाता, वे मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं। फिर कुछ ही मिनटों में इसका असर आपके दिमाग पर पड़ने लगता है।
एल्कोहल केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर असर कर उसे भी प्रभावित करता है और तंत्रिका तंत्र के कनेक्शन को तोड़ता है, जिसके बाद कोशिकाएं बहुत सुस्ती से काम करना शुरू कर देती हैं. फिर दिमाग भी खुद इस परिस्थिति से निपट नहीं पाता है. एल्कोहल दिमाग के सेंटर पार्ट को भी प्रभावित कर देता है, जिससे व्यक्ति खुद पर से कंट्रोल खो देता है।
सबसे पहले लीवर पर असर डालती है शराब:
रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद लीवर बहुत सारे एल्कोहल को नष्ट कर देता है और शरीर पर होने वाले इस प्रभावों को कम कर देता है. लेकिन, जिन तत्वों को लीवर तोड़ नहीं पाता है, वो सीधे दिमाग तक पहुंच जाते हैं. ऐसे में कुछ ही मिनटों में आप शरीर के पैक का असर मस्तिष्क होने लगता है. एल्कोहल केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है. इसके बाद तंत्रिका तंत्र के कनेक्शन को तोड़ता है, जिसके बाद ये कोशिकाएं बहुत सुस्ती काम करना शुरू कर देती है. फिर मस्तिष्क खुद इस परिस्थिति से निपट नहीं पाता है. एल्कोहल मस्तिष्क के सेंटर पार्ट भी भी हमला कर देता है, जिसके बाद व्यक्ति खुद पर कंट्रोल खो देता है
बता दें कि शराब पीने से लीवर पर काफी असर पड़ता है और लीवर अपना काम ठीक से नहीं कर पाता. खास बात ये है कि लीवर में दर्द नहीं होता है और शराबी को पता नहीं लगता है कि उन्हें क्या दिक्कत है. इसका पता तभी लगता है, जब वो जांच के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं. इसलिए ज्यादा एल्कोहल पीने वाले लोगों को ऐसी जांच करवानी चाहिए।
WHO ने बताया कितनी पीनी चाहिए शराब:
WHO की रिपोर्ट के अनुसार शराब की एक बूंद को भी सुरक्षित नहीं माना जा सकता है. शराब या अन्य एल्कोहल वाली ड्रिंक्स की कम से कम मात्रा भी सेहत के लिए खतरनाक होती है. लोगों को बिल्कुल शराब नहीं पीनी चाहिए. डब्ल्यूएचओ ने कई सालों के आकलन के बाद यह निष्कर्ष निकाला है. शराब की पहली बूंद पीने से ही कैंसर, लिवर फेलियर समेत तमाम गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. शराब या बीयर के 1 पैग को भी सुरक्षित मानना लोगों की गलतफहमी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अभी तक किसी स्टडी में यह साबित नहीं हो सका है कि शराब सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती है. ऐसी रिसर्च विवादों से घिरी हैं।
कितनी देर बॉडी में रहती है शराब?
तो आइए अब बात करते हैं कि शराब शरीर में कितने समय तक रहती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शराब पीने के बाद 72 घंटों तक भी शरीर में अल्कोहल की मात्रा बनी रहती है। इसके अलावा यह शराब की मात्रा, शराब की गुणवत्ता, शराब पीने का तरीका आदि पर भी निर्भर करता है कि शराब आपके शरीर में कितने समय तक रहेगी। वहीं, आप जिस तरह से टेस्ट करा रहे हैं वह भी अल्कोहल की अलग-अलग उपलब्धता के बारे में बताता है।
शराब छोड़ने के बाद क्या होता है?
शराब का नशा सबसे पहले सेरेब्रम से उत्पन्न होता है, जो मस्तिष्क का एक हिस्सा है। यह भाग शरीर की गति और वाणी को नियंत्रित करता है और 8-10 घंटों के बाद प्रभाव कम हो जाता है। इसके बाद व्यक्ति ठीक से बोलना शुरू कर देता है। हालाँकि, शराब पीने के लगभग दो दिन बाद दिमाग पहले काम करना शुरू कर देता है। लंबे समय तक शराब पीने से भी एक से दो महीने के बाद पेट ठीक से काम करना शुरू कर देता है। वहीं, लिवर को स्वस्थ होने में समय लगता है और शराब छोड़ने के बाद लिवर थोड़ा ठीक तो होता है, लेकिन पहले जितना अच्छा नहीं होता।