ये 2 कंपनियों की कारें कर रही हैं आपकी जासूसी, हो जाएं सावधान

Auto world : आजकल की सभी कारों में इतने एडवासं फीचर्स आने शुरू हो गए हैं। कि लोग खुश होकर इन कारों को खरीद रहे हैं। लेकिन क्या आपको ये पता हैं कि कुछ कार आपके डाटा को स्टोर करती है। जो आपकी प्राइवेसी से जुड़ा है। आइए नीचे खबर में जानें पूरी जानकारी विस्तार से -
 

NEWS HINDI TV, DELHI : आजकल की सभी बड़ी-बड़ी कार कंपनियां दम भरकर ‘connected car’ बेच रही हैं। इन कारों में कई हाईटेक फीचर्स होते हैं जो आपकी ड्राइवरी और पैसेंजर्स की सहूलियत के लिए सही तो हैं लेकिन खतरे से भरी हैं। कार खरीदार भी कनेक्टेड फीचर्स का नाम सुनते ही ऐसी कारों पर फिदा हो जाते हैं। इस बीच एक बड़ा खतरा सामने आया है जो आपकी प्राइवेसी से जुड़ा है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, मॉडर्न कारें आपकी हर एक्टिविटी पर नजर रख रही हैं। Nissan, Kia, Tesla जैसी कार कंपनियां लोगों का प्राइवेट डेटा (private data) इकट्ठा करती हैं, और उन्हें मार्केट में बेच देती हैं।

 

 

 


फायरफॉक्स वेब ब्राउजर चलाने वाली कंपनी Mozilla की एक स्टडी के मुताबिक, मॉडर्न कारें बड़े पैमाने पर लोगों का प्राइवेट डेटा(private data) इकट्ठा करती हैं। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि ये ना केवल डेटा इकट्ठा करती हैं, बल्कि सेक्स लाइफ का डेटा भी नहीं छोड़ती हैं। कई मामलों में ऐसे डेटा को बेच दिया जाता है, या स्टोर कर रखा जाता है।


25 कंपनियां करती हैं ट्रैक -


मोजिल्ला ने 25 बड़े कार ब्रांड को स्टडी किया, जिसमें फॉक्सवैगन, किआ, रेनॉ, निसान, होंडा, टोयोटा और दूसरे ब्रांड शामिल हैं। मोजिल्ला ने पाया कि ये सभी कंपनियां हर वो डेटा कलेक्ट करती हैं, जो उनकी कार इकट्ठा कर सकती हैं। मर्सिडीज और BMW जैसे लग्जरी ब्रांड्स भी ऐसा करते हैं। इन कंपनियों की प्राइवेसी पॉलिसी को जानने के लिए मोजिल्ला के रिसर्चर्स ने 600 घंटे खपाएं हैं

 

 


क्या आप पर भी है नजर?


यहां साफ कर दें कि जिन कारों की स्टडी की गई है, वो अमेरिका की हैं। इसलिए यह कहना पूरी तरह ठीक नहीं होगा कि इंडिया में बिकने वाली कारें भी आपके ऊपर नजर रखती हैं। यह बात अलग है कि अमेरिका की तुलना में इंडिया का प्राइवेसी कानून ज्यादा नरम है। इसलिए हो सकता है कि भारत में भी कार कंपनियां डेटा कलेक्ट करती हों।

 

 


ऐसे होता है डेटा कलेक्ट -


कार कंपनियां, फोन कंपनियों से भी मुखर तरीके से डेटा कलेक्ट करती हैं। ऑटो कंपनियां कार सेंसर्स, माइक्रोफोन, कैमरा, ऐप, कनेक्टेड सर्विसेज आदि के जरिए लोगों को प्राइवेट डेटा इकट्ठा करती हैं। ये मेडिकल, जेनेटिक, ड्राइविंग आदत, रूट, म्यूजिक की पसंद, सेक्स लाइफ जैसा डेटा कलेक्ट करके टारगेट मार्केट को बेचती हैं।

निसान और किआ जैसी कार कंपनियां सेक्सुअल एक्टिविटी, हेल्थ डायग्नोसिस जैसी डिटेल्स कलेक्ट कर सकती हैं।