Chanakya Niti : चरित्रहीन महिला की ये होती है पहचान, कर देती है कुल का नाश

Chanakya Niti : चाणक्य नीति (According to Chanakya policy) में चरित्रहीन महिलाओं के बारे में कई ऐसी बातें बताई हैं. जिन पर विचार और उन बातों को अनुसरण करने वाले व्यक्ति के जीवन में कभी भी दुख और धोखा आदि का भाव उत्पन्न नहीं होता. आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक में ऐसी परिस्थितियों के बारे में लिखा है जो आज भी देखने को मिल सकती हैं. ऐसे ही आचार्य चाणक्य ने स्त्रियों के बारे में कुछ ऐसी बातें बताई हैं जिनको जानकर किसी भी चरित्रहीन स्त्री के प्यार में आप नहीं पड़ेंगे तो आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य के अनुसार चरित्रहीन महिलाओं के बारे में-

 

NEWS HINDI TV, DELHI: चाणक्य नीति में खुशहाल जीवन जीने के सरल तरीके (ways to live a happy life) बताए गए हैं. केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में आचार्य चाणक्य की नीतियां (Chanakya Niti In Hindi) अपनाई जाती है. इन नीतियों का अनुसरण करके लोगों ने दुनिया पर अपना दबदबा बनाया है और सिक्का भी जमाया है. इन नीतियों का अनुसरण करने से इंसान को जीवन में सही दिशा (right direction in life) मिलती है. आचार्य चाणक्य ने अपनी किताब चाणक्य नीति में चरित्रहीन महिलाओं के बारें में भी बताया है. जिनको जानकर आप भी चरित्रहीन महिलाओं के (Chanakya Niti In Hindi) बारे में जान सकते हैं: 
 

 

 

इन गुणों वाली महिलाओं से दूरी बनाने में फायदा


छोटी गर्दन वाली महिलाएं


चाणक्य नीति के अनुसार (According to Chanakya policy) जिन महिलाओं के गर्दन छोटी होती है तो दूसरों पर निर्णय के लिए निर्भर रहती हैं. इसके अलावा जिन महिलाओं की गर्दन की लंबाई चार उंगलियों से ज्यादा होती है, वो अपने वंश का नाश कर देती हैं. 


गुस्सैल स्वाभाव 


चपटी गर्दन वाली महिलाओं का स्वाभाव बहुत गुस्सैल और क्रूर होता है. इसके अलावा इन महिलाओं के गालो पर हंसते हुए डिंपल आते हैं तो उनका चरित्र अच्छा नहीं होता है. इसके अलावा जिन महिलाओं की आखें पीली और डरी-डरी हो तो ऐसे महिलाओं का स्वाभाव (nature of women) बहुत बुरा होता है. 

कानों पर बाल 


जिन महिलाओं के कानों पर बहुत बाल होते है और उनका आकार असमान जैसा होता है, तो घर में क्लेश का कारण बनती है.  जिन महिलाओं के दांत बाहर निकले हुए होते हैं, उन महिलाओं के जीवन में हमेशा दुःख (always sad in life) के बादल छाए रहते हैं.