Court Marriage Procedure: कोर्ट मैरिज की क्या है पूरी प्रक्रिया, जाने लागू हुए नियम और शर्तें
News Hindi TV (नई दिल्ली): क्या आप भी उनमें से हैं जो लम्बी लम्बी और ताम झांम वाली शादियों को पसंद नहीं करते, क्या आपको भी छोटी और साधारण शादियां पसंद है, तो कोर्ट मैरिज एक अच्छा ऑप्शन है। यह सिर्फ आप जैसे लोगों के लिए ही नहीं बल्कि उनके लिए भी बेस्ट ऑप्शन है जो दो अलग-अलग देश, धर्म और समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 (Special Marriage Act 1954) के तहत दो अलग धर्मों, समुदाय और यहां तक कि अलग देश के लोग भी शादी के बंधन में बंध सकते हैं।
कोर्ट मैरिज (court marriage) वैसे तो बहुत ही अच्छा ऑप्शन है जिससे की शादी के फालतू खर्चो और लम्बे लम्बे रीती रिवाज़ो से बच सकते हैं। कोर्ट मैरिज (court marriage) के ज़रिये आप बस थोड़ी सी फॉर्मलिटीज पुरी कर एक दुसरे के साथ रिश्ते में बांध सकते हैं। तो हल्दी, मेंहदी, संगीत जैसे अलग-अलग फंक्शन्स में होने वाले खर्चों को बचाकर आप कोर्ट मैरिज के बाद एक शानदार पार्टी दे सकते हैं। तो इतना जान लेने के बाद अगर आपको भी लग रहा है कोर्ट मैरिज है फैयदेमन्द है और इस ऑप्शन को चुनना चाहते हैं, तो इससे पहले कर लें कुछ जरूरी तैयारी।
कोर्ट मैरिज की ज़रूरी शर्तें (Required conditions for court marriage)
युवती-युवती पहले से शादीशुदा नहीं होने चाहिए।
दोनों बालिग होने चाहिए और लड़के की उम्र 21 साल से ज्यादा और लड़की की उम्र 18 साल से ऊपर होनी चाहिए।
दोनों मानसिक और शारीरिक रुप (mental and physical) से स्वस्थ होने चाहिए।
जरूरी डॉक्यूमेंट्स कर ले त्यार
भरा हुआ आवेदन पत्र
युवक-युवती का चार पासपोर्ट साइज फोटो
निवास प्रमाण पत्र
10वीं की मार्कशीट
तलाकशुदा मामले में तलाक के कागजात
विधवा या विधुर के मामलें में मृत्यु प्रमाण पत्र
गवाहों (Witnesses) की फोटो
पैन कार्ड और पहचान पत्र
कोर्ट मैरिज का क्या है पूरा प्रोसेस?
अगर लड़का-लड़की दूसरे धर्म में शादी करना चाहते हैं तो ऐसे में उन्हें संबंधित जिले के विवाह अधिकारी (marriage officer) के पास अपने विवाह के लिए एक लिखित सूचना देनी होगी। अगर किसी को इस शादी से ऐतराज है, तो वो 30 दिनों के अंदर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। यदि इतने दिनों में किसी ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई, तो विवाह रजिस्ट्रेशन की फीस देकर शादी हो सकती है।
कोर्ट मैरिज में शादी के लिए तीन गवाहों का होना जरूरी है। मैरिज रजिस्ट्रेशन (Marriage Registration) कराने की प्रोसेस काफी लंबा होता है और इसके लिए अलग-अलग फिस होती है। वैसे तो कोर्ट मैरिज करने की न्यूनतम फीस 1000 रुपये है, लेकिन कागजी कार्यवाही और वकीलों को लेकर ये खर्चा 10 से 20 हजार तक पहुंच सकता है।