Diesel Cars Ban : डीजल कारों पर लग जाएगा पूरी तरह से बैन, जानिए...

नितिन गडकरी (Nitin Gadkari ) ने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्ती बरतने के बयान के बाद एक बहस चल निकली है कि आखिर कैसे डीजल चालित वाहनों को रोका जाएगा। क्या इसका कोई तय फॉर्मूल है? जानिए पूरी जानकारी...
 

NEWS HINDI TV, DELHI: केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister of State for Road Transport Nitin Gadkari) इन दिनों इंडियन रोड से डीजल व्हीकल के खात्मे का सपना देख रहे हैं। अपने इसी सपने को साकार करने के लिए नितिन गडकरी ने डीजल गाड़ियों पर 10 फीसद अतिरिक्त जीएसटी ( GST ) लगान की योजना का जिक्र किया गया। लेकिन उनके इस बयान के बाद मंत्री को सफाई देनी पड़ी कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार की ओर से आगे नहीं बढ़ाया गया है। ऐसे में किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है।


अर्थव्यवस्था पर पडे़गा बोझ:

लेकिन जब बात उठी हैं, तो दूर तक जाएगी। ऐसे में लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर यह सपना है, तो अच्छा लेकिन हकीकत में यह सपना सच हो पाएगा या नहीं? बता दें कि भारतीय सड़कों से डीजल व्हीकल की लागत में बढ़ोतरी से महंगाई बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। क्योंकि ज्यादातर माल ढुलाई डीजल बेस्ड ट्रकों से की जाती है। अगर ऐसा होता है, तो अर्थव्यस्था पर बुरा असर पड़ेगा।


क्या है सॉल्यूशन:

एक्सपर्ट की मानें, तो सरकार को चरणबद्ध तरीके से रोड़ से डीजल व्हीकल को खत्म करना होगा। केंद्र सरकार (Central government) की ओर से पहले ही दिल्ली समेत कुछ लोकेशन पर 10 साल पुरानी डीजल और पेट्रोल गाड़ियों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। वही अगर सरकार स्क्रैप व्हीकल पॉलिसी को सही तरीके से लागू करती हैं, तो वो निर्धारित साल 2030 तक डीजल व्हीकल से छुट्टी पा सकती है। बता दें कि डीजल व्हीकल को सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने का दोषी माना जाता है।


प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्ती:

नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) मानना है कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाने चाहिए। ऐसे में अगर कोई डीजल कार खरीदता है, तो उस पर 10 फीसद अतिरिक्त टैक्स लगाना चाहिए। ऐसे में ऑटो कंपनियों के लिए डीजल कार बेचना मुश्किल हो जाएगा।


क्या है मार्केट ट्रेंड:

कुछ वर्षों पहले तक डीजल और पेट्रोल (diesel and petrol) की कीमत में काफी ज्यादा अंतर था, जहां पेट्रोल काफी महंगा हुआ करता था, जिसके मुकाबले में डीजल काफी सस्ता था। लेकिन पेट्रोल और डीजल की कीमत एक समान होने पर डीजल कार के मुकाबले पेट्रोल कार की बिक्री बढ़ी है। जनवरी से जुलाई 2023 के दौरान पेट्रोल कार की बिक्री 42.5 फीसद से बढ़कर 68.4 फीसद हो गई है। जबकि इसी दौरान डीजल व्हीकल का मार्केट शेयर साल 2014 के मुकाबले जनवरी जुलाई 2023 में घटकर 47 फीसद से 18 फीसद रह गया है।