GPS ने कर दी Fastag की छुट्‌टी, अब इस तरीके से कटेगा टोल टैक्स

GPS Toll Collection : हाल ही में मिनी रिपोर्ट के अनुसार आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने कहा है कि अब टॉल टैक्स देने के लिए लंबी लाइनों में लगने की जरूरत नही पड़ेगी। क्योंकि अब GPS से इस तरीके से टोल टैक्स कटेगा। सरकार ने इस को लेकर अहम जानकारी दी हैं। जानिए पूरी डिटेल...
 

NEWS HINDI TV, DELHI: सरकार जीपीएस टेक्नोलॉजी के जरिये टोल क्लेक्शन (Toll Collection) करने की तैयारी कर रही है. अब आपको टोल प्लाजा पर रुककर लंबी लाईन में खड़े होकर टोल जमा नहीं करना पड़ेगा. इससे आपको नेशनल हाईवे से गुजरने के दौरान टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर घंटों जाम में फंसे रहने से राहत मिलेगी.

इस नए जीपीएस टोल सिस्टम (GPS Toll System) के आने के बाद आपको हाईवे पर टोल प्लाजा (Toll Plaza) नजर नहीं आएगा. देश भर के तमाम हाईवे से जल्द ही सभी टोल प्लाजा हटा दिए जाएंगे.

मार्च तक जीपीएस-बेस्ड टोल कलेक्शन शुरू-

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने जीपीएस-बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू करने को लेकर बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि हाईवे टोल प्लाजा (Toll Plaza) की मौजूदा व्यवस्था को बदलने के लिए सरकार मार्च तक जीपीएस-बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम सहित नई टेक्नोलॉजी पेश करेगी. 

गाड़ियों में लगाए जाएंगे ऑटोमेटिक नंबर प्लेट-

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वाहनों को रोके बिना ऑटोमेटिक टोल कलेक्शन (Automatic Toll Collection System) को सक्षम बनाने के लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट (Automatic Number Plate) रिकॉगनाइजेशन सिस्टम की दो एक्सपेरिमेंटल प्रोजेक्ट भी चलाई है.

इस कदम का उद्देश्य हाईवे पर ट्रैफिक को कम करना और हाईवे पर यात्रा की गई सटीक दूरी के लिए वाहन चालकों से शुल्क वसूलना है.  

टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर जाम से भारी आर्थिक नुकसान-

जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2018-19 के दौरान टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर वाहनों को औसतन आठ मिनट का इंतजार करना पड़ता था. वर्ष 2020-21 और वर्ष 2021-22 में फास्टैग सिस्टम लागू होने से यह समय घटकर महज 47 सेकंड हो चुका है.कुछ स्थानों पर खासकर शहरों के पास घनी आबादी वाले कस्बों में टोल प्लाजा पर वेटिंग के समय में काफी सुधार हुआ है, फिर भी अत्यधिक भीड़ के समय यह समय बढ़ जाता है. इस वजह से देश को काफी आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है.