Delhi की इस नाईट लाइफ में विदेशों जैसा रहता है माहौल, लोग खुलकर करते है मस्ती

Delhi Night Life : अगर आपको भी रात में मस्ती करना पसंद है तो ये खबर आपके लिए खास है हम आपको बताएंगे की दिल्ली की इस जगह पर रात को खुब होती है मस्ती है इस जगह पर बन जाता है विदेशो जैसा महौल. ऐसे लगता है कि हम कही विदेश में पार्टी करने आए है ऐसा है यहा का नजारा आइए जानते है नीचे खबर में......

 

NEWS HINDI TV, DELHI : कहा जाता है कि किसी शहर को बनाने के लिए तीन चीजों की जरूरत पड़ती है- बादशाह, बादल और दरिया और दिल्ली को ये तीनों ही भरपूर मिले। यही वजह है कि इस शहर की एक अलग ही शान और आकर्षण है। देश के अलग-अलग शहरों से पढ़ाई या नौकरी के लिए दिल्ली आने वाले युवा ज्यादातर यहीं के होकर रह जाते हैं। दिल्ली को दिलवालों का शहर भी शायद इसीलिए कहा जाता है।

स्ट्रीट फूड, फैशन, ऐतिहासिक इमारतें, स्कूल-कॉलेज के अलावा दिल्ली की जो बात युवाओं को लुभाती है वो है यहां की नाइट लाइफ। दिल्ली की नाइटलाइफ का हिस्सा बने रेस्टोरेंट, बार, पब या क्लब में आने वाले युवाओं का एक ही मंत्र होता है- जिंदगी न मिलेगी दोबारा इसलिए दिन में जमकर काम करो और रात में जमकर मस्ती।

हालांकि मुंबई से तुलना करें तो दिल्ली की नाइटलाइफ थोड़ी शांत है। मुंबई जैसे शहरों में पार्टी अमूमन सारी रात चलती है तो दिल्ली में रात एक बजे तक ज्यादातर डीजे अपना सामान समेटना शुरू कर देते हैं।

इसके बावजूद यहां की नाइट लाइफ में किसी बात की कमी नहीं खलती। दिल्ली में ऐसे कई नाइटक्लब मौजूद हैं जहां जाने के बाद आपको लग सकता है कि जैसे आप किसी दूसरी दुनिया में आ गए हों।


शानदार लोकेशन पर आकर्षक सेटिंग्स, बेहतरीन लाइटिंग तथा म्यूजिक और शराब का कॉकटेल, गुलजार रातों के दीवाने युवाओं को और भला क्या चाहिए।

दक्षिण दिल्ली और सेंट्रल दिल्ली खासकर कनॉट प्लेस, साकेत, वसंत कुंज, हौज खास और ग्रेटर कैलाश के इलाके दिल्ली की नाइटलाइफ का लुत्फ लेने आने वाले युवाओं के खास ठिकाने हैं। कई बार या पब में केवल एक कपल के तौर पर ही एंट्री की इजाजत है तो कई जगह ऐसी भी हैं जहां आप अपने दोस्तों के साथ जाकर भी एंजॉय कर सकते हैं।

हौज खास में, जहां एक साथ लाइन से कई सारे पब और बार मौजूद हैं और हौज खास विलेज के पास ही दिल्ली आईआईटी, कमला नेहरू कॉलेज, गार्गी कॉलेज, साउथ कैंपस और जेएनयू हैं ऐसे में ये जगह यहां के छात्रों के लिए फेवरेट हैंगआउट में से एक बनी हुई है।


पब, बार और क्लब, अलग-अलग है सब.....


अक्सर लोग पब, बार और क्लब के अंतर पर कम ही ध्यान देते हैं। पब यानि पब्लिक हाउस की शुरुआत ब्रिटेन से हुई थी और सरल भाषा में कहें तो पब एक ऐसी जगह है जहां मुख्य रूप से लोग शराब पीने ही जाते हैं।

पब में हालांकि खाना भी सर्व किया जा सकता है लेकिन वह ऑप्शनल है। पब में बैठना जरूरी नहीं होता है, पब में ये काफी आम है कि लोग खड़े होकर ही अपनी ड्रिंक का आनंद उठा रहे हों।

पब में डांस आम नहीं है और यहां से डांस फ्लोर भी नदारद होते हैं। हां, बैकग्राउंड संगीत जरूर रहता है लेकिन वह भी ज्यादातर रिलैक्सिंग और शांत ही होता है। आमतौर पर पब दिन में भी खुले होते हैं और यहां बीयर काफी आम ड्रिंक में शुमार होती है।

बार अपेक्षाकृत महंगे होते हैं। यहां कॉकटेल, आइस शॉट्स, बीयर और अलग-अलग तरह की महंगी शराब परोसी जाती है। जहां पब में माहौल थोड़ा रिलैक्स होता है, वहीं बार में लाइट्स, कलर और म्यूजिक के जरिए माहौल को रंगीनियत प्रदान की जाती है।

क्लब थीम बेस्ड होते हैं। स्पोर्ट्स क्लब में आप अपने मनचाहे खेल का आनंद लेते हुए ड्रिंक के साथ एंजॉय कर सकते हैं, नाइट क्लब केवल डांस को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं। यहां आपको कई मशहूर डीजे या फिर नए-नए आर्टिस्ट परफॉर्म करते हुए मिल जाएंगे।


जीके के एक मशहूर बार में ऐसी थी शाम......


जीके के एक मशहूर बार में माहौल का जायजा लेने पहुंचे एक संवाददाता ने वहां नियमित आने वाले कई लोगों से बात की। अगर माहौल की बात करें तो बार में जहां युवतियां अपनी सीमाओं में रहते हुए एक फ्री बर्ड की तरह बेपरवाह थीं तो लड़के भी अपनी ड्रिंक सलीके से एंजॉय कर रहे थे। माहौल में गजब की ऊर्जा थी। ट्रिपी लाइट्स और कलर की वजह से माहौल में एक अजीब सी रूमानियत थी।

बार की बालकनी भी काफी बड़ी थी जहां लोग थोड़ी-थोड़ी देर में जाकर बाहरी हवा का लुत्फ ले रहे थे। बार में म्यूजिक बजाने वाले दोनों डीजे शानदार जुगलबंदी का नमूना पेश कर रहे थे। काम की थकान से दूर एक शाम इस तरह बिताने पर लोग काफी फ्रेश महसूस कर रहे थे।

रात में अहम है सुरक्षा का मुद्दा.......


दिल्ली की नाइट लाइफ में रंग भर रहे यहां के बार, क्लब (club) और रेस्टोरेंट कई बार गलत कारणों से भी सुर्खियों में रहते हैं। कई बार शराब पीकर लोगों के आपस में उलझ जाने या लड़कियों के साथ अभद्रता की खबरें भी मीडिया में आती रहती हैं।

इसके अलावा कई बार नशे की खुमारी में यहां आए युवा बाउंसरों से ही उलझ जाते हैं और पर्याप्त ट्रेनिंग के अभाव में ये बाउंसर भी हाथापाई करने से नहीं चूकते।

विदेशों में बाउंसरों की ट्रेनिंग (traning) का खास ख्याल रखा जाता है, वहीं भारत में केवल शारीरिक डील-डौल पर ही ध्यान दिया जाता है और ट्रेनिंग की कम ही परवाह की जाती है।

ग्रेटर कैलाश के एक बार में ड्रिंक का लुत्फ ले रही युवती ने इस बारे में कहा कि वो अपने अच्छे दोस्तों के साथ ही पार्टी करती है और अगर ऐसा न भी हो तो भी अपनी ड्रिंक को होल्ड करना जानती है इसलिए आज तक उसे शराब पीने के बाद कोई परेशानी नहीं हुई। एक अन्य युवती ने कहा कि सुरक्षा की चिंताएं अहम हैं लेकिन किसी भरोसेमंद दोस्त के साथ ही अगर इंजॉय किया जाए तो ऐसी दिक्कतें नहीं आएंगी।