IRCTC : इस रूट पर चली थी देश की पहली रेल, इतने लोगों ने किया था सफर
News Hindi TV, Delhi : First Train In India- लाइफ ऑफ द नेशन कहे जाने वाला इंडियन रेलवे एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारतीय रेलवे( Indian Railways ) हर दिन देश के 7,325 स्टेशनों को पार करता है और हर दिन 13,169 पैसेंजर कैरी करता है। भारत में ज्यादातर लोग एक स्थान से दूसरी स्थान तक जाने के लिए ट्रेन से यात्रा करते हैं। क्योंकि भारत में रेल में यात्रा करना सस्ता और आरामदायक भी है। यही वजह है कि भारतीय रेलवे को देश की लाइफ लाइन माना जाता है। दुनिया में भारतीय रेलवे चौथा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है।
भारत में रेलवे स्टेशन की कुल संख्या करीब 8000 है। इसके साथ ही इंडियन रेलवे देश को सबसे अधिक रोजगार देने का भी काम करता है। लेकिन क्या आप इस बात से वाकिफ हैं कि देश की सबसे पहली ट्रेन( country's first train ) कौन सी है और यह कहां से कहां तक चली थी। अगर नहीं तो आज इस जिज्ञासा का जवाब हम आपको देंगे।
रेलवे प्रणाली का इतिहास-
देश में पहली ट्रेन के बारे में जानने से पहले हम जान लेते हैं कि भारत में ट्रेन चलाने के लिए रेलवे प्रणाली स्थापित करने का विचार कब और कहां से आया। 1832 में ब्रिटिश भारत में एक रेलवे प्रणाली स्थापित करने का विचार पहली बार प्रस्तावित किया गया था। उस समय, ब्रिटेन में रेल यात्रा अभी अपनी प्रारंभिक अवस्था में थी, लेकिन ईस्ट इंडिया कंपनी एक व्यापक रेल नेटवर्क( rail network ) विकसित करने के लाभों को जानती थी।
1844 में मिली रेल प्रणाली स्थापना की अनुमति-
एक लंबे दशक की निष्क्रियता के बाद 1844 में भारत के गवर्नर-जनरल लॉर्ड हार्डिंग ने प्राइवेट उद्यमियों को एक रेल प्रणाली स्थापित करने की अनुमति दी गई थी। वर्ष 1845 तक दो कंपनियों का गठन किया गया था, जिसका नाम "ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी" और "ग्रेट इंडियन पेनिनसुला" रेलवे" था।
1853 में वलाई गई थी पहली ट्रेन-
ये बात तो हुई देश में रेलवे प्रणाली विकसित करने की प्लानिंग की। अब बात करते हैं भारत में चलने वाली पहली ट्रेन के विषय में। भारत में पहली ट्रेन( When did the first train run in India? ) 16 अप्रैल 1853 में चलाई गई थी। यह ट्रेन छत्रपति शिवाजी टर्मिनल( Chhatrapati Shivaji Terminal ) से ठाणे के बीच 35 किलोमीटर की दूरी तक चलाई गई थी।
पहली बार इतने यात्रियों ने किया था सफर-
अगर समय कि बात की जाए तो यह ट्रेन दोपहर के 3 बजकर 35 मिनट पर चली और 4 बजकर 45 मिनट पर ठाणे( Thane ) पहुंची। आपको बता दें कि पहली ट्रेन में 20 बोगियां थी और इस ट्रेन को 3 इंजनों की मदद से चलाया गया था। अगर बात यात्रियों की हो तो इस ट्रेन में 400 यात्रियों ने सफर किया था।
आपको जानकारी दे दें कि साल 1845 में कलकत्ता में ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेल कंपनी की स्थापना हुई और इसी कंपनी ने 1850 में मुंबई से ठाणे तक रेल लाइन बिछाने का काम शुरू किया था। भारत में सन् 1856 में भाप के इंजन बनना शुरू हुए, इसके बाद धीरे-धीरे रेल की पटरियां बिछाई गईं, पहले नैरोगेज( narrow gauge ) पर रेल चली, उसके बाद मीटरगेज और ब्रॉडगेज लाइन बिछाई गई।
इस समय चली पहली सुपर फास्ट ट्रेन-
1 मार्च 1969 को देश की पहली सुपरफास्ट ट्रेन( first superfast train in india ) ब्रॉडगेज लाइन पर दिल्ली से हावड़ा के बीच चलाई गई थी। भारतीय रेलवे की खास बात यह भी है कि देश की सबसे धीमी रफ्तार वाली ट्रेन की गति इतनी धीमी है कि लोग चलती ट्रेन से आसानी से उतर और चढ़ सकते हैं। सबसे धीमी रफ्तार वाली ट्रेन 10 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से चलती है।