Liquor Prices Hike : कल से महंगी हो जाएगी शराब, जानिए कितनी हुई बढ़ोतरी 

Liquor Prices Hike - शराब के शौकीनों के लिए ये खबर थोड़ी बुरी हैं. अब शराब की बोतल पर ज्यादा रूपये देने होंगे. दरअसल कल यानी 1 अप्रैल से चालू वित्तीय वर्ष (financial year) खत्म होने वाला है। और नए महीने की शुरूआत के साथ ही कई नियमों में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। इस राज्य में कल से शराब की कीमतों (Liquor Prices Hike) में जबरदस्त बढ़ोतरी होने वाली है। आइए नीचे खबर में जानते ळैं शरीाब के एक पौव्वा से लेकर बोतल तक कितने बढ़ेंगे रेट - 

 

NEWS HINDI TV, DELHI : शराब के शौकीनों को ये खबर काफी बुरी लग सकती है कि अब शराब की बोतल पर ज्यादा रुपये देने होंगे। दरअसल, छत्तीसगढ़ (Liquor Prices Hike in Chhattisgarh) में नई आबकारी नीति 1 अप्रैल से लागू हो रही है। इसमें कई अहम बदलाव किए गए हैं। शराब के एक पाव से लेकर बोतल तक में 10 रुपए से लेकर 200 रुपये तक की बढोतरी की जा रही है। इसमें शराब की क्वालिटी के हिसाब से दाम में बढ़ोतरी की जाएगी।


विभागीय अधिकारियों का कहना है कि रेट में 10 से 20 फीसदी वृद्धि होगी। इसके अलावा अब प्रदेश में फिर से अहातों को ठेके पर दिया जाएगा। इसके लिए शराब दुकानों की बिक्री के मुताबिक टेंडर भी जारी किया जा चुका है। तकरीबन सात साल पहले सरकार ने (Excise Department) अहाता सिस्टम बंद किया था। अहाता नहीं होने की वजह से अवैध चखना सेंटर खुल गए थे, जिससे सड़कों पर जाम की स्थिति बन रखी थी। इसके अलावा सार्वजनिक जगहों पर शराब पीने के साथ ही आपराधिक घटनाएं भी सामने आ रही थीं। इसी कारण से अब फिर से अहाता पद्धति को शुरू किया जा रहा है।

11000 करोड़ का रखा गया है लक्ष्य


Liquor Prices Hike: प्रदेश में वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए 11,000 करोड़ रुपए के राजस्व वसूली का लक्ष्य दिया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 35 प्रतिशत से ज्यादा लोग शराब का सेवन करते हैं। ऐसे में इस बढ़ोतरी से शासन के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। लगभग सात साल पहले अहाता के लिए जो दरें तय की गई थीं, उनसे पांच गुना अधिक राशि पर टेंडर निकाला गया है।

देशी के आधा दर्जन से ज्यादा नए ब्रांड


Liquor Price: देशी शराब के सिंडिकेट को खत्म करने के लिए मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की दो कंपनियों को भी निविदा में शामिल किया गया है। इससे पहले तीन डिस्लरी से ही सप्लाई हो रही थी। अब सात नए सप्लायरों से अनुबंध किया गया है। इसकी वजह से देसी शराब दुकानों में तीन की जगह सात से दस प्रकार के नए ब्रांड भी मिलेंगे।