Supreme Court ने मकान मालिकों को दिया बड़ा झटका, किरायेदार कर सकते हैं कब्जा

Supreme Court Decision : किराये पर मकान देने वाले मकान मालिकों को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में बड़ा फैसला सुनाया है। और आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने इस फैसले के बताया हैं कि किरायेदार घर पर कब्ज़ा कर सकता हैं। अगर आपने भी अपना घर किराए पर दिया हुआ हैं। देने के बारे में सोच रहे हैं। तो कोर्ट के इस फैसले के बारे में विस्तार से जान लें...
 

NEWS HINDI TV, DELHI : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने किराए पर घर देने वाले मकान मालिकों को झटका देते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, यदि आपका वास्तविक या कानूनी मालिक अपनी अचल संपत्ति (Immovable property) को दूसरों के कब्जे से वापस पाने के लिए समय सीमा के भीतर कदम नहीं उठा पाता है, तो उसका मालिकाना हक समाप्त हो जाएगा और उस अचल संपत्ति को वापस ले लिया जाएगा। जिसने कब्ज़ा कर लिया है। उसी को कानूनी तौर पर मालिकाना हक दे दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राजधानी के लोगों ने अपनी- अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। किरायेदारों में तो खुशी है पर मकान मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर दुख जताया है।

और आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने इस अहम फैसले में यह भी साफ कर दिया कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण (encroachment on government land) को इस दायरे में नहीं रखा जाएगा. यानी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को कभी कानूनी मान्यता नहीं मिल सकती.


जानकारी के लिए आपको बता दें कि गोमतीनगर निवासी रजत सिंह का कहना है कि इस फैसले से मकान मालिकों (landlords) को सतर्क रहना होगा। फैसले से सीख लेते हुए मकान मालिक को अपना मकान किराए पर देने से पहले कानूनी कार्रवाई जैसे रेंट एग्रीमेंट, हाउड रेंट बिल आदि कर लेना चाहिए ताकि उसके मकान में रहने वाला किरायेदार मकान के कब्जे को लेकर कोई दावा न कर सके। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने अचल संपत्ति पर कब्जा (possession of real estate) कर रखा है तो उसे वहां से हटाने में देरी नहीं होनी चाहिए।
 

जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा:

पीठ ने कहा, 'हमारा फैसला यह है कि जिस व्यक्ति का संपत्ति पर कब्जा है, उसे उचित कानूनी प्रक्रिया (legal process) के बिना कोई अन्य व्यक्ति वहां से नहीं हटा सकता. अगर किसी ने 12 साल से अवैध कब्जा (Illegal possession) कर रखा है तो वैध मालिक (legal owner) को भी उसे हटाने का अधिकार नहीं होगा.

आपको बताते चलें कि ऐसी स्थिति में अवैध कब्जे वाले को ही कानूनी अधिकार और मालिकाना हक (Legal rights and ownership) मिलेगा। हमारे विचार में, परिणाम यह होगा कि एक बार अधिकार, शीर्षक या हित प्राप्त हो जाने पर, वादी द्वारा इसे अधिनियम की धारा 65 के दायरे में तलवार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जबकि प्रतिवादी के लिए यह एक तलवार के रूप में होगा। सुरक्षा प्रणाली। यदि कोई व्यक्ति कानून के तहत अवैध कब्जे को कानूनी कब्जे में बदल लेता है तो जबरन हटाने की स्थिति में वह कानून की मदद (help of law) ले सकता है।