लोन लेने वालों के पक्ष में Supreme Court का बड़ा निर्णय, हाईकोर्ट का फैसला रखा बरकार
News Hindi TV, Delhi : सुप्रीम कोर्ट( Supreme Court ) ने बैंकों को लेकर अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक लोन लेने वालों का पक्ष ना सुना जाए, तब तक उनके खातों( Bank acount ) को फ्रॉड घोषित नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि ये एक तरह से लोन लेने वालों को ब्लैक लिस्ट में डालने के समान होता है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने तेलंगाना हाईकोर्ट( Highcourt ) के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि लोन लेने वाले के पक्ष को सुनना भी जरूरी है। क्योंकि उनका पक्ष सुने बिना अगर उनके बैंक खाते को फ्रॉड घोषित कर दिया जाता है, तो उनकी सिबिल( credit score ) पर गंभीर असर पड़ता है।
कोर्ट ने कहा कि लोन( Loan ) लेने वाले के अकाउंट को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने के फैसले का तार्किक तरीके से पालन किया जाना चाहिए। यह फैसला स्टेट बैंक ऑफ इंडिया( SBI ) की याचिका पर आया है।
कोर्ट ने कहा कि ऑडी अल्टरम पार्टेम के सिद्धांतों को भी पढ़ा जाए। ऑडी अल्टरम पार्टेम का मतलब है प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति बिना सुनवाई के अपराधी घोषित नहीं किया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति को सुनवाई का मौका मिलता है।
हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसके मुताबिक पिछले साल एक तिमाही में भारत में जितने लोगों ने बैंक( Bank loan ) में लोन लेने के लिए आवेदन दिया, उसमें से 43 फीसदी लोग 18 से 43 साल के थे। इसमें भी ज्यादातर युवा पर्सनल लोन लेना चाहते थे।