High Court ने दहेज में मिली प्रोपर्टी के बंटवारे को लेकर सुनाया बड़ा फैसला, जान लें आप भी

Partition Of Property In India : यह तो आप जानते हैं कि लोगों में प्रोपर्टी के बंटवारे को लेकर जानकारी का अभाव हैं। और हाल ही में देहज में मिली प्रोपर्टी के बंटवारे को लेकर एक मामला सामने आया हैं। क्या आप जानते हैं। कि देहज में मिली संपत्ति पर किसका कितना अधिकार होता हैं। इस मामले को लेकर हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया हैं। इससे जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए खबर को अंत तक पढ़े।
 

NEWS HINDI TV, DELHI: कर्नाटक हाई कोर्ट (karnataka high court) हिंदू उत्‍तराधिकार अधिनियम के संबंध में एक अहम व्‍यवस्‍था दी है। अदालत ने कहा कि संयुक्‍त परिवार की कोई संपत्ति अगर बेटी को शादी के समय दी जाती है और वह बाद में बंटवारे के अधिकार (sharing rights) पर दावा करती है तो उस संपत्ति को भी शामिल करना होगा। दूसरे शब्‍दों में, दहेज में दी गई प्रॉपर्टी को पार्टिशन सूट में शामिल किया जाएगा। बेंगलुरु की एक सिविल कोर्ट का फैसला (civil court decision) बरकरार रखते हुए हाई कोर्ट ने यह व्‍यवस्‍था दी। जस्टिस सूरज गोविंदराज की बेंच ने कहा, 'मेरी राय में हिंदू उत्‍तराधिकार अधिनियम की धारा 6 की लाभार्थी संयुक्‍त परिवार में बंटवारे के लाभ का दावा नहीं कर सकती जब तक वह शादी के समय मिली प्रॉपर्टी (property received at the time of marriage) के बारे में नहीं बताती। वे संपत्तियां कभी संयुक्‍त परिवार का हिस्‍सा थीं और वादी को मिल चुकी हैं, उन्‍हें भी बंटवारे का हिस्‍सा बनाना होगा।'

शादी के वक्‍त हुई सेल डीड:


वी सोमशेखर के आवेदन पर सिविल कोर्ट ने पार्टिशन सूट में दो प्रॉपर्टीज शामिल करने का आदेश दिया था। उनकी बहन हेमलता ने दूसरे भाई के साथ मिलकर बंटवारे के लिए अर्जी लगाई थी। दावा किया गया कि हेमलता की शादी के समय उनके पिता ने ससुर चन्‍नैया के नाम पर नॉमिनल सेल डीड की थी। ऐसे में प्रॉपर्टी का भी बंटवारा (division of property) होना चाहिए क्‍योंकि यह दहेज के रूप में दी गई थी। इनमें से एक प्रॉपर्टी गांव में एक एकड़ जमीन है और दूसरी बेंगलुरु की एक रेजिडेंशियल साइट। दावा किया गया कि उनके पिता ने हेमलता और उनके पति जयरमैया के नाम पर पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney) कर रखी थी और उन्‍हीं के नाम पर जून 2006 में सेल डीड की गई। 8 अगस्‍त, 2018 को सिविल कोर्ट ने अपना फैसला दिया।

निचली अदानल के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती (Challenge in High Court)  देते हुए हेमलता ने कहा कि ये दोनों जमीनें स्‍वतंत्र रूस से खरीदी गई थीं और पार्टिशन सूट में शामिल नहीं की जा सकतीं। जस्टिस गोविंदराज ने कहा कि चूंकि यह स्‍पष्‍ट कहा गया है कि नॉमिनल सेल डीड शादी के वक्‍त की गई, ट्रायल में यह स्‍पष्‍ट करना होगा। जज ने कहा, 'यह दोनों पक्षों पर है कि वे ट्रायल में साबित करें कि संपत्तियां संयुक्‍त परिवार की थीं या नहीं। अगर संपत्तियां संयुक्‍त परिवार की थीं तो बंटवारे में शामिल होंगी। अगर वादी यह साबित करते हैं कि संपत्तियां उनके अपने पैसों से खरीदी गईं और फैमिली प्रॉपर्टी नहीं हैं तो उनका बंटवारा नहीं होगा।'