UP सरकार का बड़ा ऐलान, यहां बनेंगे 32 नए औद्योगिक शहर

New Townships in UP : आपको बता दें कि यूपी में योगी सरकार ने शहरों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बड़ा ऐलान किया है। हाल ही में मिली एक अपडेट से पता चला कि यूपी में पांच एक्सप्रेस-वे के किनारे 32 औद्योगिक शहर बसाने जा रही है। बता दें कि नए औद्योगिक शहरों (industrial cities) में इन जिलों की जमीन शामिल की गई। आइए जानें इसके बारे में विस्तार से 
 

NEWS HINDI TV, DELHI : हाल ही में मिली एक अपडेट के अनुसार पुराने शहरों पर आबादी के बढ़ते बोझ को घटाने के लिए एक दर्जन नई टाउनशिप बसाई जाएंगी। नई टाउनशिप लखनऊ, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर आदि में विकसित की जाएंगी। साथ ही पांच एक्सप्रेसवे के (expressway) किनारे 32 औद्योगिक शहर भी बसाए जाएंगे।


 शहरों में आबादी बढ़ने से बुनियादी सुविधाएं गड़बड़ाने लगती हैं, जो बड़ी चुनौती है। एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक देश के करीब 40 फीसदी लोग शहरों में निवास करेंगे। तब करीब 5000 ऐसे कस्बे होंगे, जिनकी आबादी एक लाख से अधिक होगी। 10 हजार से ज्यादा आबादी वाले कस्बों की संख्या 50 हजार से अधिक होगी।

 

शहरों में बुनियादी सुविधाएं


इसे देखते हुए नए शहर नियोजित तरीके से बसाने की योजना है ताकि पुराने शहरों की बुनियादी सुविधाओं पर दबाव न बढ़े। इसे देखते हुए सरकार एक दर्जन शहरों से सटे क्षेत्रों में नई टाउनशिप विकसित करने की तैयारी की है। इससे जहां पुराने शहरों की बुनियादी सुविधाओं पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा, वहीं नई टाउनशिप पूरी तरह से नियोजित होगी। इससे लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा।

सरकार बसाने जा रही है पांच एक्सप्रेसवे के किनारे 32 औद्योगिक शहर 


सरकार पांच एक्सप्रेसवे के किनारे 32 औद्योगिक शहर बसाने जा रही है। इसके लिए पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Express Way)के किनारे बसे 23 जिलों के 84 गांवों को चिह्नित कर अधिसूचित भी कर दिया गया है। अब उप्र. औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) इनके अधिग्रहण का काम करेगा। हर शहर के लिए शुरू के चरण के लिए 100 से 600 एकड़ तक जमीन का अधिग्रहण होना है। 


यूपी के इन इलाकों में बनाए जाऐगे नए औद्योगिक शहर 

अधिग्रहण के बाद यूपीडा यहां बुनियादी सुविधाओं का विकास कर इनको निवेशकों को उपलब्ध कराएगा। इन शहरों में वेयर हाउस, लॉजिस्टिक, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (electronic equipment), होजरी, फूड प्रोसेसिंग, दुग्ध प्रसंस्करण, दवा, मशीनरी से संबंधित इकाइयों में निवेश आकर्षित कराने का फोकस होगा। यह भी ख्याल रखा जाएगा कि जिस क्षेत्र में जिस उद्योग की परंपरा हो उससे संबंधित उद्योग भी लगें।