Whiskey Beer : सप्ताह में पीनी चाहिए इतनी बीयर और शराब , एक्सपर्ट ने बताई लिमिट

Liquor :  शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है, ये हर किसी को पता है फिर भी लोग इसक सेवन करते हैं। पहले शौक के तौर पर ड्रिंक करने वालों की ये बाद में आदत बन जाती है। शराब पीने के नुकसान जानने के बावजूद वो इसे छोड़ नहीं पाते। दूसरी ओर अगर शराब का सेवन सही तरीके से किया जाए तो इसके दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।  
 

NEWS HINDI TV, DELHI:  sharab se hone wale nuksan - क्या सुरक्षित और कम मात्रा में भी शराब पीने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है? यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों पर विश्वास किया जाए, डबल्यूएचओ के यूरोपीय क्षेत्र में होने वाले कैंसर के लिए अल्कोहल एक प्रमुख कारण है, चूंकि अल्कोहल के सभी प्रकार के खपत के कारण कैंसर हो सकता है। वह चाहे “हल्का” और “मध्यम” ही क्यों न हो, जैसे प्रति सप्ताह 1.5 लीटर वाइन से कम या 3.5 से कम लीटर बीयर या फिर 450 मिलीलीटर से कम स्पिरिट का सेवन (Alcohol use: Weighing risks and benefits) कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है।

Love Story : जवान भतीजे से दिल लगा बैठी 40 साल की चाची, उसके बाद जो हुआ...

ज्यादा  शराब पीने से होती हैं ये 7 भयंकर बीमारियां- 


डब्ल्यूएचओ ने द लांसेट पब्लिक हेल्थ को अपना बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया कि शराब की बात आने पर कोई सुरक्षित सीमा नहीं है। अल्कोहल को दशकों पहले इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर द्वारा ग्रुप 1 कार्सिनोजेन के रूप में क्लासिफाइड किया गया है। इसे आंत और ब्रेस्ट कैंसर सहित कम से कम सात प्रकार के कैंसर से जोड़ा गया है। इथेनॉल (अल्कोहल) कैंसर का कारण बनता है क्योंकि यह शरीर में टूट जाता है। वहीं शराब अधिकांश महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के लिए जिम्मेदार है। जिसमें सबसे अधिक मामले यूरोपीय संघ (ईयू) के देशों में देखा गया है।

जान लें एक सप्ताह में कितनी शराब और बीयर पीनी चाहिए- 


वहीं Healthdirect.gov.au के अनुसार, शराब के जोखिम से बचने के लिए वयस्कों को एक सप्ताह में 10 से अधिक पेय नहीं और एक दिन में चार से अधिक ड्रिंक नहीं लेने चाहिए। एक मानक पेय का साइज 330 मिली बीयर और 30 मिली हार्ड अल्कोहल (व्हिस्की, जिन आदि) और 150 मिली वाइन (रेड और व्हाइट) है।


इतनी शराब पीने से नहीं होता कैंसर- 

डब्ल्यूएचओ के नये बयान के मुताबिक “वर्तमान में उपलब्ध प्रूफ उस सीमा के अस्तित्व का संकेत नहीं दे सकते हैं जिस पर अल्कोहल (Alcohol Consumption Guidelines) के कार्सिनोजेनिक इफेक्ट मानव शरीर में दिखाई देने लगते हैं।” इसके अलावा ऐसा कोई भी अध्ययन नहीं है जिसमें यह पाया गया हो कि कम या मध्यम मात्रा में शराब का सेवन हृदय रोगों में लाभकारी है और टाइप 2 मधुमेह के अलग-अलग मरीजों के लिए शराब के समान स्तर से जुड़े कैंसर के जोखिम को कम करता हो।


इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI) के प्रोफेसर, डॉ के श्रीनाथ रेड्डी कहते हैं, “व्यक्ति खुद अपना निर्णय ले सकता है कि क्या वह हेल्दी डाइट के साथ थोड़ी सी मात्रा में शराब का सेवन कर सकता है? हालांकि इसके सेवन से ब्लड में घुलने वाले अल्कोहल से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों (The risks of drinking too much) के बारे में उसे पूरी तरह से अवगत होना चाहिए।


 

Sone ka bhav : ऑल टाइम हाई से 1815 रूपए सस्ता हो गया सोना, दुकानों पर ग्राहकों की लगी भीड़

शरीर के इन अंगों पर प्रभाव डालती है शराब- 

आगे उन्होंने कहा कि “शराब के सेवन के दुष्प्रभाव (which is better for your stomach wine or beer) कई प्रकार से शरीर के अंगों पर पड़ते हैं। कई जगह पर कैंसर के अलावा, हृदय से संबंधित रोग, लिवर से संबंधित रोग, पैंक्रियाज और तंत्रिका संबंधी और मानसिक स्वास्थ्य विकार, सड़क यातायात दुर्घटनाएं और हिंसा के अन्य रूप भी शराब से जुड़े हैं। शराब की थोड़ी मात्रा भी न्यूरोनल ट्रांसमिशन को प्रभावित करके मस्तिष्क के कार्य को बाधित कर सकती है। कुछ प्रभाव अस्थायी होते हैं लेकिन कई लंबे समय तक चलने वाले नुकसान का कारण बनते हैं।

शराब से होने वाली बीमारियां- 


भारत में शराब के प्रभाव पर विस्तार से बात करते हुए डॉ रेड्डी कहते हैं, “शराब के प्रभाव पीने के पैटर्न, शराब के सेवन (how much beer is safe to drink daily) के प्रकार और अन्य जोखिम कारकों की मौजूदगी पर निर्भर करते हैं। मेडिटेरेनियन डाइट (Mediterranean Diet) में ऐसे कई पॉज़िटिव इफेक्ट हैं जो शराब के हानिकारक प्रभाव का मुकाबला करते हैं। वहीं भारत सहित कई अन्य देशों में हुए अध्ययन में शराब को हृदय के लिए स्वस्थ नहीं (Beer or wine better for your heart) माना गया है। शराब के सेवन के कारण बढ़े हुए ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक का बढ़ता जोखिम चिंताजनक प्रभाव है। शराब को गंभीर कार्डियक अरेस्ट से भी जोड़ा गया है। शराब में उच्च कैलोरी सामग्री (7 कैलोरी प्रति ग्राम) होती है और यह अतिरिक्त स्वास्थ्य जोखिमों के साथ अधिक वजन और मोटापे की ओर ले जाती है। युवाओं के बीच दुर्घटनाओं से होने वाली मौतें विशेष रूप से एक प्रमुख पब्लिक हेल्थ कंसर्न है।

शराब पीने से शरीर को लाभ मिलता है ?


PHFI की रिसर्च और हेल्थ प्रमोशन की वाइस प्रेसीडेंट प्रोफेसर मोनिका अरोड़ा कहती हैं, “भारत ने नैशनल एनसीडी (गैर-संचारी रोग) जिस कई अन्य देशों ने अपनाया है उसे भारत नें भी अपनाया है। इसके तहत भारत ने साल 2025 तक शराब की खपत में 10 प्रतिशत की कमी करने के लक्ष्य को अपनाया गया। वहीं कन्सल्टन्ट डायबेटोलॉजिस्ट डॉ आरएम अंजना कहते हैं, “यदि आपने शराब पीना शुरू नहीं किया है, तो शुरू करने की कोशिश भी न करें क्योंकि इससे कोई अतिरिक्त लाभ (average drinks per week by age) नहीं होने वाला है। यदि आप शराब का सेवन करते हैं तो सीमित कर दें।

शराब के सेवन से 200 मिलियन से अधिक लोगों में कैंसर का खतरा

ये 5 लाख वाली 7 seater car ग्राहकों को आ रही खूब पसंद, लगातार बढ़ रही बिक्री

यूरोप के WHO के रिजिनल ऑफिस में अल्कोहल और इलिसिट ड्रग्स के क्षेत्रीय सलाहकार डॉ कैरिना फेरेरा-बोर्गेस के मुताबिक शराब के पहले गिलास के साथ ही जोखिम शुरू हो जाता है। शराब के सुरक्षित स्तर के बारे में कोई बात नहीं कर सकते हैं क्योंकि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कितना पीते हैं। दरअसल पीने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर जोखिम उसके किसी भी मादक पदार्थ (how much beer is safe to drink in a week) की पहली बूंद के साथ ही शुरू हो जाता है। केवल एक चीज है जो हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि आप जितना अधिक पीते हैं, यह उतना ही अधिक वह आपके लिए हानिकारक होता है या दूसरे शब्दों में कहें तो जितना कम आप पीते हैं, यह उतना ही आपके लिए सुरक्षित होता है।

विश्व स्तर पर देखें तो WHO यूरोपीय क्षेत्र में शराब की खपत सबसे ज्यादा है और वहां की जनसंख्या में पीने वालों का सबसे अधिक अनुपात है। इस क्षेत्र में 200 मिलियन से अधिक लोगों को शराब के कारण कैंसर होने का खतरा है।