Joint Home Loan : पत्नी के साथ ज्वाइंट होम लोन लेने पर मिलते हैं ये जबरदस्त फायदे, जानिए... 

Joint Home Loan : अगर आप भी होम लोन (Home Loan) लेने के बारें में विचार कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं। आज हम आपको इस खबर में होम लोन से जुड़े कुछ नियमों के बारें में बताने वाले हैं। और इसके साथ ही  ज्वाइंट होम लोन से मिलने वालें फायदों के बारें में भी बताने वालें हैं। जानिए पूरी जानकारी...
 

NEWS HINDI TV, DELHI: घर लेना हर किसी के लिए लाइफ टाइम इन्वेस्टमेंट (life time investment) की तरह होता है. यह एक बड़ा फाइनेंशियल डिसिजन माना जाता है. ज्यादातर लोग Home Loan की मदद से सपने का आशियाना खरीदते हैं. घर खरीदने के दौरान साइज और लोकेशन बहुत ज्यादा मैटर करता है. घर की कीमत भी इसी पर निर्भर करती है. अमूमन 80-90 फीसदी तक फाइनेंसिंग हो जाती है. यह लोन 2-3 दशक तक चलने वाला होता है. ऐसे में इंटरेस्ट रेट (interest rate) बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है. इन मामलों में ज्वाइंट होम लोन एक अच्छा विकल्प है.

Joint Home Loan के प्रमुख फायदे:-


गोदरेज कैपिटल के चीफ कस्टमर ऑफिसर नलिन जैन ने कहा कि Joint Home Loan की मदद से घर खरीदने के कई फायदे हैं. अगर आप पत्नी को को-ऐप्लीकेंट या को-ओनर बनाते हैं तो इसके कई सारे फायदे हैं. खासकर पत्नी अगर नौकरी कर रही हैं तो यह फायदा कई मायनों में बढ़ जाता है. 

5 benefits of Joint Home Loan:-

1. अगर आपकी पत्नी वर्किंग हैं और उन्हें को-ऐप्लीकेंट बनाकर होम लोन लेंगे तो कई सारे फायदे मिलते हैं. सबसे पहले लोन मिलने के लिए एलिजिबिलिटी बढ़ जाती है. इसका कारण है कि इनकम बेस बढ़ जाता है. अगर दोनों का सिबिल मजबूत है तो बैंक का इंटरेस्ट रेट बहुत कम हो जाएगा.

2. फाइनेंसिंग इंस्टिट्यूशन महिलाओं को कम इंटरेस्ट रेट पर होम लोन ऑफर करती है. इसके अलावा हायर एंड स्टेबल इनकम वाले ऐप्लीकेंट को भी कम इंटरेस्ट रेट ऑफर किया जाता है. महिला को-ऐप्लीकेंट के कारण ऐसे मामलों में इंटरेस्ट रेट पर डबल फायदा मिलता है.

3. लोन प्रपोजल में अगर को-ऐप्लीकेंट  का जिक्र होगा तो लेंडर्स आसानी से लोन देते हैं. दरअसल, इसमें रिस्क रिवॉर्ड घट जाता है. सिंगल ऐप्लीकेंट के मामलों में बैंक का वेरिफिकेशन और प्रोसेसिंग टाइम थोड़ा ज्यादा समय लेता है.

4. अगर आपकी पत्नी को-ऐप्लीकेंट के साथ में को-ऑनर भी हैं तो टैक्स बेनिफिट भी डबल मिलता है. Home Loan प्रीपेमेंट करने पर इंटरेस्ट पार्ट पर सेक्शन 24 के तहत 2 लाख रुपए का टैक्स बेनिफिट मिलता है. प्रिंसिपल अमाउंट रीपेमेंट पर सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए का टैक्स बेनिफिट मिलता है. इस तरह कुल लाभ 3.5 लाख रुपए तक हो सकता है. अगर पत्नी को-ऑनर होगी तो यह फायदा दोनों को मिलेगा और नेट टैक्स बेनिफिट 7 लाख रुपए का होगा.

5. को-ओनरशिप का फायदा उठाने के लिए पत्नी को भी EMI का भुगतान करना होगा. अगर पत्नी प्रॉपर्टी में 50 फीसदी की मालकिन है तो EMI का आधा हिस्सा उसे भी चुकाना होगा. मान लीजिए कि होम लोन मिलने के कुछ सालों बाद पत्नी ने नौकरी छोड़ने का फैसला किया तो इसकी सूचना बैंक को देनी होगी. ऐसे हालात में होम लोन चुकाने की क्षमता घट जाती है. सूचना मिलने पर बैंक की तरफ से करेक्टिव एक्शन उठाया जा सकता है.