कितनी EMI नहीं चुकाने पर कार उठा ले जाएंगे रिकवरी एजेंट, ऐसे हालात में क्या करें, ग्राहक जान लें अपने अधिकार

car loan recovery - मौजूदा समय में आम आदमी के लिए कार खरीदना काफी आसान हो गया है. बैंक आपके क्रेडिट स्कोर और इनकम के आधार पर 80 प्रतिशत अमाउंट तक फाइनेंस कर देते हैं. इस सुविधा के कारण कार लोन लेने वालों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. लंबे समय तक कार का लोन (car loan) नहीं भर पाने के कारण बैंक ग्राहक के खिलाफ सख्त कदम उठा सकता है। लेकिन कस्टमर के पास भी कुछ अधिकार होते हैं। आपको ये जानकारी होना बहुत जरूरी है कि अगर रिकवरी एजेंट कार ले जाए तो क्या करना चाहिए। चलिए नीचे खबर में जानते हैं-  

 

NEWS HINDI TV, DELHI: मौजूदा समय में आम आदमी के लिए कार खरीदना काफी आसान हो गया है। बैंक आपके क्रेडिट स्कोर (credit score) और इनकम के आधार पर 80 प्रतिशत अमाउंट तक फाइनेंस कर देते हैं। इस सुविधा के कारण कार लोन लेने वालों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। लेकिन कई बार वित्तीय अस्थिरता के चलते आप समय पर गाड़ी की ईएमआई नहीं चुका पाते हैं। ऐसे में फाइनेंस कंपनी की ओर से रिकवरी की कार्रवाई की जाती है।

अगर आप कार लोन की ईएमआई (EMI) नहीं चुकाते हैं तो रिकवरी एजेंट आपकी गाड़ी उठा सकते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कि किन परिस्थितियों में रिकवरी एजेंट आपकी गाड़ी ले जा सकते हैं। ऐसे में आपके पास क्या अधिकार होते हैं और इस तरह की स्थिति से आप कैसे निपट सकते हैं।

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समय पर EMI नहीं चुकाने पर क्या करता है बैंक

अगर आप कार लोन की EMI नहीं चुकाते हैं तो ऐसे में बैंक पैसे वसूलने के सभी हथकंडे अपनाता है और कई मामलों में आपकी गाड़ी को भी अपने कब्जे में ले लेता है। अगर एक बार आपकी ईएमआई बाउंस (EMI bounce) होती है तो बैंक आपको रिमाइंडर कॉल्स भेजता है और पेनल्टी के साथ भुगतान का ऑप्शन देता है। वहीं दूसरी बार लगातार ईएमआई नहीं चुकाने पर बैंक से आपके पास ईएमआई चुकाने के लिए लैटर आता है और साथ ही बैंक से कॉल्स व प्रतिनिधि भी आपके घर आकर संपर्क कर सकते हैं। साथ ही लोन डॉक्यूमेंट (loan document) में आपकी ओर से बताए गए गारंटरों से भी संपर्क किया जा सकता है।


कब बैंक कब्जे में ले लेता है गाड़ी-

अगर आप लगातार कार लोन की तीन ईएमआई (EMI) नहीं चुकाते हैं और बैंक को इसकी वजह नहीं बताते हैं तो बैंक आपके खिलाफ सख़्त कदम उठा सकता है। ऐसे में बैंक आपके केस को नॉन परफॉर्मिंग असेट (NPA) में काउंट करता है। साथ ही बैंक कार रिकवरी की कार्रवाई शुरू कर देता है।


इस दौरान बैंक रिकवरी एजेंट्स (Bank Recovery Agents) आपके घर आते हैं और कागजी कार्रवाई के बाद गाड़ी को रिकवर कर अपने साथ ले जाते हैं। गाड़ी रिकवरी के बाद बैंक आपको और एक महीने का समय देता है, इस समय सीमा में आपको चार महीनों की ईएमआई, पैनल्टी और गाड़ी जहां पर पार्क की गई है उस वेयरहाउस का पार्किंग चार्ज(parking charge)  चुकाना होता है।

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ग्राहक को पता होने चाहिए अपने ये अधिकार- 

लोन नहीं चुकाने पर भी कोई बैंक रिकवरी एजेंट (bank recovery agent) आपसे जबर्दस्ती गाड़ी नहीं ले सकता है। इसके खिलाफ आप पुलिस में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। रिकवरी एजेंट आपके साथ बुरा बर्ताव नहीं कर सकता है। इसके अलावा जिसके नाम से कार लोन लिया हुआ है या जो भी एग्रीमेंट में गारंटर हैं, उनके अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति को आपकी फाइनेंशियल हालत के बारे में बैंक जानकारी नहीं दे सकता है।


यदि आप ईएमआई नहीं चुका पा रहे हैं तो बैंक से संपर्क करके उन्हें अपनी फाइनेंशियल कंडीशन (financial condition) के बारे में बता सकते हैं। इस तरह आप बैंक से EMI चुकाने के लिए अतिरिक्त समय की मांग कर सकते हैं। हालांकि, यह बैंक के अधिकार में होता है कि वे आपको समय दें या नहीं। यदि आपको अतिरिक्त समय मिलता है तो आपको इसके लिए ज्यादा ब्याज और पेनल्टी (Penalty) चुकानी पड़ सकती है।