share market : केवन 6 घंटे में निवेशक हो गए कंगाल, 15000 करोड़ रुपये का लगा चूना

share market news : आपको बता दें कि शेयर मार्किट के निवेशकों का आज का दिन काफी बुरा रहा क्योंकि आज निवेशकों के लगभग 15000 करोड़ रूपए डूब गए, और सिर्फ 6 घंटों में हुए इस बड़े नुक्सन से मार्किट पर तगड़ा असर पड़ा है | कैसा हुआ इतना नुक्सान जानिए...
 

NEWS HINDI TV, DELHI: लाइट बल्ब, वायर स्विच आदि समेत कई इलेक्ट्रिकल उत्पाद बनाने वाली कंपनी (Electrical Products Manufacturing Company) पॉलीकैब इंडिया के शेयरों में गुरुवार को बिकवाली की आंधी आ गई. बीएसई पर कंपनी का शेयर 21.08 प्रतिशत गिरकर 3,877.40 रुपये पर बंद हुआ. दिन में कारोबार के दौरान बीएसई पर यह शेयर 22.40 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 3,812.35 रुपये पर आ गया था. एनएसई पर कंपनी का शेयर 20.50 प्रतिशत गिरकर 3,904.70 पर आ गया. इससे कंपनी का बाजार मूल्यांकन घटकर 58,225.57 करोड़ रुपया रह गया.

कंपनी के मूल्यांकन में एक दिन के ट्रेड में 15,485.96 करोड़ रुपये की गिरावट आई. यानी निवेशकों को इतने रुपये की चपत लगी. यह सब एक खबर के कारण हुआ. दरअसल, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अधिकारियों और अन्य सूत्रों ने बुधवार को कहा, “आयकर विभाग (Income Tax Department) ने हाल ही में तार, केबल और बिजली के सामान के एक प्रमुख निर्माता पॉलीकैब समूह पर छापा मारने के बाद लगभग 1,000 करोड़ रुपये की ‘बेहिसाब नकदी बिक्री’ का पता लगा है.” सीबीडीटी ने बयान में कहा कि पिछले साल 22 दिसंबर को समूह के खिलाफ तलाशी शुरू करने के बाद चार करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी जब्त की गई और 25 से अधिक बैंक लॉकरों पर रोक लगा दी गई.

आधिकारिक बयान में नाम नहीं-

आयकर विभाग (Income Tax Department) ने इन रेड्स को लेकर एक आधिकारिक बयान भी जारी किया है. हालांकि, इस बयान में कहीं भी पॉलीकैब का जिक्र नहीं है. आयकर विभाग ने कहा है कि 50 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. नाम न लेने के बावजूद शेयर बाजारों ने इस संबंध में पॉलीकैब से सफाई मांगी थी. इसकी पुष्टि खुद पॉलीकैब ने एक बयान में की है.

छापेमारी में क्या मिला पता-

स्टॉक एक्सचेंज (stock exchange) को दिए बयान में पॉलीकैब ने कहा है कि अभी तक आयकर विभाग से उन्हें यह नहीं पता चला है कि आखिर उस छापेमारी में मिला क्या था. साथ ही पॉलीकैब ने यह भी कहा कि उन्होंने छानबीन में विभाग का पूरा सहयोग किया था. आयकर विभाग ने बीते बुधवार को कहा था कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि कंपनी ने कई ऐसी खरीद और बिक्री दिखाई जिसका कोई हिसाब नहीं है. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट व कुछ अन्य खर्च ऐसे दिखाए जो सही नहीं लगते हैं और इनसे टैक्स बचाने का प्रयास किया गया है.