Success Story : मात्र 23 साल की उम्र में बिना कोचिंग लिए हासिल की IPS की कुर्सी, किया मां का सपना पूरा 

IPS Success Story : आज हम आपको एक ऐसी प्रेरणादयी सफलता की कहानी के बारे में बताएंगे जिसे सुन आप हैरान रह जाएंगे। ये उस महिला अधिकारी की सफलता की कहानी है जिन्होने महज 23 साल की उम्र में UPSC पास कर IPS की कुर्सी हासिल की। चलिए विस्तार से पढ़ते है आईपीएस दिव्या तंवर की सफलता की कहानी।

 

NEWS HINDI TV, DELHI : UPSC सिविल सेवा परीक्षा (civil services exam) निस्संदेह भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. IAS, IPS और IFS अधिकारी बनने के लिए हर साल लाखों उम्मीदवारों ने UPSC CSE के लिए आवेदन किया. हालांकि, कुछ ही उम्मीदवार कड़ी मेहनत करके इस हाई-प्रोफाइल परीक्षा को पास करने में सफल होते हैं. लेकिन कई ऐसे बच्चे भी है जो जी तोड़ मेहनत कर इसमें सफल होते रहे है। 

 कुछ उम्मीदवार छोटे शहरों से होते है इसलिए वे परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली जैसे बड़े शहरों में जाते हैं, हालांकि, ऐसे कई लोगों के उदाहरण हैं, जिन्होंने कोचिंग लिए सेल्फ स्टडी (self study for UPSC) करके परीक्षा में सफलता प्राप्त की. उनमें से कुछ ऐसे भी होते हैं जो अपने जीवन में तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए इस मुकाम तक पहुंचते हैं.


ऐसी ही हम आपको बताते है आईपीएस दिव्या तंवर के बारे में. कौन हैं आईपीएस दिव्या तंवर? दिव्या तंवर 2021 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने 2021 में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 438 के साथ संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास की. उन्होंने अपने पहले अटेंप्ट में 21 साल की उम्र में परीक्षा पास की. वह यूपीएससी परीक्षा के कई उम्मीदवारों के लिए एक मोटिवेशन हैं और उनके वीडियो अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल हो जाते हैं.


आईपीएस दिव्या तंवर (IPS Divya Tanwar) हरियाणा के महेंद्रगढ़ की रहने वाली हैं. आईपीएस दिव्या तंवर (IPS Divya Tanwar) ने शुरुआत में अपने होम टाउन के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की, लेकिन बाद में उनका चयन नवोदय विद्यालय महेंद्रगढ़ के लिए हो गया. उनके पास विज्ञान (BSc) में स्नातक की डिग्री है. ग्रेजुएशन के बाद ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी (UPSC preparation) शुरू कर दी थी. उन्होंने 1.5 साल की तैयारी के साथ अपना पहला यूपीएससी अटेंप्ट दिया.


आईपीएस दिव्या तंवर के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. 2011 में पिता की मौत के बाद परिवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. दिव्या पढ़ाई में होशियार थीं और इसीलिए उनकी मां बबिता तंवर उनका साथ देती हैं. दिव्या ने कोई कोचिंग नहीं ली और यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा (upsc preliminary exam) पास कर ली. बाद में, उन्होंने अपनी यूपीएससी मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए टेस्ट सीरीज समेत अलग अलग ऑनलाइन सोर्सेज से मदद (Help from online sources) ली. प्रीलिम्स क्लियर करने के बाद वह यूपीएससी कोचिंग मेंटरशिप प्रोग्राम में शामिल हुईं.


दिव्या के पास उचित वित्तीय सहायता नहीं थी, लेकिन उनकी मां ने हमेशा उन्हे पढ़ाई करने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. दिव्या जब परीक्षा की तैयारी कर रही थीं तब उनकी मां बबिता ने भी उन्हें आर्थिक मदद की थी.