Holi 2024 : यहां जानें होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

Holi 2024 - भारतीय संस्कृति व पर्व एक दूसरे के पूरक रहे हैं। प्राचीन काल से होली खेलने के लिए युवा पीढ़ी व बच्चे महीनों पहले से तैयारियां प्रारम्भ कर देते थे। इसमें प्राकृतिक रंग से एक दूसरे को सराबोर करने के साथ बच्चों द्वारा आलू के आधे टुकड़े पर अनेक उल्टे शब्द लिखकर रंग लगाकर लगाये जाते थे। हालांकि, होली मनाने को लेकर कई लोग ऊहापोह की स्थिति में है। ऐसे में कब है होली का पर्व, जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें। 
 

NEWS HINDI TV, DELHI: उत्तर भारत में जब भी रंगो के त्योहार की बात होती है, तो इसमें होली का त्योहार (holi festival) सबसे प्रमुख त्योहार है। भारतीय को इस त्योहार का विशेष रूप से इंतजार रहता है। विशेषकर, युवाओं में इस त्योहार के अवसर पर रंगों के साथ खेलने को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिलता है। लोग गुलाल-अबीर के साथ एक दूसरे से गले मिलते हैं और रिश्तों की डोर को और मजबूत करते हैं। ऐसा कहा भी जाता है कि इस दिन पुराने गिले-शिकवे भुला दिए जाते हैं।


हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन (Holi kab Hai 2024) होता है। फिर इसके अगले दिन चैत्र प्रतिपदा को रंग वाली होली खेली जाती है। लेकिन  इस बार होली की तारीख को लेकर लोगों में बड़ा कन्फ्यूजन फैला है। कोई 24 मार्च तो कोई 25 मार्च को होली बता रहा है। आइए हिंदू पंचांग के  जानते हैं कि होली की सही तारीख (exact date of holi) क्या है और इस बार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा। 


 

 

 

Holi kab Hai 2024: कब है छोटी होली


सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि इस बार छोटी होली कब है, तो आपको बता दें कि इस बार भी भद्रा रहित पूर्णिमा तिथि में ही होलिका दहन किया जाएगा। ऐसे में 24 मार्च, 2024 को होलिका दहन का उत्सव मनाया जाएगा। 24 मार्च की रात 10 बजकर 40 मिनट के बाद भद्रा समाप्त हो जाएगी, जिसके बाद होलिका दहन किया जा सकता है। 

Holi kab Hai 2024: कब होता है होली का उत्सव


अब हम यह जान लेते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार, होली का उत्सव कब मनाया जाता है। आपको बता दें कि फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होली का उत्सव मनाया जाता है। हालांकि, इस बार 25 और 26 को दो पूर्णिमा होने की वजह से असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है। 


Holi kab Hai 2024: कब मनाई जाएगी होली


अब सवाल है कि आखिर होली का उत्सव कब मनाया जाएगा। दरअसल, 24 मार्च की रात भद्रा समाप्त हो जाएगी, जिसके बाद पूर्णिमा को होली का उत्सव मनाया जा सकता है। देशभर में 25 मार्च को ही होली का उत्सव मनाया जाएगा। इस दिन रंगों के साथ होली खेली जाएगी। हालांकि, यह होली काशी पंचांग के अनुसार मनाई जाएगी। 


होलिका दहन पूजा पूजा विधि (Holika Dahan Puja Vidhi)

फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन से पहले होलिका माई की विधिवत पूजा होती है। इस दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान के बाद साफ-सुथरे वस्त्र पहनें। शाम को होलिका दहन के स्थान पर पूजा की थाल लेकर जाएं। यहां पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। सबसे पहले होलिका को उपले से बनी माला  अर्पित करें। अब रोली, अक्षत, फल, फूल, माला, हल्दी, मूंग, गुड़, गुलाल, रंग, सतनाजा, गेहूं की बालियां, गन्ना और चना आदि चढ़ाएं।


इसके बाद होलिका पर एक कलावा बांधते हुए 5 या 7 बार परिक्रमा करें। अंत में जल चढ़ाकर होलिका माई से सुख-संपन्नता की प्रार्थना करें। शाम को  होलिका दहन के समय अग्नि में जौ या अक्षत अर्पित करें। इसकी अलाव में नई फसल को चढ़ाते हैं और भूनते हैं। भुने हुए अनाज को लोग घर लेकर आते हैं और प्रसाद के रूप में उसे वितरित करते हैं। शास्त्रों में ऐसा करना बहुत ही शुभ माना गया है।

होली पर लगेगा चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2024)


इस साल होली का त्योहार थोड़ा बेरंग पड़ सकता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार होली के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। यह चंद्र ग्रहण कन्या राशि में लगेगा। यह चंद्र ग्रहण चंद्र ग्रहण सोमवार, 25 मार्च को होली के दिन लगेगा। यह चंद्र ग्रहण सुबह 10 बजकर 24 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। यानी चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 36 मिनट की होगी।

हालांकि यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इसमें पूजा-पाठ, शुभ व मांगलिक कार्य  भी बाधित नहीं होंगे। यह चंद्र ग्रहण उत्तर-पूर्व एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान, रूस, आयरलैंड, इंग्लैंड, स्पेन, पुर्तगाल, इटली, प्रशांत, अटलांटिक और आर्कटिक महासागर जैसी जगहों से दिखाई पड़ेगा।