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Affair : पत्नी ने खुद की पहल, पति नहीं आया पास तो ननदोई से बनाए संबंध

Affair : आमतौर पर कहा जाता है कि नंदोई चाहे उम्र में छोटा हो या बड़ा, उनके साथ हमेशा ही सम्मान से व्यवहार किया जाना चाहिए। लेकिन इस महिला ने अपनी ही ननद के पति के साथ संबंध बना लिए। जिसका कारण महिला ने खुद बताया है।
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Affair : पत्नी ने खुद की पहल, पति नहीं आया पास तो ननदोई से बनाए संबंध

NEWS HINDI TV, DELHI : इस बात में कोई दौराए नहीं कि शादी जैसे नाजुक रिश्ते को चलाने के लिए पति-पत्नी का न केवल आपस में जुड़ना बहुत जरूरी है बल्कि उनका एक-दूसरे से संतुष्ट होना भी बहुत मायने रखता है। अगर ऐसा न हो तो वो रिश्ते ज्यादा दिन चल सकता।  हालांकि, मुझे अपनी शादी में दोनों में से कुछ नहीं मिला था।


मैं अपनी मैरिड लाइफ से बिल्कुल भी खुश नहीं थी,  ऐसा इसलिए क्योंकि मेरे पति का व्यवहार बहुत ही उदासीन था। उसने मुझे कभी भी वैसा महसूस नहीं कराया था, जैसा कि मैं चाहती थी। वो न केवल अपने काम में बहुत बिजी रहता था बल्कि उसके पास हमारे रिश्ते के लिए भी थोड़ा सा भी समय नहीं था। मुझे अच्छे से याद है कि शादी के बाद से उसने मुझे कभी नहीं छुआ हो। वो मुझसे प्यार और रोमांस में सबसे कम दिलचस्पी लेता था। ऐसा नहीं है कि मैंने उससे पूछने की कोशिश नहीं की, लेकिन उसकी बातों में हमेशा मुझे एक टालमटोली दिखती थी।


इस काम के लिए किए प्रयास

 मैंने एक बार उसके साथ रिश्ते बनाने की भी पहल की परंतु कुछ नहीं हो पाया। अपना रिश्ता सही करने के मेरे सारे प्रयास असफल रहे। इस घटना ने मुझे बहुत ही निराश किया। हमारी शादी बाहर से शांतिपूर्ण दिखती थी। लेकिन वास्तव में ये मेरे लिए गले का फांस बनती जा रही थी। मैं अपनी भावनाओं को बाहर निकालना चाहती थी। मैं पति से प्यार करना चाहती थी। लेकिन मेरे पति हमेशा जानबूझकर जल्दी सो जाता था। एक दिन ऐसा आया कि मैं इस प्रेमहीन विवाह में एडजस्ट करने लगी ।


 
जब पहली बार हुई मुलाकात

मुझे अपने पति से और इस शादी से कोई उम्मीद नहीं थी कि अचानक मेरी ननद के पति जो विदेश में रह रहे थे, सदियों बाद हमसे मिलने आ गए। वो देखने में बहुत ही आकर्षक था और पर्सनैलिटी काफी अच्छी थी।  वो ऊर्जा से भरा हुआ लग रहा था। इन्हीं चीजों ने मुझे उसके बारे में इस तरह से सोचने पर मजबूर कर दिया था। हालांकि, मैं अच्छे से जानती थी कि मेरा उसके लिए सोचना गलत था, लेकिन मैं इसका विरोध नहीं कर सकी। क्योंकि उसके प्रति मेरा आकर्षण बढ़ता जा रहा था।

उसके कमरे में गई थी चाय देने


एक दिन मैंने उसे अपने पति के साथ अपनी वैवाहिक समस्याओं के बारे में बात करते सुना। वो बता रहा था कि उसके और उसकी पत्नी के बीच लंबे समय से काफी तनाव चल रहा है। वो मेरे पति से अपनी बहन से बात करने के लिए भी कह रहा था।


हालांकि, उसकी बातों में काफी परेशानी थी, लेकिन मेरे लिए ये सब राहत देने वाला ही था। मैं नहीं जानती ऐसा क्यों था लेकिन मेरा दिल उसकी बातें सुनकर खुश हो गया। इसके बाद हम सब खाना खाने के लिए डिनर टेबल पर इकट्ठे हुए, जहां हमने एक-दूसरे से नजरें चुरा लीं। एक दिन जब मैं उसे उसकी चाय देने उसके कमरे में पहुंची, तो हमने एक-दूसरे को सामान्य से अधिक देर तक देखा। ये काफी अजीब था, लेकिन इस दौरान मुझे ऐसा महसूस हुआ, जोकि पहले कभी नहीं हुआ था।


हमारे बीच ऐसे बने रिश्ते

एक रात रात मेरे पति भी अपने काम से बाहर गए हुए थे। घर पर हम दोनों ही अकेले थे। मैं वैसे भी काफी दिनों से अच्छा महसूस नहीं कर रहा थी।  जो शायद उसको भी पता लग चुका था। इस बीच वो चुपचाप से मेरे कमरे में आया। उसने मुझे बेड पर लेटा देखा। मैंने भी उसे अपनी तरफ आते देखा। मैं समझ चुकी थी वो क्या करना चाहता है और आकर मेरे पास बैठ गया। उसने अपनी इच्छाओं का इजहार किया और मेरे बदन पर हाथ रख दिया। मैं उस समय वो फिल कर रही थी जिसे मेरा पति कभी नहीं करा पाया। इसके बाद हम दोनों ने एक-दूसरे को किस कर लिया। हम दोनों न केवल एक-दूसरे के बेहद करीब आ गए बल्कि हमने संबंध भी बनाए। इस दौरान कुछ भी नहीं सोचा। हम दोनों बस इसी पल में रहना चाहते थे।


एक-दूसरे में मिली खुशी

इसके बाद तो हम घर पर रहने के दौरान अक्सर एक-दूसरे से प्यार करने का मौका ढूंढ़ते रहते थे। ये हम दोनों के लिए ही काफी अद्भुत समय था। मैं आखिरकार स्वतंत्र महसूस कर रही थी। ऐसा इसलिए क्योंकि एक महिला के रूप में मेरी भी कुछ इच्छाएं थीं, जोकि आखिरकार पूरी हो रही थीं। मैं कभी भी अपने पति को धोखा नहीं देना चाहती थी, लेकिन उसने कभी मेरी कद्र नहीं की।
मैं उससे बहुत प्यार करती थी, परंतु उसके लिए यह रिश्ता नाम का था, जिसे वो चाहकर भी खत्म नहीं कर सकता था। एक दिन ऐसा भी आया जब वह अपनी पत्नी के पास वापिस लंदन लौट गया। मैंने भी उसे नहीं रोका । ऐसा इसलिए क्योंकि हम दोनों ही अपने साथी के खिलाफ जाने को तैयार नहीं थे। हम अपना सारा जीवन एक साथ होकर बर्बाद नहीं कर सकते थे। इसलिए, हमने अपने बीच के रिश्ते को हमेशा गुप्त रखने का फैसला किया जिसका मुझे कोई पछतावा नहीं है।