दिल्ली NCR के इस शहर की प्रोपर्टी में आया बड़ा उछाल, इतने फीसदी बढ़े रेट
NEWS HINDI TV, DELHI: दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में प्रॉपर्टी की कीमत( Property price in Greater Noida ) तेजी से बढ़ी है। रिसर्च द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा वेस्ट क्षेत्र में आवासीय संपत्ति की कीमतों में साल-दर-साल 21.6% का इजाफा हुआ है।
यहां अच्छी सड़कें और किफायती आवास विकल्प सहित कई आधुनिक सुविधाओं ने ग्रेटर नोएडा( Greater Noida ) वेस्ट को घर खरीदारों और निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प बना दिया है। आंकड़ों के मुताबिक, किराये में साल-दर-साल 13.5 फीसदी की वृद्धि के साथ, ग्रेटर नोएडा के सभी इलाकों में किराये में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में प्रॉपर्टी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ( Delhi NCR ) के अन्य हिस्सों की तुलना में अपेक्षाकृत ज्यादा किफायती हैं। इसके अलावा, इस क्षेत्र में बेहतर सड़कों, कनेक्टिविटी और सार्वजनिक परिवहन( Public transportation ) सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का विकास देखा गया है। यह नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यहां तक कि दिल्ली में प्रमुख रोजगार केंद्रों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, ग्रेटर नोएडा में विभिन्न प्रकार के आवास विकल्प प्रदान करता है। इसमें अपार्टमेंट, विला और प्लॉट किए गए विकास शामिल हैं।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में क्या खोज रहे लोग-
रिपोर्ट के मुताबिक, घर खरीदने वालों ने 1,250 वर्ग फुट से ज्यादा एरिया के अपार्टमेंट को प्राथमिकता दी है। यह कुल मांग में 54.5% का योगदान देता है। वहीं 50% से अधिक घर खरीदने वालों में 5,000-7,500 रुपये प्रति वर्ग फुट के बजट खंड में संपत्तियों की खोज कर रहे हैं। मांग को ध्यान में रखते हुए, ऐसी संपत्तियों की आपूर्ति भी 40% बढ़ी है। मिले आंकड़ों के मुताबिक, पिछली पांच तिमाहियों में लगभग 62% घर खरीदारों ने इस क्षेत्र में 3-बीएचके और बड़े अपार्टमेंट की तलाश की है।
12 महीनों में आया काफी उछाल-
अनिवासी भारतीयों ( NRI ) की मांग में पिछले 12 महीनों में काफी उछाल आया है, जिसमें साल-दर-साल 15% की वृद्धि देखी गई है। संयुक्त राज्य अमेरिका( United States of america ), कनाडा, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त अरब अमीरात( United Arab Emirates ) के एनआरआई ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अंतरराष्ट्रीय मांग का 85% हिस्सा हैं। मिले डेटा के मुताबिक, टॉप 10 डेवलपर्स सामूहिक रूप से मांग का 76% हिस्सा रखते हैं और कुल आपूर्ति में 55% का योगदान करते हैं।