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UP के इस जिले में चलेगा बुलडोजर, हर जगह से हटाया जाएगा अतिक्रमण

UP News - हाल ही में योगी सरकार की ओर से आए एक अपडेट के मुताबिक आपको बता दें कि यूपी के इस जिले में बुलडोजर चलाया जाएगा। बता दें कि हर जगह से अतिक्रमण हटाया जाएगा। योगी सरकार की ओर से आए इस अपडेट से जुड़ी पूरी डिटेल जानने के लिए खबर को पूरा पढ़ें।

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UP के इस जिले में चलेगा बुलडोजर, हर जगह से हटाया जाएगा अतिक्रमण

NEWS HINDI TV, DELHI : महानगर की सड़क, नाली और फुटपाथों के साथ ही नगर निगम की संपत्ति, पार्क व उद्यान तथा मोहल्लों की गलियों में लगाए गए सबमर्सिबल से होने वाले अतिक्रमण को हटाने के लिए निगम प्रशासन योजनाबद्ध तरीके से अभियान चलाएगा।

पांच प्रकार के इन अतिक्रमणों पर कार्रवाई के लिए अलग-अलग प्रभारी अधिकारी नामित किए गए हैं। इनकी जिम्मेदारी होगी कि वे संबंधित अतिक्रमण को चिह्नित कर इसे हटाने के लिए तिथि व समय तय करेंगे। इसके बाद क्षेत्रीय अभियंता, सफाई निरीक्षक व प्रवर्तन दल की मदद से अतिक्रमण को हटवाएंगे।

प्रभारी की जवाबदेही होगी तय-


औचक निरीक्षण में यदि कहीं अतिक्रमण मिला तो इन्हीं प्रभारी अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल के निर्देश पर पिछले चार महीने से अपर नगर आयुक्त निरंकार सिंह के नेतृत्व में टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। निगम ने 40 एकड़ से अधिक संपत्ति से कब्जा हटाया है।


प्रवर्तन दल की मदद से मोहल्लों में भी नालियों के ऊपर व सड़क पर किए गए अतिक्रमण हटाए गए, लेकिन तंत्र की कमी से कार्रवाई में तेजी नहीं आ पा रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए नगर निगम प्रशासन ने अब अलग-अलग प्रकार के अतिक्रमण के लिए प्रभारी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की है। इसमें इंजीनियर से लेकर मजिस्ट्रेट तक को शामिल किया गया है।


सड़क, फुटपाथ और नाली जैसी जगहों पर अस्थायी स्ट्रक्चर बनाने के मामलों में जोनल प्रभारी को चिह्नांकन के साथ ही मजिस्ट्रेट को पुलिसबल के साथ कार्रवाई करनी होगी। इस काम में क्षेत्रीय सिविल इंजीनियर और सफाई निरीक्षक अपनी टीम के साथ उनकी मदद करेंगे।

पक्के निर्माण के मामलों में इंजीनियरिंग विभाग के सहायक अभियंता सिविल इंजीनियर के साथ मिलकर कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार होंगे। निगम के पार्क, उद्यान में अतिक्रमण के लिए उद्यान अधिकारी तो सड़क, फुटपाथ, गली में अवैध सबमर्सिबल के लिए अधिशासी अभियंता (जल) की जवाबदेही होगी।

जिन अधिकारियों को अतिक्रमण खाली कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनकी जवाबदेही तय होगी। औचक निरीक्षण के अलावा गोपनीय सूचनाएं एकत्र की जाएंगी। अगर कहीं भी अवैध कब्जा या अतिक्रमण मिला तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।