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Daughter’s Right: विवाह के बाद पिता की संपत्ति में बेटी के अधिकार को लेकर जाने कानून

Daughter’s Right In property:भारत में बेटियों को पिता की संपत्ति में बराबर का अधिकार होता है। यह अधिकार शादी के बाद भी नहीं खत्म होता है। इसका मतलब है कि शादीशुदा बेटी भी पिता की संपत्ति में अपना हिस्सा पाने की हकदार होती है। यह अधिकार हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 द्वारा दिया गया है।

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विवाह के बाद पिता की संपत्ति में बेटी के अधिकार को लेकर जाने कानून

NEWS HINDI TV, DELHI  हमारे देश में पिता की संपत्ति पर बेटियों के अधिकारों से संबंधित क्या प्रावधान हैं इसको लेकर बहुत से लोगों में जानकारी का अभाव रहता है. खासकर महिलाओं को इसकी कम जानकारी होती है. बहुत सी महिलाएं यह मानकर चलती हैं कि इस संपत्ति से उनका कुछ भी लेना-देना नहीं है.

 

 

इसके अलावा तमाम सामाजिक परंपराओं की वजह से भी बेटियां पिता की संपत्ति में अपने अधिकारों से वंचित रह जाती हैं. यहां हम आपको बेटियों के पिता की संपत्ति (father's property) पर हक संबंधी कानूनी प्रावधानों के बारे में बताएंगे-

 

 

क्या कहता है हिंदू उत्तराधिकार कानून:


संपत्ति पर दावे और अधिकारों के प्रावधानों के लिए इस कानून को 1956 में बनाया गया था. इसके मुताबिक पिता की संपत्ति पर बेटी का उतना ही अधिकार है जितना कि बेटे का. बेटियों के अधिकारों को पुख्ता करते हुए इस उत्तराधिकार कानून (inheritance law) में 2005 में हुए संशोधन और 2020 में सुनाए गए एक फैसले ने पिता की संपत्ति पर बेटी के अधिकारों को लेकर किसी भी तरह के संशय को समाप्त कर दिया.

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में 2005 (Hindu Succession Act 2005) में संशोधन करके जहां यह स्पष्ट कर दिया गया कि पिता द्वारा खुद से अर्जित की गई संपत्ति पर बेटी का बेटों के बराबर हक है. इस दावे पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि पिता का देहांत बिना वसीयत बनाए हो गया है या बेटी विवाहित है अथवा नहीं. वहीं दूसरी ओर 2020 में सुनाए गए एक फैसले में कहा गया कि बंटवारे में मिलने वाली पैतृक संपत्ति पर भी बेटी अपना दावा कर सकती है.

संपत्ति पर बेटी के अधिकारों को लेकर हालिया फैसला-


सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल जनवरी में पिता की संपत्ति पर बेटी के अधिकारों को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया. इसमें प्रावधान किया गया कि पिता की संपत्ति (खुद से अर्जित की हुई और बंटवारे में मिली हुई) को विरासत में पाने का हक बेटियों को है. हिंदू पिता जिसका बिना वसीयत किए देहांत हो जाता है उनकी संपत्ति पर बेटी को परिवार के दूसरे सदस्य जैसे कि पिता के भाई या भाई के बेटे-बेटियों पर वरीयता दी जाएगी और अपने भाइयों के बराबर अधिकार होंगे.

संपत्ति ना मिलने पर जा सकती हैं न्यायालय-


पिता की संपत्ति में अधिकार (rights in father's property) का दावा करने के लिए बेटी न्यायालय जा सकती है. इसके लिए उसे दीवानी न्यायालय में मामला दायर करना होगा. दावा सही होने की स्थिति में बेटी को पिता की संपत्ति में अधिकार मिल जाएंगे.