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High Court ने बुजुर्ग माता पिता के हक में सुनाया बड़ा फैसला, बेटे-बेटी को दी ये सलाह

High Court Decision :ये तो हम सब जानते हैं कि अपने बच्चों के लिए जो माँ बाप कर सकते हैं। वो और कोई नहीं कर सकता हैं। माता - पिता अपने बच्चों को पालते - पोसते हैं। और पढ़ा लिखाकर इस लायक बनाते हैं कि वों अपने पैरों पर खड़े हो सकें। लकिन अक्सर आपने देखा होगा कि उनके बच्चें ही बुजुर्ग माता - पिता की सेवा करने से मना कर देते हैं। इसी मामले को लेकर हाईकोर्ट (High Court) ने बुजुर्ग माता पिता के हक में बड़ा फैसला सुनाया हैं। आप भी जान लें कोर्ट के इस अहम फैसले से जुड़ी पूरी जानकारी...
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High Court ने बुजुर्ग माता पिता के हक में सुनाया बड़ा फैसला, बेटे-बेटी को दी ये सलाह

NEWS HINDI TV, DELHI: कोर्ट के पास कुछ समय पपहले एक मामला आया था जिसमे कोर्ट ने बच्चों को, अपने बूढ़े माँ बाप को हर महीने मेन्टेन्स देने का फैसला सुनाया था और इस फैसले के खिलाफ बच्चों ने कोर्ट में याचिका दर्ज़ करवा दी थी। बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay high court) ने बेटा-बेटी को बुजुर्ग माता-पिता को मेटेनेंस देने के आदेश को कायम रखा है। कोर्ट ने फैसले में बताया था की दोनों बेटे माँ बाप को 10 10 हज़ार रूपए और बेटी 6 हज़ार रूपए प्रत्येक महीने देगी | 

इस फैसले के खिलाफ जो याचिका दर्ज़ करवाई उसमे बच्चों ने बताया की उनके पिता ने काफी पुस्तैनी संपत्ति (ancestral property) बेची है और उनके खाते में डेढ करोड़ रुपये से अधिक की रकम जमा है। पिता बुरी आदतों का शिकार थे। उन्होंने कभी हमारी ठीक से देख रेख नहीं की। पिता वित्तीय रूप से खुद का भरण-पोषण करने में सक्षम हैं। उनके बैंक खाते में जमा रकम से उन्हें पर्याप्त ब्याज की रकम मिलती है। इसके सीनियर सिटिजन (senior citizen) से जुड़े कानून के मुताबिक गुजारे भत्ते की रकम 10 हजार रुपये से अधिक नहीं हो सकती है पर इस मामले में मेंटेनेंस की कुल रकम 26 हजार हो गई है क्योंकि तीन बच्चे राशि दे रहे हैं | 

हर वरिष्ठ नागरिक को मिलता है इतना मेंटनेंस:

भारतीय कानून के मुताबिक देश के एक वरिश्ह्टः नागरिक को हर महीने 10 हज़ार का मेन्टेन्स मिलने का अधिकार है और यहां एक नहीं बल्कि 2 बुज़ुर्ग है तो इसकलिये ये राशि 10 की जगह 20 हज़ार हो जाती है |

8 हफ्तों में देनी होगी बकाया राशि:

जस्टिस मारने (Justice Marne) ने कहा कि जिन बुजुर्गों के एक से अधिक बच्चे है। उन्हें ज्यादा मेंटेनेंस की रकम मिले। इस तह जस्टिस मारने ने कहा कि बेटे को 6 हजार और बेटी को 4 हजार रुपये देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मेंटेनेंस की बकाया रकम 8 हफ्ते में देने का निर्देश दिया।