UP के इन मकानों और दुकानों की कीमतों में होगी गिरावट, खरीदने वाले जान लें पूरी अपडेट
NEWS HINDI TV, DELHI: यूपी के विकास प्राधिकरणों तथा आवास विकास (UP News) के लंबे समय से न बिक पाने वाले फ्लैटों (unsold flats), मकानों तथा दुकानों की कीमतें कम होंगी। शासन ऐसी अनिस्तारित संपत्तियों के लिए नई कास्टिंग गाइडलाइन तैयार करा रहा है। इसके लागू होने के बाद सभी की कास्टिंग एक नियम से होगी। नई कास्टिंग गाइडलाइन के लिए शासन स्तर पर आवास सचिव तथा प्राधिकरणों के स्तर पर एलडीए (LDA) के वित्त नियंत्रक दीपक सिंह की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। इनसे शीघ्र रिपोर्ट देने को कहा गया है।
प्रदेश के प्राधिकरणों और आवास विकास (Authorities and Housing Development) की लगभग 20000 संपत्तियां ऐसी हैं, जो लंबे समय से नहीं बिक रही हैं। इससे अरबों रुपये फंसे हैं। कई जगह तो 10 से 15 वर्षों से मकान, फ्लैट तथा दुकानें न बिकने से खण्डहर हो रहे हैं। शासन ने इन्हें अनिस्तारित सम्पत्ति माना है। अब इनकी कीमतें कम करने की कवायद की जा रही है। एलडीए ने पूर्व में अपने यहां कुछ कीमतें घटाई थीं, लेकिन प्रदेश के अन्य प्राधिकरण तथा आवास विकास पुरानी दरें ही लिए बैठे हैं। इससे इनके मकान (House) नहीं बिक पा रहे हैं।
अब नई कास्टिंग गाइडलाइन (new casting guideline) में से कास्टिंग से कुछ मद हटाए जाएंगे। प्राधिकरण स्तर पर एलडीए के वित्त नियंत्रक दीपक सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी में एलडीए तथा आवास विकास के मुख्य अभियंता के अलावा अन्य अधिकारी भी शामिल हैं। इन्हें प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजना है। शासन की कमेटी इसका परीक्षण कर नई गाइडलाइन को मंजूरी देगी। आवास बंधु के निदेशक रवि जैन ने दो फरवरी को एलडीए व आवास विकास (LDA and housing development) को पत्र लिखकर इसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है।
आवास विकास के 4255 करोड़ के 10350 फ्लैट:
आपको बता दें कि अकेले आवास विकास के 10350 फ्लैट खाली (flat vacant) हैं, जिनकी निर्माण लागत 4255 करोड़ रुपये है। ये फ्लैट 10 से 15 वर्ष पुराने हैं। इसी तरह एलडीए के करीब 2000 फ्लैट खाली हैं। गाजियाबाद तथा कानपुर विकास प्राधिकरण के भी काफी फ्लैट रिक्त हैं। नई गाइडलाइन से कीमतें लोगों की पहुंच में आ जाएंगी।
जानिए क्या बोले अधिकारी:
श्रीवास्तव ने बताया कि अनिस्तारित सम्पत्तियों की कास्टिंग (Casting of Unexpired Assets) के लिए नई गाइडलाइन तैयार हो रही है। शासन ने इसके लिए कमेटी बनाई है। नई गाइडलाइन प्रदेश के सभी प्राधिकरणों तथा आवास विकास में लागू होगी। इसके लागू होने होने के बाद अनिस्तारित संपत्तियों की कीमतें कम करने पर निर्णय लेना आसान हो जाएगा।