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इन 6 तरीकों से कम करें होम लोन की EMI, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

Home Loan : होम लोन (Home Loan)ने आम आदमी के लिए घर (House) खरीदना आसान कर दिया है. खासकर बड़े Loan पर घर लेने का कर रहे है प्लान तो इन 6 तरीकों से कम करें EMI. 

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इन 6 तरीकों से कम करें होम लोन की EMI, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

NEWS HINDI TV, DELHI:  बहुत से लोगों के लिए अपना घर होना एक सपना होता है, क्योंकि घर खरीदना सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णयों में से एक है। हालांकि, इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए पर्याप्त धन की आवश्यकता होती है। शायद ही कोई होगा, जो कैश देकर घर खरीदता होगा। जाहिर-सी बात है कि आप इसके लिए लोन लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके लोन पर लगने वाला ब्याज किन चीजों पर निर्भर करता है।

ध्यान रहे, ब्याज दर आपके लोन की लागत (cost of loan) को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है। यहां तक कि ब्याज में एक छोटा-सा अतिरिक्त प्रतिशत भी आपकी ईएमआई और लोन रिपेमेंट में बड़ा अंतर ला सकता है। आइए, उन प्रमुख कारकों पर चर्चा करें, जो होम लोन की ब्याज दरों (home loan interest rates) को प्रभावित कर सकते हैं।


 

क्रेडिट स्कोर


क्रेडिट स्कोर आपके लोन के री-पेमेंट, वित्तीय अनुशासन या आदतों का विवरण होता है। यह किसी व्यक्ति की साख का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। वित्तीय संस्थान इसी की मदद से लोन देते हैं। उधार देने के जोखिम को निर्धारित करने के साथ-साथ ब्याज दर तय करने के लिए बैंक इसे एक पैरामीटर के रूप में उपयोग करते हैं।

आपका क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होगा, बैंक के लिए आप उतनी ही कम जोखिम वाली कैटेगरी में आएंगे।इससे आपके ऋण की ब्याज दर कम होगी। खराब क्रेडिट स्कोर के परिणामस्वरूप या तो आपका लोन पास नहीं होगा और यदि पास होगा तो ब्याज आपको तगड़ा देना होगा।


ऋण की राशि


ऋण की राशि ब्याज दरों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है। अगर आप ज्यादा कर्ज चाहते हैं तो इसमें बैंकों का अधिक जोखिम होता है। अधिक पैसा दांव पर होता है तो इस बात की अधिक संभावना होती है कि बैंक ब्याज भी ऊंचा वसूल करेंगे। घर खरीदने के लिए उधार लेने की योजना बनाते समय यह गणना करना महत्वपूर्ण है कि आपको कितने कर्ज की आवश्यकता है।

डाउन पेमेंट


डाउन पेमेंट का आकार भी ब्याज दर निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक बड़ा डाउन पेमेंट लोन की राशि को कम कर देता है। ऋणदाता इसे कम जोखिम वाले के रूप में देखते हैं। एक बड़ा डाउन पेमेंट लोन के ब्याज पर अनुकूल प्रभाव डालता है और इससे ब्याज दर कम हो जाती है।

कितना लंबा है लोन


यदि आप लोन की अवधि कम रखते हैं तो आपको कम ब्याज देना होगा, क्योंकि बैंक कम अवधि के लिए पैसा उधार देकर कम जोखिम उठा रहा है।


किस तरह का लोन ले रहे हैं


इस बात से भी बहुत फर्क पड़ता है कि आप लोन के रूप में किस तरह का प्रोडक्ट चुन रहे हैं। कई बार विज्ञापन में जो चीजें दिखाई जाती हैं वो जमीनी हकीकत से भिन्न होती हैं या उनमें ढेर सारी शर्तें लगी होती हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप लोन चुनते समय विशेष सावधान रहें।


बाजार की स्थिति


बाजार की स्थिति जैसे मुद्रास्फीति, आर्थिक विकास और सरकार की नीतियां भी ब्याज दरों को प्रभावित कर सकती हैं। बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण ब्याज दर अधिक हो सकती है। जब अर्थव्यवस्था में मजबूत वृद्धि देखी जा रही है तो कोई बैंक धन उधार देने के लिए इच्छुक हो सकता है। इससे ब्याज दरें कम हो सकती हैं।