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Rule for Ancestral Property : पैतृक संपत्ति से क्या माता-पिता बेदखल कर सकते हैं या नही, जानिए क्या कहता है कानून

Property Knowledge :पैतृक संपत्ति (Ancestral Property) का मतलब अपने पिता, दादा या परदादा से विरासत में मिली संपत्ति से है। अगर इसे हम आसान भाषा में समझाएं तो विरासत में मिली पिछली चार पीढ़ियों तक की संपत्ति को पैतृक संपत्ति (Ancestral Property) कहा जाता है। जन्म के साथ ही हर व्यक्ति का पैतृक संपत्ति पर अधिकार हो जाता है।  आपने देखा होगा की बहुत से माता-पिता  अपने बच्चों को बेदखल (What Is evict) कर देते है, जानिए नीचे खबर में क्या माता-पिता बच्‍चों को पैतृक संपत्ति से भी कर सकते है बेदखल...
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Rule for Ancestral Property :  पैतृक संपत्ति से क्या माता-पिता बेदखल कर सकते हैं या नही, जानिए क्या कहता है कानून

NEWS HINDI TV, DELHI: अकसर लोगो को प्रोपर्टी से जुड़ी जानकारी (Property related information) का अभाव होता है, जो बाद में विवाद का कारण बनते है, ऐसे ही कई विवादों के चलते मा बाप अपने बच्चो से परेशान होकर उन्हे बेदखल (What Is evict) करने की कगार तक पहुंच जाते है, कानूनी अधिकारों के तहत माता-पिता को अपनी औलाद को बेदखल  (how to evict) करने का पूरा-पूरा अधिकार है। 

बेदखली का मतलब तो आप जानते ही होंगे 'पूरी तरह से उससे दूरी बना लेना' अब कई लोगो के मन में सवाल उठता है की माता-पिता अपने बच्चों को किन-किन संपत्तियों से बेदखल (evicted from properties) कर सकते है। तो चलिए जानते है की कौन सी संपत्ति (Property Knowledge)से कर सकते है बेदखल...

 

 

 

 

जमीन के बारे में पूरी जानकारी (Property related news) का होना हमारे लिए काफी जरूरी है, अकसर आपने देखा होगा की मुख्य रूप से दो प्रकार से जमीन अर्जित की जाती है. 


1)स्वयं अर्जित की हुई संपत्ति
 2)पैतृक संपत्ति 

 स्वयं अर्जित की हुई संपत्ति (self acquired property)


जो व्यक्ति ने खुद से खरीदी है या उपहार,दान या किसी के द्वारा हक त्याग (अपने हिस्से की जमीन को ना लेना) आदि से प्राप्त की है. इस तरह की संपत्ति को स्वयं अर्जित की हुई संपत्ति कहा जाता है. 

पैतृक संपत्ति (ancestral property)


जो कि पिता ने अपने पूर्वजों से प्राप्त की है. इस प्रकार से अर्जित की गई जमीन को पैतृक संपत्ति की श्रेणी में रखते हैं. पैतृक संपत्ति को खुद से खरीदी गई संपत्ति की तुलना में बेचने को लेकर कानून थोड़े कड़े हैं.


बताया जाता है की माता-पिता अपने बच्चों को सिर्फ उनके द्वारा अर्जित प्रॉपर्टी से ही बेदखल(evicted from acquired property) कर सकते है, इतना ही नहीं, अगर माता-पिता को लगता है कि उनकी संतान उनके साथ सही बर्ताव नहीं कर रही है तो वह उसे दी गई संपत्ति को वापस भी ले सकते हैं. इसके लिए मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट में प्रावधान किया गया है. इसी एक्ट के तहत संतान को बेदखल भी किया जाता है.
 


कहां से कर सकते हैं बेदखल?


अक्सर सुनने को मिलता है कि पिता ने बेटे को संपत्ति से किया बेदखल(evicted from the property), अखबारों मे कई जगह बेदखल करने जैसे विज्ञापन भी देखने को मिलते हैं. हालांकि पिता की संपत्ति पर उसके बच्चों का हक (Rights of children on father's property) होता है. लेकिन कई बार इसे लेकर विवाद की स्थिति (state of dispute) पैदा हो जाती है. ऐसे में मां-बाप नहीं चाहते कि उनकी संपत्ति बेटे को मिले, तो आइए आपको बताते है की मा-बाप कौन सी जमीन-जायदाद से हक (title to property) छिन सकते है। 


इसका सीधा जवाब तो ‘नहीं’ है लेकिन इसमें अपवाद भी है. माता-पिता केवल अपनी अर्जित संपत्ति में से ही संतान को बेदखल कर सकते हैं. अगर उनके पास कोई पैतृक संपत्ति है तो उस पर उनके बेटे या बेटी का अधिकार (Son's or daughter's right in property) बेदखल होने के बाद भी रहेगा. हालांकि, एक बात यहां याद रखनी होगी कि अगर उस पैतृक संपत्ति में कहीं बंटवारा (division of ancestral property) हुआ है तो वह फिर पुश्तैनी नहीं रह जाती. वह प्रॉपर्टी पिछली 4 पीढ़ियों से अविभाजित ही रहनी चाहिए.

अपवाद


ऐसा नहीं है कि उत्पीड़न करने वाली संतान (abused child) हमेशा पैतृक संपत्ति में अधिकार का दावा (Claiming rights in ancestral property) कर सकती है. 2017 में अस्तित्व में आए मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट के तहत उत्पीड़त माता-पिता पुश्तैनी जायदाद से भी संतान को बेदखल करने के लिए अर्जी दायर कर सकते हैं. अगर कोर्ट उनकी शिकायत को सही पाता है तो वह बेदखली का आदेश दे सकता है. ऐसा 2020 में मुंबई में एक मामला सामने आ चुका है.