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Supreme Court Decision : सास ससुर की संपत्ति में बहू के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की बेंच ने दिया ऐतिहासिक फैसला

Supreme Court Decision : सुप्रीम कोर्ट ने बहू के पक्ष में आज गुरुवार को एक ऐतिहासिक फैसला दिया है. क्या आप जानते है की सास ससुर की संपत्ति में बहू के क्या-क्या अधिकार है, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सास ससुर की संपत्ति (property of mother-in-law and father-in-law) में बहू के अधिकार पर अहम फैसला सुनाया है, आइए खबर में जानते है सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की बेंच के इस फैसलें के बारे में विस्तार से।

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Supreme Court Decision : सास ससुर की संपत्ति में बहू के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की बेंच ने दिया ऐतिहासिक फैसला

NEWS HINDI TV, DELHI: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Decision) ने गुरुवार को एक एक ऐतिहासिक फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत बहू को अपने पति के माता-पिता के घर में रहने का अधिकार है। न्यायाधीश अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने तरुण बत्रा मामले में दो न्यायाधीशों की पीठ के फैसले को पलट दिया है।

 

 

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि परिवार की साझा संपत्ति और रिहायशी घर में भी घरेलू हिंसा की शिकार पत्नी को हक मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Decision) ने इस बाबत दिए अपने फैसले में साफ कहा है कि पीड़ित पत्नी को अपने ससुराल की पैतृक और साझा संपत्ति यानी घर में रहने का कानूनी अधिकार होगा। पति की अर्जित की हुए संपत्ति यानि अलग से बनाए हुए घर पर तो अधिकार होगा ही। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में घरेलू हिंसा कानून 2005 का हवाला देते हुए कई बातें स्पष्ट की है।

पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए दो सदस्यीय पीठ के फैसले को पलटते हुए 6-7 सवालों के जवाब भी दिए।पीठ ने यह फैसला साल 2006 के एसआर बत्रा और अन्य बनाम तरुण बत्रा के मामले की सुनवाई करते हुए सुनाया।


गौरतलब है कि तरुण बत्रा मामले में दो जजों की पीठ ने कहा था कि कानून में बेटियां, अपने पति के माता-पिता के स्वामित्व वाली संपत्ति में नहीं रह सकती हैं। अब तीन सदस्यीय पीठ ने तरुण बत्रा के फैसले को पलटते हुए 6-7 सवालों के जवाब दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि पति की अलग-अलग संपत्ति में ही नहीं, बल्कि साझा घर में भी बहू का अधिकार है।


मालूम हो कि पहले दो सदस्यीय पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि एक पत्नी के पास केवल अपने पति की संपत्ति पर अधिकार (rights on husband's property) होता है। तरुण बत्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता निधि गुप्ता ने ने दलील पेश की। उन्होंने कहा कि अगर बहू संयुक्त परिवार की संपत्ति है, तो मामले की समग्रता को देखने की जरूरत है। साथ ही उसे घर में निवास करने का अधिकार (right to reside in home) है। इसके बाद अदालत ने दलील को स्वीकार कर लिया।