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Supreme Court : LMV लाइसेंस धारक क्या चला सकते है हैव्वी व्हीकल, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया ये अहम जवाब

Supreme Court Verdict : ट्रैफिक के नियमों के मुताबिक बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाना कानूनी अपराध है। लेकिन फिर भी कुछ लोग जानबूझकर ऐसी गलती करते है। अब सवाल यह उठता है कि क्या LMV लाइसेंस धारक हैव्वी व्हीकल चला सकते हैं या नही? जानिए कि इस मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा।
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Supreme Court : LMV लाइसेंस धारक क्या चला सकते है हैव्वी व्हीकल, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया ये अहम जवाब

NEWS HINDI TV, DELHI : ट्रैफिक के नियम अभी भी आधे से जयादा लोग नही जानते है। इनका उल्लंघन तो लोगो के लिए आम बात बन गई है। इस खबर में एक सवाल पर चर्चा होगी कि क्या LMV लाइसेंस धारक (LMV license holder) हैव्वी व्हीकल चला सकते हैं या नही? केंद्र ने बुधवार को बताया कि सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति ने उस कानूनी सवाल की जांच के बाद एक मसौदा रिपोर्ट प्रस्तुत की है कि क्या हल्के मोटर वाहन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति भी कानूनी तौर पर बिना भार वाले 7500 किलोग्राम तक का परिवहन वाहन चलाने का हकदार है।

चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ (Chief Justice D.Y. Chandrachur) की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए केंद्र को 15 अप्रैल तक का समय दिया है। साथ ही कहा है कि यदि मामला अनसुलझा रहता है तो वह याचिकाओं पर सुनवाई करेगी और फैसला सुनाएगी।


न्यायालय पीठ ने कहा दरअसल, यह आधा सुना हुआ मामला है। हमने इसे काफी हद तक सुना है, हम आपको (सरकार को) मामले को सुलझाने के लिए समय देंगे। अगर इसका समाधान नहीं हुआ तो हम मामले की सुनवाई (hearing of case) करेंगे और कानून बनाएंगे। पीठ में न्यायमूर्ति ऋषिकेष रॉय, न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा, न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति मनोज सिन्हा भी शामिल हैं।

इस मामले में कोर्ट ने कहा अंततः, अगर संसद हस्तक्षेप करना चाहती है, तो वह हमेशा ऐसा कर सकती है। पीठ ने रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए फरवरी के मध्य तक का समय दिया और सरकार से वादी पक्षों को इसकी प्रतियां उपलब्ध कराने को कहा। इसमें कहा गया है कि याचिकाओं को अब 16 अप्रैल को निर्देश पारित करने के लिए रखा जाएगा और सुनवाई (Supreme court decision) 23 अप्रैल से शुरू होगी।

Supreme Court ने बताया कि अटॉर्नी जनरल का कहना है कि सरकार द्वारा नियुक्त समिति की मसौदा रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। वह इसकी जांच के लिए समय देने का अनुरोध करेंगे। कार्यवाही अब 16 अप्रैल को निर्देशों के लिए सूचीबद्ध की जाएगी और समझा जाता है कि यदि उस दिन भारत संघ द्वारा मुद्दे का समाधान (Resolution of the issue by the Union of India) नहीं किया जाता है, तो कार्यवाही 23 अप्रैल 2024 को सुनवाई के शेष भाग के समापन के लिए सूचीबद्ध की जाएगी।