Tenant Rights : अब नहीं चलेगी मकान मालिकों की मनमर्जी, किराएदारों को मिले ये अधिकार
Tenant Rights : आए दिन किराएदार और मकान मालिकों के झगड़े के मामले कोर्ट में आए रहते हैं इसकी वजह है कि मकान मालिक अपनी मनमानी करते हैं। किराएदार की मजबूरी का फायदा उठाते रहते हैं जिसकी वजह से किराएदार तंग आकर कोर्ट का सहारा लेते हैं। तो आज हम आपको बताएंगे किराएदारों के कुछ अधिकारों के बारे में जो हर व्यक्ति को जरुर जान लेना चाहिए।
NEWS HINDI TV, DELHI : आज के समय में घर बनाने के लिए बड़ी पूंजी की जरूरत होती है, इस कारण तमाम लोग ताउम्र खुद का घर नहीं बना पाते और किराए के मकान में रहकर गुजर-बसर करते हैं। वहीं तमाम लोग नौकरी की तलाश में अपने घर को छोड़कर महानगरों में आते हैं और किराए के मकान में रहकर अपना काम चलाते हैं। लेकिन कई बार मकान मालिक मनमानी करते हैं और किराएदार( Tenant Rights ) की मजबूरी का फायदा उठाते हैं।
कभी भी वे किराएदारों को किराया बढ़ाने के लिए कह देते हैं या अचानक से मकान खाली करने के लिए बोल देते हैं। ऐसे में किराएदारों को परेशान होना पड़ता है। किराएदार( tenant verification ) परेशान इसलिए होते हैं क्योंकि वे अपने अधिकार नहीं जानते। अगर आप भी Rent पर रहते हैं तो आपको किराएदार के कुछ अधिकारों के बारे में जरूर पता होना चाहिए, ताकि आपकी मजबूरी का कोई गलत फायदा न उठा सके।
किराएदार के अधिकार-
कानून कहता है कि रेंट एग्रीमेंट में लिखी समय सीमा से पहले मकान मालिक किराएदार को मकान से नहीं निकाल सकता। अगर किराएदार ने 2 महीने से रेंट न दिया हो या उसके मकान का इस्तेमाल कॉमर्शियल काम या किसी ऐसे काम के लिए कर रहा हो, जिसका जिक्र रेंट एग्रीमेंट( rent agreement ) में न हो, तो वो किराएदार से मकान खाली करने के लिए कह सकता है। लेकिन इस स्थिति में भी मकान मालिक को किराएदार को 15 दिनों का नोटिस देना पड़ता है।
इस बात के लिए इनकार नहीं कर सकता मकान मालिक-
अगर मकान मालिक मकान का किराया बढ़ाना चाहता है तो उसे किराएदार को कम से कम तीन महीने पहले इसके लिए नोटिस देना चाहिए। अचानक से किराया नहीं बढ़ा जा सकता। इसके अलावा मकान मालिक से बिजली का कनेक्शन पीने का साफ पानी पार्किंग जैसी साधारण सुविधा मांगना किराएदार का अधिकार( tenants rights ) है। कोई भी मकान मालिक इससे इनकार नहीं कर सकता।
विवाद की स्थिति में रेंट अथॉरिटी से करें संपर्क-
रेंट एग्रीमेंट लागू होने के बाद अगर मकान का ढांचा खराब हो जाता है, तो उसे ठीक कराने का जिम्मा मकान मालिक का होता है। लेकिन अगर मकान मालिक उसे रेनोवेट कराने की स्थिति में नहीं है, तो किराएदार मकान का किराया कम करने के लिए कह सकता है। किसी विवाद की स्थिति में किराएदार रेंट अथॉरिटी( Rent Authority ) से भी संपर्क कर सकता है।
अगर किसी कारण से किराएदार की मृत्यु हो जाए, तो मकान मालिक उसके परिवार को घर खाली करने के लिए नहीं कह सकता। वो चाहे तो शेष अवधि के लिए एक नया एग्रीमेंट बनवा सकता है।
बार-बार डिस्टर्ब नहीं कर सकता मकान मालिक-
रेंट एग्रीमेंट लागू होने के बाद कोई भी मकान मालिक उसे बार-बार डिस्टर्ब नहीं कर सकता। अगर मकान मालिक किराएदार के घर रिपेयर से जुड़े किसी काम या दूसरे मकसद से घर आना चाहता है तो उसे कम से कम 24 घंटे पहले किराएदार को लिखित नोटिस देकर सूचित करना चाहिए।इसके अलावा अगर किराएदार घर में नहीं है तो मकान मालिक उसके घर के ताले को नहीं तोड़ सकता और न ही उसका सामान घर से बाहर निकाल सकता है।
किराएदार को हर महीने किराया( House rent ) देने पर रसीद लेने का अधिकार है। अगर मकान मालिक समय से पहले किराएदार को निकालता है तो कोर्ट में रसीद को सबूत के तौर पर दिखाया जा सकता है।