UP में नहीं रहेगा वरासत की संपत्ति पर विवाद, सरकार ने उठाया यें बड़ा कदम
NEWS HINDI TV, DELHI : 'आपकी जमीन, आपका अधिकार, सबको मिले अपना उत्तराधिकार' के संकल्प के साथ शुरू हुए विशेष वरासत अभियान से राज्य के करीब 1,08000 राजस्व गांवों में वर्षों से लंबित पड़े वरासत के प्रकरणों को निस्तारित किया जाएगा। इसके लिए बाकायदा हेल्पलाइन नम्बर (0522-2620477) जारी किया गया है।
इस अभियान से जहां तहसीलकर्मियों की मनमानी पर रोक लगेगी, वहीं भूमि विवादों पर भी काफी हद तक अंकुश लगेगा। तहसील दिवस पर भूमि से संबंधित प्रकरण ही सबसे अधिक आते हैं। इसके अलावा पुलिस के आंकड़ों में भी भूमि विवाद से संबधित मामले ही हर साल सबसे ज्यादा दर्ज होते हैं। इसकी सबसे प्रमुख वजह लेखपाल के स्तर से समय से भूमि के प्रकरणों पर निर्णय समय से न लेना ही होता है। इस अभियान का मकसद उत्तराधिकार के सभी मामलों का निपटारा करना है।
पांच चरणों में चल रहा अभियान
15 फरवरी तक चलने वाला विशेष वरासत अभियान पांच चरणों में चल रहा है। पहला चरण 15 दिसंबर से 30 दिसंबर तक 2020 तक, दूसरा चरण 31 दिसंबर 2020 से 15 जनवरी 2021 तक, तीसरा चरण 16 जनवरी से 31 जनवरी 2021 तक, चौथा चरण एक फरवरी से 7 फरवरी 2021 तक और पांचवा चरण 8 फरवरी से 15 फरवरी 2021 तक चलाया जा रहा है। पहले चरण में राजस्व/तहसील अधिकारी राजस्व गांवों में कार्य्रम बनाकर वरासते हेतु प्रार्थनापत्र लेने और उसे ऑनलाइन करने की प्रक्रिया की जाएगी।
दूसरे चरण में लेखपालों द्वारा ऑनलाइन जांच प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। तीसरे चरण में राजस्व निरीक्षक द्वारा जांच व आदेश पारित करने की प्रक्रिया की जाएगी। चौथे चरण में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यूपी में उत्तराधिकार विवाद का कोई भी प्रकरण दर्ज होने से शेष नहीं है। पांचवें और अंतिम चरण में जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारियों, उप-जिलाधिकारियों व अन्य अफसरों द्वारा निर्विवाद उत्तराधिकार के समस्त लम्बित प्रकरणों को पूर्ण कराना सुनिश्चित किया जाएगा।
हेल्पलाइन नंबर पर करें कॉल
राजस्व परिषद की वेबसाइट पर खुद ही वरासत मामलों का रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। खुद नहीं कर सकते तो जनसेवा केंद्रों में जाकर प्रार्थना पत्र भर सकते हैं। इसके लिए 0522-2620477 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नम्बर 1076 पर भी आप कॉल कर सकते हैं। साथ ही abhiyanvarasat@gmail.com पर ई-मेल भी किया जा सकता है।