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UP New Highway : यूपी का ये नया हाईवे 9 जिलों से होकर गुजरेगा, बिजनेस काे भी मिलेगा फायदा

UP New Highway : एक रिपोर्ट के हवाले से ऐसा कहा जा रहा है कि यूपी का ये नया हाईवे नौ जिलों से होकर गुजरेगा। जिसके चलते बिजनेस को भी एक नई रफ्तार मिलेगी... आइए नीचे खबर में जानत है इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी। 
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UP New Highway : यूपी का ये नया हाईवे 9 जिलों से होकर गुजरेगा, बिजनेस काे भी मिलेगा फायदा

NEWS HINDI TV, DELHI: गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे बनने के बाद वेस्ट यूपी वालों को बड़ा फायदा साबित होगा। इसको लेकर बीते दिनों केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के द्वारा बैठक की गई. बताया जा रहा है कि केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने बहुत ही जल्द इस को लेकर डीपीआर मांगी है। जिसके बाद इसका पता चल जाएगा कि प्रोजेक्ट कुल कितना पैसा खर्च होगा। 

 

 


390 किलोमीटर लंबा होगा एक्सप्रेसवे-

 

 


नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि डीपीआर रिपोर्ट बनने के बाद करीब एक साल के भीतर जमीन अधिग्रहण का लक्ष्य पूरा किया जाएगा और टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक जमीन अधिग्रहण का 90% काम पूरा ही गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे का काम शुरू हो जाएगा। यह एक्सप्रेसवे 390 किलोमीटर लंबा होगा। बीते दिनों इसको लेकर परिवहन मंत्रालय में बैठक हुई है। जिसमें डीपीआर रिपोर्ट जल्द से जल्द मांगी गई है। 


इन 9 जिलों से होकर गुजरेगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे-


गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 9 जिलों (गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव और कानपुर) से होकर गुजरेगा। एनएचएआई के अधिकारी ने बताया कि अभी कानपुर और गाजियाबाद को जोड़ने वाले यमुना एक्सप्रेसवे पर चलने वाले यात्रियों को लगभग 6 घंटे लगते हैं। जबकि एनएच-9 पर यात्रा करने वालों को कम से कम आठ 8 लगते हैं। यह नया एक्सप्रेसवे यात्रियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। यह यात्रा के समय को घटाकर केवल तीन घंटे कर देगा। मतलब, यात्रा का वक्त 3 से 5 घंटे कम हो जाएगा। 

चार लेन से शुरू होगा और 8 लेन तक विस्तार सम्भव-


नए एक्सप्रेसवे की योजना के मुताबिक यह 4 लेन का बनाया जाएगा। इस आर्थिक गलियारे को पुलिया और अंडरपास पर 6 लेन तक बनाया जाएगा। भविष्य में इसे 8 लेन तक चौड़ा करने के लिए जमीन अधिग्रहीत करके रिजर्व में रखी जाएगी। इस कॉरिडोर से यात्रा के समय और लागत में कटौती होगी। यह कॉरिडोर पश्चिम उत्तर प्रदेश मध्य उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड तक उद्योगों के लिए वरदान साबित होगा।