Wheat Price Hike : गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
NEWS HINDI TV, DELHI : देश में महंगाई (Dearness) से आम जनता त्रस्त हो चुकी है. चावल और दाल के बाद अब गेहूं भी महंगा हो गया है. इसका असर रिटेल मार्केट (retail market) पर भी पड़ा है. गेहूं महंगा होने के चलते आटे की कीमतें भी बढ़ गईं. इससे गरीब की थाली से दाल के बाद अब रोटी भी गायब हो गई है. लेकिन इस महंगाई (Dearness) से जल्द ही आम लोगों को राहत मिल सकती है. गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा प्लान बनाया है.
जानकारी के मुताबिक, गेहूं (Wheat) की कीमतों को कम करने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही इंपोर्ट ड्यूटी को कम कर सकती है. इसको लेकर सरकार ने अपनी सहमति दे दी है. कहा जा रहा है कि अगले दो से तीन दिनों में इंपोर्ट ड्यूटी कम करने के लिए सरकार की ओर से नोटिफिकेशन (Notification) जारी की जा सकती है. सरकार को ऐसी उम्मीद है कि इंपोर्ट ड्यूटी घटाने से गेहूं की उच्च कीमतों में गिरावट आएगी. इससे आम जनता को काफी राहत मिलेगी.
कोस्टल राज्यों को बहुत बेनिफिट मिलेगा -
दरअसल, रिटेल मार्केट में गेहूं का रेट पिछले 6 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया है. खास कर जून से जुलाई के बीच इसकी कीमतों में 2.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में सरकार को लग रहा है कि इंपोर्ट ड्यूटी (import duty) हटाने से महंगाई को नियंत्रित किया जा सकता है. वर्तमान समय में गेहूं पर 40 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी लगती है. लेकिन सरकार इंपोर्ट ड्यूटी कम करने के बजाए पूरी तरह से खत्म भी कर सकती है. इससे कीमतों में कुछ हद तक गिरावट आ सकती है. खास बात यह है कि गेहूं पर इंपोर्ट ड्यूटी कम या खत्म करने से कोस्टल राज्यों को बहुत बेनिफिट मिलेगा.
गेहूं की कीमत मंगलवार 25,440 रुपये के पार पहुंच गई -
बता दें कि महंगाई (Dearness) का आलम यह है कि मध्य प्रदेश के इंदौर में गेहूं की कीमत मंगलवार 25,440 रुपये के पार पहुंच गई. इसकी कीमतें 1.5 प्रतिशत बढ़कर 25,446 रुपये प्रति मीट्रिक टन पर पहुंच गईं. खास बात यह है कि पिछले चार महीनों में कीमतें लगभग 18 प्रतिशत बढ़ी हैं. व्यापारियों का कहना है कि इस महीने से त्योहारों का सीजन शुरू हो जाएगा. इससे मार्केट में गेहूं की डिमांड बढ़ जाएगी. ऐसे में सरकार को मांग को पूरा करने के लिए अपने स्टॉक से खुले बाजार में गेहूं जारी करना चाहिए.